WWE मुकाबलों के खूनखराबे में कितना सच और कितनी बनावट
WWE के मुकाबले क्या असली होते हैं ? कुछ लोग कहते हैं कि सच में ये फाइट रियल होती हैं तो कुछ कहते हैं कि सब स्क्रिपटिड होता है. आखिर सच्चाई क्या है?
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WWE के मुकाबले क्या असली होते हैं... कुछ लोग कहते हैं कि सच में ये फाइट रियल होती हैं तो कुछ कहते हैं कि सब स्क्रिपटिड होता है. लेकिन सच्चाई अभी भी लोगों के मन में धुंधली सी है. इंडिया में WWE की फॉलोइंग बहुत है... बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक इसको देखने की चाहत रखता है.
इस शो में रोमांस, फाइट, ट्रेजडी और एंटरटेनमेंट का जबरदस्त कॉम्बिनेशन है. लेकिन इन सबके बावजूद फैन्स के जेहन में कई सवाल होते हैं. जैसे-फाइट असली है या महज स्क्रिप्टेड ड्रामा, बड़ा पहलवान छोटे से कैसे हार जाता है?
कितनी सच्ची होती हैं ये लड़ाई ?
WWE से बाकायदा राइटर्स जुड़े हैं, जो फाइट की स्क्रिप्ट लिखते हैं. हार-जीत और पहलवानों के ज्यादातर मूव्स भी तय होते हैं. अंतर बस यहा है कि इसमें रीटेक का मौका नहीं होता और रेसलर के पास गलती करने की गुंजाइश नहीं होती.
मांसपेशियां उभारने के लिए क्या पहलवान ड्रग्स लेते हैं ?
ऐसे आरोप लगते रहते हैं कि अच्छी बॉडी और स्टेमिना के लिए कुछ रेसलर्स स्टेरॉयड्स और ड्रग्स लेते हैं. हालांकि, इसे रोकने के लिए WWE वेलनेस पॉलिसी है, लेकिन फिर भी स्टेरॉयड्स लेने के मामले सामने आते रहते हैं.
क्या रेसलर्स के मुव्स से दर्द होता है?
आम लोगों को लगता है की रिंग इस तरह से बनाई जाती है की रेसलर्स को लड़ते हुए कोई दर्द ही नहीं होता है. एक हद तक ये बात सही भी है, लेकिन यहां अच्छी ट्रेनिंग दे जाती है. कई सालों की मेहनत से वो आपस में एक-दूसरे को ज़्यादा नुकसान पहुंचाने से बचते हैं.
सफेद दिखने वाली सतह के ऊपर सफ़ेद रंग की मैट और उस मैट के नीचे लकड़ी होती है, ये लकड़ी स्प्रिंग के साथ इस तरह से लगाई जाती है की चोट कम लगे. इसके साथ ही रिंग के नीचे माइक लगाया जाता है ताकि रेसलर्स की आवाज़ आसानी से आए.
हारने पर ज्यादा पैसा?
WWE की फाइट्स स्क्रिप्टेड होती हैं, इसलिए रेसलर्स की फीस भी स्क्रिप्ट और रेसलर की स्टार वैल्यू के आधार पर तय होती है. यानी कभी-कभी हारने वाले को भी उसके 'रोल' के हिसाब से ज्यादा पैसा मिल सकता है.
हथियारों का सच...
रेस्लिंग में हमेशा हथियारों का प्रयोग होता हुआ है. 75% हथियार एक दम असली होते हैं. स्टील चेयर, हथोड़ा, सिड़ी और बाकी हथियार असली होते हैं. रेसलर्स, रेस्लिंग स्कूल में कई सालों तक इन हथियारों का सही इस्तेमाल सीखते हैं. टेबल्स और चीजें कमजोर होती हैं, ताकि चोट कम लगें.
रियल ब्लड और इंजरी?
WWE भले ही स्क्रिप्टेड हो, लेकिन ऐसे कई वाकये हुए हैं, जब रेसलर्स को चोट लगी है और वे विकलांग तक हो गए. इसके अलावा ज्यादातर मामलों में खून असली ही होता है. खून थूकने के इफेक्ट के लिए ब्लड कैप्सूल्स इस्तेमाल किए जाते हैं.
...तो यह जानकारियां WWE की कुछ हकीकत सामने लाती हैं, लेकिन इन मुकाबलों को लेकर दीवानगी किसी तरह कम नहीं होतीं. खास बात यह है कि अलग-अलग पहलवानों के दुनिया में अपने-अपने फॉलोवर्स हैं. जिनकी दीवानगी ही WWE की कामयाबी का आधार है.
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