'मिताली' से 'मंधाना' तक, पुरुष खिलाड़ियों के मुकाबले कितना फीस पाती हैं ये महिला क्रिकेटर
Indian Women Cricket Team: 21वीं सदी के भारत में महिला और पुरुष को बराबरी का दर्जा दिए जाने की बात कही जाती है. लेकिन हकीकत ये है कि आज भी महिलाओं को पुरुषों से नीचे रखा जाता है. फिल्म इंडस्ट्री से लेकर क्रिकेट तक, महिलाओं को मिलने वाली फीस इस बात की गवाही देती है.
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भारतीय महिला क्रिकेट टीम न्यूजीलैंड में आयोजित वर्ल्ड कप में अपना बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है. शनिवार को टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज को 155 रन से हरा दिया. वेस्टइंडीज के खिलाफ महिला वनडे वर्ल्ड कप में भारत की ये लगातार सातवीं जीत है. इससे पहले टीम इंडिया ने इंडीज को साल 1993, 1997, 2005, 2009, 2013 और 2017 में खेले गए वर्ल्ड कप के मैच में धूल चटाई थी. इतना ही नहीं महिला क्रिकेट टीम की तीन खिलाड़ी अपने बेहतरीन प्रदर्शन की वजह से सुर्खियों में बनी हुई हैं. इसमें टीम की कप्तान मिताली राज, बल्लेबाज स्मृति मंधाना और गेंदबाज झूलन गोस्वामी का नाम शामिल है.
मिताली राज बतौर कप्तान सर्वाधिक महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप मैच खेलने वाली दुनिया की पहली खिलाड़ी बनी हैं. उन्होंने सेडॉन पार्क में वेस्टइंडीज के खिलाफ वर्ल्ड कप के तीसरे और ओवरऑल 24वें मैच के दौरान यह उपलब्धि हासिल की है. भारतीय टीम की तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने भी इस वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेलते हुए इतिहास रच दिया है. वर्ल्ड कप के 10वें मुकाबले में वेस्टइंडीज की अनीसा मोहम्मद का विकेट लेने के बाद सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज बन गईं है. उन्होंने वर्ल्ड कप का 40 विकेट लिया है. वहीं, ओपनर स्मृति मंधाना ने वर्ल्ड कप में लगातार दो शतक ठोका है.
देखा जाए तो पुरुष क्रिकेट टीम के मुकाबले महिला टीम भी लगातार बेहतरीन परफॉर्मेंस कर रही है, लेकिन उसकी तुलना में उनको न तो सुविधाएं मिलती हैं, न ही पैसा. इसकी वजह से कई बार महिला क्रिकेटरों में असंतोष भी देखा गया है. ऐसा भी क्यों न, जब समान पद पर सैलरी में ज्यादा अंतर होगा, तो कोई भी नाराज होगा. जैसे कि भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा को तीन मैच खेलने के लिए 18 लाख रुपए मिलते हैं, वहीं महिला टीम की कप्तान मिताली राज को इतने ही मैच के महज एक लाख रुपए मिलते हैं. इस तरह दोनों की फीस के बीच 18 गुना का अंतर है. 21वीं सदी में महिला-पुरुष के बीच ये अंतर हैरान करता है.
भारतीय महिला और पुरुष क्रिकेट टीम के लिए सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट 2015-16:
महिला टीम: ग्रेड ए (15 लाख रुपये), ग्रेड बी (10 लाख रुपये)
पुरुष टीम: ग्रेड ए (1 करोड़ रुपये), ग्रेड बी (50 लाख रुपये) और ग्रेड सी (25 लाख रुपये)
भारतीय महिला और पुरुष क्रिकेट टीम के लिए सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट 2021-22:
महिला टीम: ग्रेड ए (50 लाख रुपये), ग्रेड बी (30 लाख रुपये) और ग्रेड सी (10 लाख रुपये)
पुरुष टीम: ग्रेड ए+ (7 करोड़ रुपये), ग्रेड ए (5 करोड़ रुपये), ग्रेड बी (3 करोड़ रुपये) और ग्रेड सी (1 करोड़ रुपये)
आइए अब कुछ प्रमुख महिला क्रिकेटरों की फीस के बारे में जान लेते हैं...
1. ऋचा घोष (Richa Ghosh)
ग्रेड- सी
फीस- 10 लाख रुपए सलाना
महिला क्रिकेट टीम की विकेटीकपर ऋचा घोष इस वक्त अपना डेब्यू वर्ल्ड कप खेल रही हैं. उन्होंने अपने पहले ही वर्ल्ड कप में कमाल कर दिया है. पाकिस्तान के खिलाफ पंजा मारकर नया वर्ल्ड रिकॉर्ड तक बना डाला है. वह वर्ल्ड कप डेब्यू में पांच शिकार करने वालीं पहली विकेटकीपर भी बन गईं हैं. उन्होंने चार कैच पकड़े जबकि एक स्टंपिंग की थी. उन्होंने सलामी बल्लेबाज सिदरा अमीन (30), कप्तान बिस्माह मारूफ (15), मध्यक्रम की बल्लेबाज निदा डार (4), नश्रा संधू (0) का कैच लपका और आलिया रियाज (11) को स्टंप आउट किया था. बीसीसीआई ने ऋचा घोष को सी ग्रेड में रखा है, इसलिए उनको 10 लाख रुपए फीस हर साल दी जानी है.
2. स्मृति मंधाना (Smriti Mandhana)
ग्रेड- ए
फीस- 50 लाख रुपए सलाना
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ओपनर स्मृति मंधाना को बीसीसीआई ने ए ग्रेड में रखा है. उनको 50 लाख रुपए सलाना फीस दी जाती है. मंधाना के बेहतरीन खेल को देखते हुए भारत सरकार ने अर्जुन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया है. उनको बीसीसीआई ने बेस्ट वूमेन इंटरनेशनल क्रिकेटर का खिलाब भी दिया है. इस बार वर्ल्ड कप में भी वो अपने धमाकेदार पारी से टीम को मजबूत कर रही हैं. उनके नाम एक रिकॉर्ड भी बना है. न्यूजीलैंड के हैमिल्टन के सेडन पार्क में स्मृति मंधाना के बल्ले से निकली शतकीय पारी की वजह से टीम इंडिया मैच जीतने में कामयाब रही है. इतना ही नहीं इस वर्ल्ड कप में उनका ये लगातार दूसरा शतक है. वैसे अपने करियर में वो कुल पांच शतक लगा चुकी हैं, जिसमें से दो शतक तो उन्होंने इसी वर्ल्ड कप में बनाया है.
3. झूलन गोस्वामी (Jhulan Goswami)
ग्रेड- बी
फीस- 30 लाख रुपए सलाना
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने भी इस वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेलते हुए इतिहास रच दिया है. वर्ल्ड कप के 10वें मुकाबले में वेस्टइंडीज की अनीसा मोहम्मद का विकेट लेने के बाद सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज बन गईं है. उन्होंने वर्ल्ड कप का 40 विकेट लिया है. चकदा एक्सप्रेस नाम से मशहूर इस गेंदबाज साल 2002 में 19 साल की उम्र में इंग्लैंड के खिलाफ खेलते हुए अपना इंटरनेशनल करियर शुरू किया था. वेस्ट बंगाल के साधारण कस्बे चकदा में पली-बढ़ी हैं. वो भी एक ऐसे परिवार में, जो लड़कियों के खेलकूद की बजाय उनकी पढ़ाई-लिखाई और शादी विवाह के बारे में ज्यादा सोचता है. 15 साल की उम्र तक झूलन ने सपने में भी क्रिकेटर बनने के बारे में सोचा नहीं था. लेकिन साल 1997 में कोलकाता में आयोजित महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल मैच उनकी सोच बदल दी. झूलन को बीसीसीआई ने बी ग्रेड में रखा है. उनको सलाना 30 लाख रुपए फीस दी जाती है.
4. हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur)
ग्रेड- ए
फीस- 50 लाख रुपए सलाना
भारत की स्टार बल्लेबाज हरमनप्रीत कौर अपने धमाकेदार खेल के लिए जानी जाती हैं. उनके बल्ले के सामने दुनिया के बड़े-बड़े गेंदबाजों की बोलती बंद हो जाती है. इस वर्ल्ड कप में भी उनकी तूफानी पारी जारी है. वेस्टइंडीज के खिलाफ उन्होंने 107 गेंदों पर 109 रनों की पारी खेला है. इस दौरान 10 चौके और दो छक्के लगाए है. उनका वनडे क्रिकेट यह चौथा शतक है. इस पारी की बदौलत ने हरमनप्रीत ने अपने नाम एक खास रिकॉर्ड दर्ज कर लिया है. वो महिला वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाली भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं. उनका वर्ल्ड कप इतिहास में यह तीसरा शतक है. इस मामले में हरमनप्रीत ने अनुभवी मिताली राज और ओपनर स्मृति मंधाना को पीछे छोड़ दिया है. बीसीसीआई ने कौर को ए ग्रेड में रखा है. उनको 50 लाख फीस मिलती है.
5. मिताली राज (Mithali Raj)
ग्रेड- ए
फीस- 50 लाख रुपए सलाना
'लेडी सचिन' के नाम से मशहूर 39 साल की मिताली राज महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हैं. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 10 हजार रन बनाने वाली पहली भारतीय महिला क्रिकेटर भी हैं. उन्होंने ये रिकॉर्ड पिछले साल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चल रही एक दिवसीय क्रिकेट सीरीज के दौरान लखनऊ में बनाया था. अपना आखिरी वर्ल्ड कप खेल रही मिताली ने न्यूजीलैंड में भी एक नया रिकॉर्ड बनाया है. वो तौर कप्तान सर्वाधिक आईसीसी महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप मैच खेलने वाली दुनिया की पहली खिलाड़ी बन गई हैं. मिताली अपना छठा वर्ल्ड कप खेल रही हैं. वो साल 2005 के वर्ल्ड कप में पहली बार टीम की कप्तान बनी थीं, तब भारतीय टीम उप विजेता रही थी. उनके नाम कई रिकॉर्ड हैं. वह एकदिवसीय मैचों में लगातार सात अर्धशतक बनाने वाली पहली महिला क्रिकेटर हैं. मिताली से आगे पाकिस्तान के जावेद मियांदाद एकमात्र खिलाड़ी हैं, जिन्होंने लगातार 9 अर्धशतक बनाए हैं. वह एकमात्र ऐसी क्रिकेटर हैं (पुरुष या महिला), जिन्होंने एक से अधिक आईसीसी वर्ल्ड कप फाइनल में भारतीय टीम की कप्तानी की है. उन्होंने साल 2017 और 2005 में दो बार ऐसा किया है. मिताली कई ब्रांड्स के लिए मॉडलिंग का काम भी करती हैं.
महिला क्रिकेट टीम की इन प्रमुख खिलाड़ियों के अलावा गेंदबाज पूनम यादव ग्रेड ए में रहते हुए 50 लाख, बल्लेबाज दीप्ती शर्मा ग्रेड बी में रहते हुए 30 लाख, राजेश्वरी गायकवाड़ ग्रेड सी में रहते हुए 10 लाख, तानिया भाटिया ग्रेड सी में रहते हुए 10 लाख, शेफाली वर्मा ग्रेड सी में रहते हुए 10 लाख, बल्लेबाज पूजा ग्रेड सी में रहते हुए 10 लाख, यास्तिका भाटिया ग्रेड सी में 10 लाख, मेघना सिंह ग्रेड सी में 10 लाख, आलराउंडर स्नेहा राणा ग्रेड बी में 30 लाख, रेणुका सिंह ग्रेड सी में 10 लाख, एकता बिष्ट ग्रेड बी में 30 लाख रुपए बतौर फीस हासिल करती हैं.
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