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Updated: 10 अप्रिल, 2015 10:11 AM
बाएदुर्जो बोस
बाएदुर्जो बोस
 
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भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों की डिक्शनरी में ओवरडोज और बोरियत शब्द के लिए कोई जगह नहीं हो सकती. भारत में इस खेल को पूजा जाता है. यहां समर्पित प्रशंसकों के लिए 'पर्याप्त कभी पर्याप्त नहीं है". चाहे भारतीय टीम पूरे साल क्रिकेट खेलती रहे. इसलिए विश्वकप भले ही खत्म हो गया हो लेकिन क्रिकेट के दिवाने भारतीय प्रशंसक पहले ही इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के आगाज़ की तैयारी में मशगूल हैं. क्रिकेट हमारी रगों में खून बनकर बहता है!

आईपीएल की आधिकारिक प्रसारणकर्ता मल्टी स्क्रीन मीडिया (एमएसएम) ने हर भारतीय को क्रिकेट के इस त्यौहार से जोड़ने की शानदार रणनीतिक योजना बनाई है. नियमित रूप से विज्ञापनों के माध्यम से इस अमीर लीग के बारे में दर्शकों को याद दिलाया जा रहा है. दर्शकों को कार्निवल मूड में लाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है.

आईपीएल 8 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है, पहले से ही इसके टिकट और पास के लिए पूछताछ शुरू हो गई है. यहां तक कि रात के खाने के दौरान नया टीवी सीरीयल देखने वाले रिश्तेदार और दोस्त भी दुनिया भर के दर्शकों की तरह शानदार कैच की कल्पना करते हुए आईपीएल देखने का इंतजार कर रहे हैं. इस देश में हर कोई क्रिकेट का हिस्सा बनना चाहता है. और अगर यह आईपीएल की शक्ल में हो तो और भी बेहतर है.

कौन नहीं जानता कि महेंद्र सिंह धोनी एंड कम्पनी ने किस तरह से सर्दी के मौसम में भी लगातार बेहतर खेल का प्रदर्शन किया. पहले टेस्ट श्रृंखला, फिर इंग्लैंड का त्रिकोणीय मुकाबला और बाद में प्रतिष्ठित विश्वकप में टीम ने शानदार खेल दिखाया. अब भारतीय प्रशंसक उन्हें आईपीएल में खेलते हुए देखने के लिए ज्यादा इंतजार नहीं कर सकते.

लेकिन एक बात तय है. इस शो पीस इवेंट से लोगों की राष्ट्रीय भावनाएं दांव पर लगी हैं. अगर ऐसा ही रहा तो जल्द ही अमीरों की यह लीग क्षेत्रवाद के तौर शुरू हो जाएगी. प्रदेश के बाद फिर एक शहर को दूसरे शहर के खिलाफ खड़ा किया जाएगा. हालांकि हजारों प्रशंसक गर्मी और पसीने के बावजूद अपनी पसंदीदा टीम की हौंसला अफजाई करेंगे. और अतं में जीत क्रिकेट की ही होगी. हो सकता है कि ईडन गार्डन में धोनी का स्वागत किसी नायक की तरह न किया जाए और कोहली को भी वानखेड़े स्टेडियम में धिक्कारा नहीं जाए. आईपीएल के छठे संस्करण में कोहली को मैच के दौरान प्रशंसकों के प्यार का खामियाजा भुगतना पड़ा था. और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के कप्तान ने बाद में खुलकर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी.

उन्होंने कहा था कि मैं नहीं जानता कि "आईपीएल के दौरान भीड़ इतनी उत्तेजक क्यों हो जाती है? आईपीएल दुनिया का अंत नहीं है. और वे क्यों भूल जाते हैं कि जिन खिलाडियों की वो हूटिंग कर रहे हैं वे भी अपने देश के लिए खेलते हैं."

आईपीएल से जुड़े विवाद शायद ही कभी दर्शकों की संख्या को प्रभावित करते हों. स्पॉट फिक्सिंग के विवाद ने आईपीएल के छठे संस्करण को हिलाकर रख दिया था. लेकिन सातवें संस्करण ने इसे वापस मजबूत किया. एक भी मैच में दर्शक दीर्घा खाली नहीं थी.

उनके बयान का समर्थन करने के लिए पर्याप्त आंकड़े हैं. इसके अलावा अमेज़न, वोडाफोन, पेप्सी, हीरो मोटोकॉर्प, विमल पान मसाला, इंटेक्स मोबाइल, पेटीएम, सिएट टायर्स और कारदेखों.कॉम जैसे प्रायोजकों ने भी तीन साल के रणनीतिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. अब एमएसएम के पास पर्याप्त विज्ञापन स्लॉट्स नहीं हैं इसलिए वे विज्ञापन दरों पर फिर से विचार कर रहे हैं.

जाहिर है विज्ञापन स्लॉट्स तब और भी ज्यादा कम हो जाते हैं, जब बात क्रिकेट के प्रति भारतीयों के जुनून की आती है.

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