IPL की टीवी रेटिंग 33 फीसदी घटी, तो मीडिया राइट्स 'रॉकेट' बनने पर क्यों तुले हैं?
एक फर्म ने दावा किया है कि आईपीएल (IPL) के 2023 से 2028 के मीडिया राइट्स (IPL Media Rights) के लिए लगने वाली बोली 60000 करोड़ रुपये तक जा सकती है. जो पिछली बार 16,347 करोड़ ही थी. आईपीएल 2022 की टीवी रेटिंग और व्यूअरशिप में गिरावट के बावजूद आखिर इसके मीडिया राइट्स के भाव आसमान पर जाने का अंदाजा क्यों लगाया जा रहा है?
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आईपीएल 2022 में दो नई टीमों के जुड़ने से लीग का रोमांच बढ़ने का अंदाजा लगाया जा रहा था. लेकिन, शुरुआती 8 मैचों में ही आईपीएल की टीवी रेटिंग 2.52 आ गई. जो एक साल पहले 3.75 थी. यानी, आईपीएल की टीवी रेटिंग 33 फीसदी तक गिर गई. और, केवल टीवी रेटिंग ही नहीं, आईपीएल की व्यूअरशिप को भी तगड़ा झटका लगा था. शुरुआती आठ मैचों की बात करें, आईपीएल मैचों की व्यूअरशिप 229.06 मिलियन ही रही. जो पिछले साल 267.7 मिलियन थी. यानी व्यूअपशिप के मामले में भी 14 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. जिसके बाद से ही माना जा रहा था कि इसका असर आईपीएल के मीडिया राइट्स को लेकर लगने वाली बोली पर पड़ेगा, जो 12 जून 2022 को होने वाली है.
लेकिन, मनी कंट्रोल पर छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 से 2028 के लिए आईपीएल के मीडिया राइट्स की बोली पिछले करार के मुकाबले तीन से चार गुना तक जा सकती है. बताया जा रहा है कि पांच सालों के लिए होने वाले आईपीएल के मीडिया राइट्स करार में बोली का बेसप्राइस 32,890 करोड़ रुपये रखा गया है. जो पिछली बार की बोली 16,347 करोड़ से दोगुना है. और, आईपीएल मीडिया राइट्स को लेकर बोली लगाने वालों के बीच प्रतिस्पर्धा से इसके 60000 करोड़ तक जाने की संभावना जताई जा रही है. इलारा सिक्योरिटीज नाम की फर्म की ओर से किए गए इस दावे के बाद सवाल उठना लाजिमी है कि IPL की टीवी रेटिंग 33 फीसदी घटी, तो मीडिया राइट्स 'रॉकेट' बनने पर क्यों तुले हुए हैं?
दुनियाभर में मशहूर खेल फुटबाल के महंगे टूर्नामेंट्स के बीच आईपीएल चौथे नंबर पर यूं ही नही है.
बीसीसीआई ने लगाया 'दिमाग'
दरअसल, बीसीसीआई ने इस बार आईपीएल के मीडिया राइट्स को एक साथ न रखकर अलग-अलग हिस्सों में बेचने का फैसला लिया है. पहला हिस्सा भारत में टीवी राइट्स का है. दूसरा हिस्सा डिजिटल राइट्स का है. तीसरा हिस्से में नॉन-एक्सक्लूसिव 18 मैचों के सेट के डिजिटल राइट्स का है. और, चौथे हिस्से में पूरी दुनिया के टीवी राइट्स को रखा गया है. बीसीसीआई ने पहले हिस्से के लिए बेसप्राइस 49 करोड़ रुपये प्रति मैच रखा है. दूसरे हिस्से के लिए बेसप्राइस 33 करोड़ रुपये प्रति मैच रखा है. तीसरे के लिए 16 करोड़ रुपये प्रति मैच और चौथे के लिए 3 करोड़ प्रति मैच रखा है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो हर हिस्से के लिए बोली लगाने वालों के बीच प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी. और, इसका सीधा फायदा बीसीसीआई को होगा.
धर्म के बाद हॉट टॉपिक क्रिकेट ही है...
भारत में सबसे हॉट टॉपिक की बात की जाए, तो धर्म ही होगा. लेकिन, धर्म के बाद दूसरे नंबर पर क्रिकेट ही आता है. क्योंकि, अगर ऐसा नहीं होता, तो बीसीसीआई दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड नहीं होता. इतना ही नहीं, दुनियाभर में मशहूर खेल फुटबाल के महंगे टूर्नामेंट के बीच आईपीएल चौथे नंबर पर जगह नहीं बना पाता. खैर, ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, आईपीएल के मीडिया राइट्स के लिए अमेजन प्राइम वीडियो, रिलायंस इंडस्ट्रीज, जी इंटरटेनमेंट-सोनी इंडिया, ड्रीम इलेवन और डिज्नी प्लस हॉटस्टार भिड़ेंगे. इन सभी बड़े नामों को देखते हुए ही अंदाजा लगाया जा रहा है कि रेवेन्यू के मामले में चौथी सबसे बड़ी स्पोर्ट्स लीग कमाई के मामले में कहीं ज्यादा आगे जा सकती है. इलारा सिक्योरिटीज के अनुसार, आईपीएल के मीडिया राइट्स 50 से 60000 करोड़ रुपये तक बिक सकते हैं.
वैसे, आईपीएल के मीडिया राइट्स को लेकर लगाया जा रहा कयास काफी हद तक सही भी माना जा सकता है. क्योंकि, 2008-2017 तक के लिए सोनी पिक्चर्स को मीडिया राइट्स 8200 करोड़ में मिले थे. लेकिन, 2017 में स्टार इंडिया को मीडिया राइट्स के लिए पिछली बार की तुलना में तकरीबन 100 फीसदी ज्यादा यानी 16,347.5 करोड़ रुपये चुकाने पड़े थे. इसी को ध्यान में रखते हुए ही बीसीसीआई ने पहले ही मीडिया राइट्स के लिए बेसप्राइस 32,890 करोड़ रुपये यानी ठीक दोगुना रख दिया है. अब भारत में क्रिकेट को लेकर जिस तरह का क्रेज है. तो, ये कहना कोई बड़ी बात नहीं है कि आईपीएल के मीडिया राइट्स की बोली आसमान छू सकती है. वैसे, मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, फर्म ने टीवी राइट्स में 6 फीसदी सालाना और औप डिजिटल राइट्स में 35 फीसदी सालाना रेवेन्यू के ग्रोथ का अंदाजा लगाया है.
टीवी रेटिंग और व्यूअरशिप घटने का असर क्यों नहीं होगा?
- आईपीएल की टीवी रेटिंग और व्यूअरशिप घटने को लेकर सबसे बड़ा कारण पिछले दो संस्करणों का टुकड़ों में आयोजन था. 2020 में कोरोना महामारी की वजह से आईपीएल रद्द कर दिया गया. 2021 में आईपीएल शुरू हुआ. लेकिन, लीग पर फिर से कोरोना का साया छा गया. और, मई में होने वाला आईपीएल 2021 का फाइनल अक्टूबर में खेला गया. आसान शब्दों में कहा जाए, तो टुकड़ों में हुआ आईपीएल दर्शकों को खुद से जोड़ नही पाया. और, आईपीएल 2022 भी इसके लपेटे में आ गया. वहीं, आईपीएल इतिहास की दो सबसे सफल टीमों चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस का खराब प्रदर्शन भी आईपीएल 2022 के लिए घातक साबित हुआ. दर्शकों का एक बड़ा वर्ग इन टीमों की लगातार हार के बाद आईपीएल से दूर हो गया था.
- आईपीएल 2022 के सुर्खियां न बटोरने का एक बड़ा कारण स्टार खिलाड़ियों का मैचों में फ्लॉप होना और कई स्टार खिलाड़ियों का अनसोल्ड रह जाना भी था. विराट कोहली, रोहित शर्मा, महेंद्र सिंह धोनी जैसे स्टार भारतीय खिलाड़ियों के साथ ही कई विदेशी खिलाड़ियों का बल्ला और जसप्रीत बुमराह जैसे गेंदबाजों का प्रदर्शन आईपीएल 2022 में कुछ खास नहीं रहा. ऐसा नहीं है कि आईपीएल 2022 में चौके-छक्कों की बरसात नहीं हुई या रोमांच से भरपूर मैच नहीं हुए. लेकिन, स्टार खिलाड़ियों के फ्लॉप शो ने आईपीएल की नीरसता को बढ़ा दिया. मिस्टर आईपीएल के नाम से मशहूर सुरेश रैना, मिस्टर 360 कहे जाने वाले एबी डिविलियर्स और सिक्सर किंग क्रिस गेल का आईपीएल 2022 में न होना भी टूर्नामेंट के लिए खराब साबित हुआ.
- आईपीएल 2022 में दो नई टीमों गुजरात टाइटंस और लखनऊ सुपर जाइंट्स का सरप्राइज एलीमेंट था. माना जा रहा था कि इन नई टीमों के चलते आईपीएल का क्रेज दर्शकों में और ज्यादा बढ़ेगा. इन दोनों ही टीमों का प्रदर्शन भी अपने डेब्यू के हिसाब से बेहतर ही रहा. गुजरात टाइटंस तो डेब्यू में ही आईपीएल चैंपियन बन गई. और, लखनऊ सुपर जाइंट्स भी टॉप-4 में पहुंची. लेकिन, आईपीएल 2022 के सारे मैच केवल चार मैदानों में ही खेले गए. लखनऊ सुपर जाइंट्स का एक भी मैच यूपी के किसी स्टेडियम में नहीं हुआ. सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य की टीम का मैच उसके घरेलू मैदान पर ना हो. तो, दर्शक उससे कैसे जुड़ेंगे? जबकि, इससे पहले हर टीम आधे मैच अपने घरेलू मैदान पर खेला करती थी.
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