भारत की लाडली क्या रच देगी इतिहास?
भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तान और क्लासिक बल्लेबाज मिताली राज इतिहास रचने से सिर्फ 41 रन की दूरी पर खड़ी हैं. अगर सब सही रहा तो वे कुछ ऐसा कर देंगी, जो दुनिया में किसी महिला क्रिकेटर ने नहीं किया.
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शनिवार, 8 जुलाई 2017, शाम 3.30 बजे, जगह लीसेस्टर. तैयार हो जाइए, अपनी आंखों से इतिहास बनता देखने के लिए. अगर सब कुछ सही रहा तो महिला क्रिकेट में भारत के लिए वही होने जा रहा है जो पुरुष क्रिकेट में कभी सुनील गावस्कर और सचिन तेंदुलकर ने किया. गावस्कर के नाम दुनिया का पहला दस हजारी टेस्ट रन वाला क्रिकेटर बनने की उपलब्धि दर्ज है. वहीं सचिन ने दुनिया में सर्वाधिक 15,921 टेस्ट रन, सर्वाधिक 18,426 वनडे रन (कुल 24,417) का करिश्मा अपने नाम दर्ज कर रखा है.
ये तो थे क्रिकेट के भगवान की बात. अब क्रिकेट की देवी की भी बात कर ली जाए. जी हां, बात कर रहा हूं भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तान और क्लासिक बल्लेबाज मिताली राज की. मिताली इतिहास रचने से सिर्फ 41 रन की दूरी पर खड़ी हैं. अगर सब सही रहा तो पूरी संभावना है कि मिताली 8 जुलाई 2017 को वो कारनामा कर देंगी जो अब दुनिया में किसी महिला क्रिकेटर ने किया. शनिवार को 34 वर्षीय मिताली साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैच में अगर 41 रन बनाती हैं तो वो महिला ODI क्रिकेट में 6000 रन पूरे करने वाली क्रिकेटर बन जाएंगी.
मिताली इंग्लैंड की शार्लेट एडवर्ड्स (191 मैच, 5,992 रन) से सिर्फ 33 रन पीछे हैं. मिताली शनिवार को अपने 182वें मैच में शार्लेट को पीछे छोड़ते हुए 6000 रन बनाने वाली पहली महिला क्रिकेटर बनें, यही हर भारतीय देखना चाहता है.
इतिहास बनाने से कुछ ही दूर हैं मितालीमौजूदा महिला ओडीआई वर्ल्ड कप में जिस तरह भारतीय टीम और खुद कप्तान मिताली का फॉर्म का चल रहा है, उसने हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है. सेकेंड डाउन बैटिंग करने आने वाली मिताली राज ने 26 जून 1999 को आयरलैंड के खिलाफ ओडीआई मैच से अपने इंटरनेशनल करियर का आगाज किया था. अब तक 181 ओडीआई मैचों में मिताली 51.81 के औसत से 5,959 रन बना चुकी हैं. ओडीआई के अलावा मिताली ने 10 टेस्ट मैच में 663 रन और 63 टी20 मैचों में 1,708 रन बनाए हैं. सचिन का ओडीआई क्रिकेट में औसत 44.83 रहा है.
घरेलू क्रिकेट में रेलवे की ओर से खेलने वाली मिताली इंटरनेशनल क्रिकेट में 18 साल पूरे कर चुकी हैं. अगर सचिन का इंटरनेशनल करियर 24 साल का रहा तो मिताली का इतने साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में टिके रहना और अब भी गजब की फॉर्म में होना कम बड़ी उपलब्धि नहीं है क्या. मिताली के नेतृत्व में भारतीय टीम मौजूदा वर्ल्ड कप में 4 लगातार जीत हासिल कर सेमीफाइनल के दरवाजे तक पहुंच चुकी है. अभी तक भारतीय टीम इस वर्ल्ड कप में मेजबान इंग्लैंड, वेस्ट इंडीज, पाकिस्तान और श्रीलंका को धूल चटा चुकी है.
जहां बैटिंग में मिताली राज भारतीय टीम की रीढ़ हैं वहीं बोलिंग में झूलन गोस्वामी के ऊपर ये जिम्मेदारी हैं. झूलन दुनिया में सबसे अधिक 901 ओडीआई विकेट लेने वाली महिला क्रिकेटर हैं. मिताली राज की ही उम्र यानि 34 वर्ष की झूलन की बोलिंग में दुनिया में नंबर 3 रैकिंग है. मिताली राज की दुनिया में बैटिंग में नंबर 2 रैकिंग है. जिस फॉर्म में भारतीय टीम है, इस बार पूरी संभावना है कि पहली बार महिला वर्ल्ड कप भारत की झोली में आ जाए.
खैर अब आता हूं इस बात पर कि किक्रेट के भगवान सचिन तेंदुलकर की तुलना में मिताली राज के रिकॉर्ड्स भी कम नहीं हैं.
- मिताली ने इस वर्ल्ड कप में अब तक चार मैचों में 71, 46, 8, 53 रन बनाए हैं. इस वर्ल्ड कप से पहले खेले गए 6 लगातार मैचों में मिताली का स्कोर था- 70*, 64, 73*, 51*, 54 और 62*. इस तरह मिताली लगातार 7 अर्द्धशतक जड़ कर अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कर लिया.
- मिताली अब तक दुनिया में सर्वाधिक 48 ओडीआई अर्धशतक जड़ चुकी है. उनसे पहले ये रिकॉर्ड इंग्लैंड की शारलट एडवर्ड्स के नाम था जिन्होंने 191 मैच में 46 हॉफ सेंचुरी ठोकी.
- 100 से अधिक ओडीआई खेलने वालीं क्रिकेटर्स में दुनिया में सबसे अच्छा औसत 51.81 मिताली का है.
2004 में मिताली 21 साल की उम्र में भारतीय महिला टीम की सबसे युवा कप्तान बनी थीं. तब से अब तक वो 100 मैचों में भारत की कप्तानी कर चुकी हैं. जो कि भारत में किसी भी महिला क्रिकेट कप्तान के लिए रिकॉर्ड है.
मिताली के नेतृत्व में भारतीय टीम ने 2005 से 2008 के बीच 3 एशिया कप में जीत हासिल की. मिताली के नेतृत्व में ही 2005 ओडीआई वर्ल्ड कप में भारत ने अब तक का श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए दूसरा स्थान हासिल किया था.
इंग्लैंड में पहली बार टेस्ट सीरीज में विजय पाने वाली भारतीय टीम की अगुआई भी मिताली ने ही की थी.
मिताली का नाम विजडन ने 'क्रिकेट की 5 सर्वकालीन श्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक' के तौर पर शुमार किया है. क्रिकेट में हर सुनहरा पल देख चुकीं मिताली का बस एक ही सपना अब तक अधूरा है. वो है महिला क्रिकेट में भारत को पहला वर्ल्ड कप दिलाना. हर भारतीय को दुआ करनी चाहिए कि मिताली के नेतृत्व में भारत की शेरनियां 23 जुलाई 2017 को लॉर्ड्स में खेले जाना वाला फाइनल भी जीतें और वर्ल्ड कप लेकर भारत लौंटे.
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