IPL 2022 में चैंपियन टीम फिसड्डी क्यों साबित हो रही है
आईपीएल 2022 (IPL 2022) में अब तक आधे से ज्यादा मैच खेले जा चुके हैं, और आधा सीजन बीत जाने के बाद पॉइंट्स टेबल में जो नीचे की तीन टीमें हैं उनमें नीचे की ओर से मुंबई इंडियंस, चेन्नई सुपर किंग्स और कोलकाता नाईट राइडर्स के नाम है. यानि आईपीएल की तीन सबसे सफल टीम इस सीजन में सबसे फिसड्डी टीम साबित हो रही है.
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आईपीएल के 14 सालों के इतिहास में जिन तीन टीमों का दबदबा रहा है वो हैं मुंबई इंडियंस, चेन्नई सुपरकिंग्स और कोलकाता नाईट राइडर्स. इन तीन टीमों ने मिलकर 14 सीजंस में से 11 बार खिताब अपने नाम किया है, जहाँ मुंबई इंडियंस ने सबसे ज्यादा पांच बार आईपीएल ट्रॉफी पर कब्ज़ा जमाया है, तो वहीँ चेन्नई सुपर किंग्स चार ट्रॉफी अपने नाम कर आईपीएल इतिहास की दूसरी सबसे सफल टीम है. इन दोनों के अलावा कोलकाता नाईट राइडर्स ने दो आईपीएल ट्रॉफी अपने नाम की है. आईपीएल में इन टीमों का दबदबे का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2010 से अब हुए 12 आईपीएल सीजन में 11 बार इन्ही तीन टीमों ने जीत दर्ज की केवल 2016 में सनराइजर्स हैदराबाद की टीम चैंपियन बनी थी. हालांकि 2022 का आईपीएल इन तीनों टीमों के लिए किसी बूरे सपने से कम नहीं है. आईपीएल 2022 (IPL 2022) में अब तक आधे से ज्यादा मैच खेले जा चुके हैं, और आधा सीजन बीत जाने के बाद पॉइंट्स टेबल में जो नीचे की तीन टीमें हैं उनमें नीचे की ओर से मुंबई इंडियंस, चेन्नई सुपर किंग्स और कोलकाता नाईट राइडर्स के नाम है. यानि आईपीएल की तीन सबसे सफल टीम इस सीजन में सबसे फिस्सडी टीम साबित हो रही है.
आईपीएल 14 में अगर किसी टीम का सबसे बुरा हाल हुआ तो वो मुंबई इंडियंस ही है
नाईट राइडर्स को 9 मैचों में केवल 3 जीत, जबकि 6 हार मिली है, वहीं सुपरकिंग्स 8 मैचों में 2 जीत और 6 हार मिली है. मुंबई इंडियंस के हालात तो और भी बदत्तर है, मुंबई इंडियंस 8 मैचों ने लगातार हार का रिकॉर्ड बनाने के बाद, अपने 9वें मैच में अपनी पहली जीत दर्ज करने में सफल रही है. अब जहां मुंबई इंडियंस आधिकारिक तौर पर अंतिम चार के रेस से बाहर हो गयी है तो वहीं चेन्नई और कोलकाता के लिए भी आगे की राह मुश्किल ही प्रतीत होती है.
2022 में जब आईपीएल शुरू हुआ था तो 10 सालों के बाद फिर से 10 टीमें आईपीएल में खेल रही थी, साथ ही इस सीजन के शुरू होने से पहले मेगा ऑक्शन के जरिये सभी टीम प्रबंधन को अपनी टीम फिर से बनाने का मौका भी मिला था. यानि यह तो तय था कि इस बार का आईपीएल बदला बदला होगा, लेकिन यह शायद ही किसी को यकीन रहा होगा कि यह सीजन इस तरह के भारी उलटफेर वाला होगा. हालाँकि इन तीन टीमों के प्रदर्शन पर नजर डालें तो कमोबेश तीनों ही टीमों में एक जैसी कमियां ही देखने को मिल रही है.
कप्तानी
मुंबई इंडियंस की कप्तानी आईपीएल इतिहास के सबसे सफल कप्तान रोहित शर्मा के हाथों में है हालांकि रोहित इस आईपीएल में अपनी कप्तानी में तो फ्लॉप दिखाई दे रहे हैं .साथ ही वह बल्लेबाजी में भी पुराने टच में बिल्कुल नहीं दिखाई दिए हैं. मौजूदा सीजन में रोहित ने अब तक 9 मुकाबलों में महज 155 रन बना पाए है. इस दौरान उनका सर्वोच्च स्कोर 41 रन रहा है.
कुछ ऐसा ही हाल चेन्नई के कप्तान रविंद्र जडेजा का भी रहा है जो गेंद और बल्ले दोनों से ही अब तक फ्लॉप रहें है. आईपीएल शुरू होने के ठीक पहले एम् एस धोनी ने कप्तानी छोड़ दी थी जिसके बाद जडेजा को चेन्नई की कप्तानी मिली थी. हालांकि अब चेन्नई के लगातार हार से परेशान होकर जडेजा ने कप्तानी छोड़ने का फैसला किया है, अब अगले मैचों से फिर से धोनी चेन्नई की कप्तानी करते नजर आएंगे.
कोलकाता ने इस साल के ऑक्शन के बाद श्रेयस अय्यर को कप्तान बनाया, हालांकि कोलकता के लिए शुरुआत अच्छी रही जब उन्होंने लगातार तीन मैचों में जीत दर्ज की हालांकि उसके बाद कोलकाता लगातार 5 मैचों में हार कर संघर्ष कर रही है.
ओपनर्स का ख़राब प्रदर्शन
किसी भी टीम के जीत में उनके सलामी बल्लेबाज का बड़ा हाथ होता है हालाँकि मुंबई, चेन्नई और कोलकाता तीनों ही टीमों के सलामी बल्लेबाज अब तक बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा रहे है. मुंबई के लिए ईशान किशन और कप्तान रोहित टीम को अब तक बेहतर शुरुआत देने में नाकाम रहें है. ठीक इसी तरह पिछले सीजन के स्टार रहे चेन्नई के ओपनर ऋतुराज गायकवाड़ और कोलकाता के ओपनर वेंकटेश अय्यर इस साल बिलकुल फ्लॉप रहें हैं.
गेंदबाजों का बेहतर प्रदर्शन ना कर पाना
आईपीएल के पहले सीजन से ही तेज गेंदबाजी मुंबई की टीम का मजबूत पक्ष रही है. लसिथ मलिंगा से लेकर जसप्रीत बुमराह और ट्रेंट बोल्ट जैसे गेंदबाजों ने अपनी टीम के लिए खूब विकेट चटकाए और कंजूसी से रन भी खर्चे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. पिछले साल तक बुमराह के साथी रहे ट्रेंट बोल्ट अब राजस्थान के लिए खेल रहे हैं और बुमराह को बाकी गेंदबाजों से समर्थन नहीं मिल रहा है. मुंबई को अच्छे स्पिनर की भी कमी खूब खाल रही है.
कोलकाता और चेन्नई के तेज गेंदबाजों ने ठीक ठाक प्रदर्शन किया है मगर दोनों ही टीमों के प्रमुख स्पिनर अब तक अपना जलवा बिखरेने में नाकाम रहे हैं.
आलराउण्डर्स की कमी
मुंबई इंडियंस को ऑलराउंडरों की कमी भी साफ़ तौर पर खल रही है. पिछले साल तक मुंबई इंडियंस की टीम का अभिन्न हिस्सा रहे हार्दिक पांड्या और क्रुणाल पांड्या अब दूसरी टीम में चले गये हैं. तो वहीं टीम में मौजूद कीरोन पोलार्ड कुछ ख़ास करने में नाकाम रहे हैं, टीम में शामिल किये गए डेनियल सैम्स भी कोई छाप छोड़ने में नाकाम रहे हैं.
चेन्नई का भी ऑलराउंडरों को लेकर यही हाल है जहाँ रविंद्र जडेजा और मोइन अली दोनों अच्छे फॉर्म में नहीं है. कोलकाता के लिए हालांकि कुछ मैचों में आंद्रे रसल का प्रदर्शन ठीक ठाक रहा है मगर सुनील नारायण ऑफ कलर ही दिखे हैं.
ऑक्शन में खिलाड़यों के चुनाव में भी हुई बड़ी चूक
मुंबई इंडियंस से मेगा ऑक्शन में खिलाड़ियों के चयन में भी भारी चूक हुई है. चोटिल जोफ्रा आर्चर को बड़ी कीमत देकर टीम में शामिल करना टीम की बड़ी गलती साबित हुई है. जोफ्रा आर्चर मौजूदा सीजन में चोट की वजह से बाहर हो गये हैं. इसके अलावा ईशान किशन पर 15.25 करोड़ रुपये खर्च करना भी मुंबई के लिए महंगा सौदा साबित हो रहा है. कुछ मैचों को छोड़कर ईशान किशन का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है.
कोलकाता के ऑक्शन से पहले रिटेन किये गए वेंकटेश अय्यर, सुनील नारायण और वरुण चक्रवर्ती अब तक टीम के लिए कुछ ख़ास प्रदर्शन नहीं कर पा रहें है. यही हाल चेन्नई द्वारा रिटेन किये गए खिलड़ियों का भी है. ऋतुराज गायकवाड़, रविंद्र जडेजा और मोईन अली टीम को कोई भी मैच जीतने में नाकाम रहें हैं.
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