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Updated: 02 अगस्त, 2016 02:29 PM
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पिछले साल नेपाल में आए भीषण भूकंप के समय वह राजधानी काठमांडू स्थित एक बिल्डिंग के पाचंवें फ्लोर पर मौजूद थीं. लेकिन बिल्डिंग नई बनी होने के कारण वह आसपास की बाकी इमारतों की तरह ढहने से बच गई. उस भीषण भूकंप में बचने वाली गौरिका सिंह अब रियो ओलंपिक में भाग लेने जा रही हैं.

नेपाल की 13 वर्षीय तैराक गौरिका सिंह रियो ओलंपिक में भाग लेने वाली सबसे कम उम्र की एथलीट है. एक भीषण भूकंप से बचने से लेकर ओलंपिक में जगह बनाने की गौरिका सिंह की कहानी सच में हैरान करने वाली है. आइए जानें इस एथलीट की कहानी.

भूकंप से बचने से लेकर ओलंपिक तक का हैरान करने वाला सफरः

गौरिका सिंह जब दो साल की थीं तभी उनका परिवार इंग्लैंड शिफ्ट हो गया था. लेकिन पिछले साल अप्रैल में वह नेशनल चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए नेपाल आई थीं. उसी समय नेपाल में प्रलयकारी भूकंप आया. उस समय नेपाल में गौरिका, उनकी मां और एक बहन मौजूद थीं.

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नेपाल की 13 वर्षीय तैराक गौरिका सिंह रियो ओलंपिक में भाग लेने वाली सबसे युवा एथलीट हैं

जब भूकंप आया तो गौरिका एक बिल्डिंग के पांचवें फ्लोर पर थीं. वे लोग बिल्डिंग से भाग तो नहीं पाए लेकिन उनकी किस्मत अच्छी थी कि उनकी बिल्डिंग ढहने से बच गई और उनकी जान बच गई. लेकिन इस तबाही से अपनों को उबारने के लिए उन्होंने चैंपियनशिप में जीती हुई अब तक अपनी पूरी इनामी राशि अपने पिता के दोस्त द्वारा बनी गई संस्था को दान कर दी.

इतने भीषण हादसे का सामना करने के बाद कोई भी इंसान टूट सकता है लेकिन गौरिका ने हिम्मत नहीं हारी और ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई करके इतिहास रच दिया. महज 13 वर्ष 255 दिन की गौरिका रियो ओलंपिक में भाग लेने वाली सबसे युवा एथलीट हैं. गौरिका 7 अगस्त को महिलाओं की 100 मीटर बैकस्ट्रोक स्पर्धा में भाग लेने के लिए पूल में उतरेंगी.

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महज 13 साल की उम्र में ही गौरिका सिंह सात नेशनल रिकॉर्ड तोड़ने का कारनाम कर चुकी हैं

गौरिका ओलंपिक में भाग लेने का अपना सपना सच होने पर हैरान हैं. वह कहती हैं कि मैं ओलंपिक में जाना तो चाहती थी लेकिन मैं इसे लेकर सुनिश्चित नहीं थी क्योंकि मैं बहुत छोटी हूं. जब मुझे एक महीने पहले ओलंपिक में जाने के बारे में पता चला तो मैं अवाक रह गई.

सात बार की नेशनल चैंपियन गौरिका सिंह के पिता पारस अपनी बेटी की सफलता पर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. वह कहते हैं कि वह खास है. यह अविश्वसनीय है कि वह रियो में भाग लेने वाली सबसे कम उम्र की ओलंपियन है. यह देखना दिलचस्प होगा कि वह कैसे सारे दबावों से निपटती है.

नेपाल की सुपरस्टार बन सकती हैं गौरिका!

तैराकी गौरिका के लिए सिर्फ खेल नहीं बल्कि एक जुनून की तरह है. वह महज 11 साल की उम्र से ही तैराकी कर रही हैं. नेपाल में जन्मी और अब इंग्लैंड में रह रही गौरिका, पहले क्रिस्टीन ग्रीन से ट्रेनिंग ले चुकी हैं और अब कोच राहाइस गोर्मली के अंडर में ट्रेनिंग ले रही हैं. वह सात नेशनल रिकॉर्ड तोड़ चुकी हैं.

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गौरिका सिंह दक्षिण एशियाई खेलों में मेडल जीतने वाली नेपाल की पहली खिलाड़ी हैं

इतना ही नहीं इस साल आयोजित हुए दक्षिण एशियाई खेलों में उन्होंने एक सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज सहित कुल चार मेडल अपने नाम करते हुए इतिहास रच दिया. वह इन खेलों में व्यक्तिगत पदक जीतने वाली नेपाल की पहली खिलाड़ी हैं.

अब महज 13 वर्ष की उम्र में ओलंपिक में भाग लेकर वह एक और इतिहास रचने जा रही हैं. इस बेहद प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ी को नेपाल के स्पोर्ट्स वर्ल्ड का अगला सुपरस्टार माना जा रहा है. रियो में गौरिका का शानदार प्रदर्शन इस बात को सही भी साबित कर सकता है.

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