India vs Sri Lanka मैच के शोर के बीच सुर्खियों में ये तीन महिला क्रिकेटर कौन हैं?
India vs Sri Lanka Test Match: बेंगलुरु में श्रीलंका और भारत के बीच चल रहे दूसरे टेस्ट मैच के बीच महिला क्रिकेट टीम की तीन खिलाड़ी सुर्खियों में आ गई हैं. इस वक्त न्यूजीलैंड में महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप चल रहा है, जहां ये तीनों खिलाड़ी जी जान से खेलते हुए अपने देश की शान बढ़ाने का काम कर रही हैं.
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हिंदुस्तान में क्रिकेट खेल नहीं धर्म की तरह है. इसके प्रति करोड़ों लोगों की आस्था है. तभी तो कई क्रिकेटर भगवान की तरह पूजे जाते हैं. क्रिकेट देखने के लिए लोग अपना बहुत कुछ दांव पर लगाने के लिए तैयार हो जाते हैं. इस वक्त क्रिकेट के लिहाज से बहुत ही महत्वपूर्ण समय चल रहा है. एक तरह बेंगलुरु में पुरुष क्रिकेट टीम श्रीलंका के साथ टेस्ट मैच खेल रही है, तो दूसरी तरफ महिला क्रिकेट टीम न्यूजीलैंड में वर्ल्ड कप खेल रही है. वैसे तो पुरुष टीम के मुकाबले महिला टीम की चर्चा लोगों के बीच बहुत कम होती है, लेकिन इस बार तीन महिला खिलाड़ी अपने बेहतरीन खेल प्रदर्शन के जरिए सुर्खियों में बनी हुई हैं. इन तीनों खिलाड़ियों की उपलब्धि ऐसी है कि जिस पर पूरे देश को गर्व होना चाहिए.
टीम इंडिया की तीन महिला खिलाड़ी इस वक्त पुरुष खिलाड़ियों से ज्यादा सुर्खियों में हैं.
मिताली राज: वर्ल्ड कप कप में वर्ल्ड रिकॉर्ड
इन तीनों खिलाड़ियों के बीच सबसे पहले बात करते हैं भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज के बारे में, जो हमेशा की तरह अपने परफॉर्म में नजर आ रही हैं. इस वर्ल्ड कप में खेलते हुए मिताली ने अपने नाम एक नया रिकॉर्ड दर्ज किया है. वो बतौर कप्तान सर्वाधिक आईसीसी महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप मैच खेलने वाली दुनिया की पहली खिलाड़ी बन गई हैं. उन्होंने सेडॉन पार्क में वेस्ट इंडीज के खिलाफ वर्ल्ड कप के तीसरे और ओवरऑल 24वें मैच के दौरान यह उपलब्धि हासिल की है. इससे पहले यह रिकॉर्ड पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान बेलिंडा क्लार्क के नाम था, जिन्होंने 23 वर्ल्ड कप मैच खेले थे. क्लार्क ने साल 1997 से 2005 तक के अपने करियर के दौरान 21 मैच जीते, एक हारा और एक मैच बेनतीजा रहा था. वहीं अपना आखिरी वर्ल्ड कप खेल रही मिताली ने इस मैच को मिला कर 24 में से 15 मैच जीते हैं, 8 हारे और एक बेनतीजा रहा है.
'लेडी सचिन' के नाम से मशहूर 39 साल की मिताली राज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 10 हजार रन बनाने वाली पहली भारतीय महिला क्रिकेटर भी हैं. उन्होंने ये रिकॉर्ड पिछले साल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चल रही एक दिवसीय क्रिकेट सीरीज के दौरान लखनऊ में बनाया था. उनसे पहले इंग्लैंड की शॉरलॉट एडवर्ड्स ये कारनाम कर चुकी हैं. मिताली अपना छठा वर्ल्ड कप खेल रही हैं. वो साल 2005 के वर्ल्ड कप में पहली बार टीम की कप्तान बनी थीं, तब भारतीय टीम उप विजेता रही थी. उनके नाम कई रिकॉर्ड हैं. वह एकदिवसीय मैचों में लगातार सात अर्धशतक बनाने वाली पहली महिला क्रिकेटर हैं. मिताली से आगे पाकिस्तान के जावेद मियांदाद एकमात्र खिलाड़ी हैं, जिन्होंने लगातार 9 अर्धशतक बनाए हैं. वह एकमात्र ऐसी क्रिकेटर हैं (पुरुष या महिला), जिन्होंने एक से अधिक आईसीसी वर्ल्ड कप फाइनल में भारतीय टीम की कप्तानी की है. उन्होंने साल 2017 और 2005 में दो बार ऐसा किया है.
Extremely proud of the team!??Spectacular ?s from @mandhana_smriti and @ImHarmanpreet! @YastikaBhatia provided the early momentum and @SnehRana15 was phenomenal with the ball. Also, congratulations to @JhulanG10 for the record. #INDvWI #CWC22 pic.twitter.com/wRkd5pWqOW
— Mithali Raj (@M_Raj03) March 12, 2022
स्मृति मंधाना: वर्ल्ड कप में शतकीय पारी
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ओपनर स्मृति मंधाना नेवेस्टइंडीज के खिलाफ दमदार पारी खेलते हुए शतक ठोका है. न्यूजीलैंड के हैमिल्टन के सेडन पार्क में स्मृति मंधाना के बल्ले से निकली शतकीय पारी ने भारतीय टीम को मजबूत स्थान पर पहुंचा दिया. टीम इंडिया को वेस्टइंडीज के खिलाफ बड़ा स्कोर हासिल करने के लिए एक बड़ी पारी की जरूरत थी, जो मंधाना के शतक की वजह से संभव हो पाया. बाएं हाथ की बल्लेबाज स्मृति मंधाना ने 108 गेंदों में 9 चौके और 2 छक्कों की मदद से शतक पूरा किया. वर्ल्ड कप में मंधाना का ये पांचवां शतक है, जिसमें से दो शतक तो उन्होंने इसी वर्ल्ड कप में बनाया है. इस तरह महिला वर्ल्ड कप के इतिहास में मंधाना के बल्ले से दूसरी बार शतकीय पारी निकली है. इससे पहले उन्होंने साल 2017 के वर्ल्ड कप में शतकीय पारी खेली थी. देखा जाए तो इस बार का शतक ऐसे समय लगा है, जब टीम को इसकी बहुत ज्यादा जरूरत थी.
साल 2013 में बांग्लादेश के खिलाफ वनडे मैच से अपना इंटरनेशनल करियर शुरू करने वाली स्मृति मंधाना ने साल 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था. साल 2017 में मंधाना इंग्लैंड के खिलाफ फिर मैदान में उतरीं. इस बार उन्होंने 90 रन बनाए थे. उनकी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से भारतीय महिला क्रिकेट टीम विश्व कप के फाइनल तक पहुंच गई थी. बताते हैं कि स्मृति ने बचपन से ही अपने भाई को क्रिकेट खेलते देखा है. उनके भाई श्रवण महाराष्ट्र के लिए अंडर 15 टीम में खेलते थे. क्रिकेट में भाई की लगन और उनकी बनती पहचान को देख स्मृति मंधाना भी क्रिकेट की ओर आकर्षित हुईं. उन्होंने क्रिकेट में ही करियर बनाने की ठान लिया. 11 साल की उम्र में स्मृति का अंडर 19 टीम में सिलेक्शन हो गया था. साल 2013 में स्मृति घरेलू मैच में अपने शानदार प्रदर्शन की वजह से चर्चा में आई थी. उस दौरान स्मृति ने गुजरात के खिलाफ 150 गेंदों पर 224 रन बनाए थे.
Good start to the tournament and well played by the whole team! Onto the next one now ? #CWC22 #TeamIndia pic.twitter.com/S3s5QB67bp
— Smriti Mandhana (@mandhana_smriti) March 6, 2022
झूलन गोस्वामी: वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा विकेट
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने भी इस वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेलते हुए इतिहास रच दिया है. वर्ल्ड कप के 10वें मुकाबले में वेस्टइंडीज की अनीसा मोहम्मद का विकेट लेने के बाद सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज बन गईं है. उन्होंने वर्ल्ड कप का 40 विकेट लिया है. चकदा एक्सप्रेस नाम से मशहूर इस गेंदबाज ने ऑस्ट्रेलिया की पूर्व खिलाड़ी लिन फुलस्टन को पछाड़कर यह रिकॉर्ड अपने नाम किया है. फुलस्टन ने साल 1982 से 1988 के बीच खेलते हुए वर्ल्ड कप में कुल 39 विकेट लिए थे. जबकि झूलन को ये रिकॉर्ड बनाने में 20 साल लग गए हैं. उन्होंने साल 2002 में 19 साल की उम्र में इंग्लैंड के खिलाफ खेलते हुए अपना इंटरनेशनल करियर शुरू किया था.
झूलन गोस्वामी वेस्ट बंगाल के साधारण कस्बे चकदा में पली-बढ़ी हैं. वो भी एक ऐसे परिवार में, जो लड़कियों के खेलकूद की बजाय उनकी पढ़ाई-लिखाई और शादी विवाह के बारे में ज्यादा सोचता है. 15 साल की उम्र तक झूलन ने सपने में भी क्रिकेटर बनने के बारे में सोचा नहीं था. वो क्रिकेट की बजाय फुटबॉल की प्रशंसक थीं. लेकिए इत्तेफाक ने उन्हें क्रिकेट की दुनिया में खींच लिया. साल 1997 में महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप का फाइनल ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच कोलकाता के इडेन गार्डन में खेला जा रहा था. उस मैच में झूलन भी मैदान पर एक बॉल गर्ल के रूप में मौजूद थीं. यहीं उन्होंने फैसला किया कि वो भी क्रिकेटर बनेंगी. हालांकि, उनकी सोसायटी में लड़कियों का लड़कों के साथ खेलना तक मना था.
It is my pleasure to be on the #CWC22 special edition cover of the @WomensCricZone magazine. I have played the beautiful game for 20 years now proudly representing ??. Hope to add the #WorldCup ? to the cabinet.@BCCIWomen @YvLahoti Read here: https://t.co/1tUvvClzNG pic.twitter.com/S0Dn5HSTTG
— Jhulan Goswami (@JhulanG10) February 28, 2022
अपने देश में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है. बस जरूरत है एक सही मौके की, जिसके जरिए ये प्रतिभाएं विश्व पटल पर अपनी प्रतिभा दिखाते हुए देश का नाम रौशन कर सकती हैं. झूलन गोस्वामी, स्मृति मंधाना और मिताली राज जैसी महिला खिलाड़ी इस बात की मिसाल हैं कि किस तरह अभाव में रहकर भी कोई अपनी मेहनत और प्रतिभा के दम पर अपनी मंजिल की तलाश कर सकता है. उसमें भी सबसे प्रमुख बात ये कि तीनों महिलाएं हैं. इस पुरुष प्रधान समाज में महिला होकर संघर्ष करते हुए आगे बढ़ना भी एक बड़ी बात मानी जाती है. पुरुष क्रिकेट टीम के मैच के बीच भी इन तीनों खिलाड़ियों का सुर्खियों में रहना, गूगल पर ट्रेंड करना, महिला सशक्तिकरण का अहम उदाहरण है.
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