धोनी के संन्यास की कहानी इमोशंस के आगे और भी है...
अपनी गिरती परफॉरमेंस के कारण धोनी लगातार सुर्ख़ियों में हैं कहा जा रहा है कि अगर वो ऐसे ही खेलते रहे तो इससे बेहतर है कि वो इस्तीफ़ा दे दें. ऐसे में सवाल अपनी जगह पर जस का तस खड़ा है कि यदि धोनी इस्तीफ़ा देंगे तो आखिर कब तक देंगे?
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ICC वर्ल्ड कप 2019 के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों मिली करारी हार के बाद, एक बार फिर महेंद्र सिंह धोनी सुर्खियों में आ गए हैं. तमाम क्रिकेट प्रेमी हैं, जिनका मानना है कि यदि टीम आज वर्ल्ड कप पर कब्ज़ा जमाने में नाकाम रही है तो इसकी एक बड़ी वजह पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी हैं. वर्तमान में टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन का सारा ठीकरा धोनी पर फोड़ा जा रहा है और कहा यही जा रहा है कि अब वो वक़्त आ गया है जब धोनी को क्रिकेट से अलविदा कह देना चाहिए. वहीं वो वर्ग जिसने हमेशा ही धोनी के खेल और उनकी कप्तानी की तारीफ की है उसका मानना है कि उन्हें एक मौका और मिलना चाहिए. ऐसे लोगों का यही मानना है कि जैसा खेल के प्रति धोनी का नजरिया है धोनी जल्द ही रीकवर करेंगे और एक ऐसी परफॉरमेंस देंगे जो लम्बे समय तक याद की जाएगी. वो दिन कब आएगा हमें इसकी कोई जानकारी नहीं है हां मगर हमें इतना जरूर पता है कि खेल में इमोशंस की कोई जगह नहीं होती. खेल के अंतर्गत आदमी तब तक ही कामयाब है जब तक वो अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और टीम की जीत या हार में एक निर्णायक भूमिका निभा रहा है.
धोनी के टीम इंडिया से इस्तीफे को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. सवाल उठ रहे हैं कि धोनी इस्तीफ़ा देंगे या नहीं
वर्ल्ड कप के सेमी फाइनल में न्यूजीलैंड से हार मिलने के बाद टीम इंडिया ने नए सिरे से शुरुआत कर दी है. टीम वेस्ट इंडीज दौरे के लिए जा रही है. ऐसे में टीम में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किये गए हैं. माना जा रहा है कि इसी दौरे में जहां एक तरफ महेंद्र सिंह धोनी के मुकद्दर का फैसला होगा. तो वहीं दूसरी तरह वो चेहरे जो कब से टीम इंडिया में आने को बेक़रार थे उन्हें मौका दिया जाएगा. क्योंकि वेस्टइंडीज जाने वाली टीम का चयन होना है. इसलिए कहा जा रहा है कि मीटिंग में धोनी के संन्यास को लेकर विचार विमर्श हो सकता है.
ध्यान रहे कि इतनी किरकिरी होने के बावजूद धोनी ने अपने संन्यास के बारे में BCCI से कोई बात नहीं की है. हालांकि माना ये भी जा रहा है कि धोनी वेस्टइंडीज में होने वाली वनडे सीरीज और ट्वेंटी ट्वेंटी का हिस्सा नहीं होंगे. टीम इंडिया के मद्देनजर धोनी का भविष्य कितने संकट में हैं इसे हम पंत को टीम का नया विकेट कीपर नियुक्त किये जाने से भी समझ सकते हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि धोनी की जगह रिषभ पंत को टीम में मौका मिल सकता है.
ज्ञात हो कि गत वर्ष भी धोनी को वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ट्वेंटी-ट्वेंटी सीरीज में मौका नहीं दिया गया था और रिषभ पंत ने यह जिम्मेदारी संभाली थी. शुरुआत में ही हमने धोनी के समर्थकों और आलोचकों की बात की थी. साथ ही हमें ये भी कहा था कि, क्योंकि क्रिकेट भारत में लोगों के इमोशंस से जुड़ा है इसलिए धोनी के इस्तीफे की बातें की जा रही हैं.
बात धोनी के टीम इंडिया छोड़ने को लेकर हुई है तो ये बताना जरूरी है कि कहानी हमारे आपके इमोशंस से कहीं आगे है. धोनी शायद ही ऐसी मूर्खता करें. हो सकता है कि इसे पढ़कर मन में तरह तरह के सवाल आएं तो बताना जरूरी है कि धोनी जहां एक तरफ CSK के स्टार हैं और टीम की पूरी जिम्मेदारी उनके कन्धों पर है. तो वहीं दूसरी तरफ काफी कंपनियां ऐसी हैं जिन्होंने अपने प्रोडक्ट्स के प्रोमोशन के लिए धोनी के साथ करार कर रखा है.
धोनी की उम्र हो चुकी है और जिस हिसाब से वो खेल रहे हैं बेहतर यही होगा कि वो टीम इंडिया को अलविदा कह दें
यदि धोनी अपने पद से इस्तीफ़ा देते हैं या फिर टीम इंडिया छोड़ते हैं तो इसका उन्हें काफी आर्थिक नुकसान होगा. एक ऐसे वक़्त में जब खेल को इकोनॉमिक्स ज्यादा प्रभावित करती हो, बल्कि ये कहें कि खेल पर इकोनॉमिक्स का पूरा प्रभाव हो, यदि धोनी ऐसी कोई भी फैसला करते हैं तो वो पैर पर कुल्हाड़ी नहीं, बल्कि कुल्हाड़ी पर पैर मारेंगे. चूंकि इस्तीफे या फिर टीम छोड़ने के बाद उनकी वैल्यू डाउन होगी, और जैसी हाल फ़िलहाल स्थिति है, इसलिए शायद ही कभी धोनी ऐसा रिस्क लें.
गौरतलब है कि इस पूरे वर्ल्ड कप में जैसा प्रदर्शन महेंद्र सिंह धोनी ने किया है उसमें एक बात तो साबित हो गई थी कि धोनी अहम मोर्चों पर नाकाम थे. वो धोनी जिनके बारे में मशहूर था कि, वो आते साथ ही पहली ही बॉल से सामने वाली टीम पर अटैक करना शुरू कर देते हैं इस वर्ल्ड कप में बिल्कुल किसी नौसिखिया क्रिकेटर की तरह नजर आए. इस वर्ल्ड कप में जितने भी मैच टीम इंडिया ने खेले हैं और उन मैचों में जिस तरह की बैटिंग धोनी ने की है यदि उसका अवलोकन किया जाए तो मिलता ये भी है कि धोनी को एक एक रन बनाने में दिक्कत हो रही थी.
वो शॉट्स जिनके दम पर क्रिकेट जगत में धोनी ने क्रिकेट जगत में एक विशेष पहचान हासिल की थी इस वर्ल्ड कप में उन शॉट्स तक को खेलने में धोनी को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा जिसने पूरी टीम की परफॉरमेंस को प्रभावित किया. आज भले ही अपनी परफॉरमेंस पर धोनी खामोश हों मगर जैसे खेल का प्रदर्शन वो लगातार कर रहे हैं उनके फैंस बहुत ज्यादा दिनों तक उनका समर्थन नहीं कर पाएंगे और एक दिन अवश्य ही उन्हें मुहं की खानी होगी.
आज धोनी की उम्र 38 साल है और जाहिर सी बात है कि इस उम्र तक आकर खेलना कोई मामूली बात नहीं है. भले ही अर्तिक हितों के मद्देनजर धोनी इस्तीफ़ा न दे रहे हों मगर हम बस ये कहकर अपनी बात को विराम देंगे कि फिल्हाल नैतिकता का तकाजा इसी में है कि वो अपना इस्तीफ़ा दे दें और लगातार हो रही बदनामी से खुद को बचा लें. सभी वक़्त सही है. यदि धोनी वक़्त रहते सचेत हो जाएंगे तो अच्छा रहेगा वरना भविष्य में उनके पास संभालने या फिर बचाने को कुछ बचेगा नहीं.
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