एक बाउंसर ने फिर दिलाई फिल ह्यूज की याद!
वेलिंगटन में न्यूजीलैंड और पाकिस्तान के बीच खेले गए पहले वनडे के दौरान न्यूजीलैंड की पारी के 50वें ओवर में किवी बल्लेबाज मिचेल मैक्लेनगन को लगी बाउंसर ने तो एकबारगी फिल ह्यूज की याद ताजा कर दी.
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आधुनिक युग में कई तरह के उपकरणों के साथ खेले जाने के कारण क्रिकेट को लेकर आम धारणा यही थी कि यह खेल काफी सुरक्षित है. लेकिन 2014 में बाउंसर लगने के कारण ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर फिल ह्यूज की मौत के बाद इस खेल के जानकारों को ये बात अच्छी तरह समझ में आ गई कि सुरक्षित दिखने वाला यह खेल कितना घातक बन चुका है.
ह्यूज की मौत के बाद भी क्रिकेट मैदान पर दुनिया भर के अलग-अलग हिस्सों पर क्रिकेटरों की मौत की कई खबरें आईं. ह्यूज की मौत ने बल्लेबाजों के सुरक्षा उपायों को और बेहतर बनाने की जरूरत को उजागर किया और इसे देखते हुए क्रिकेट उपकरण बनाने वाली कंपनियों ने हेलमेट के डिजाइन में बदलाव करते हुए उसे घातक बाउंसर से भी बचाव के लिए सुरक्षित बना दिया. लेकिन अब फिर से एक गेंद ने बल्लेबाजों की सुरक्षा पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है.
सोमवार को न्यूजीलैंड और पाकिस्तान के बीच खेले गए पहले वनडे के दौरान न्यूजीलैंड की पारी के 50वें ओवर में किवी बल्लेबाज मिचेल मैक्लेनगन को लगी बाउंसर ने तो एकबारगी फिल ह्यूज की याद ताजा कर दी.
मैक्लेनगन को लगी बाउंसर, फिर क्या हुआः
पाकिस्तान के खिलाफ वेलिंगटन में खेले गए पहले वनडे में न्यूजीलैंड टीम के 50वें ओवर की पांचवीं गेंद पर पाकिस्तान के तेज गेंदबाज अनवर अली की एक बाउंसर न्यूजीलैंड के बल्लेबाज मिचेल मैक्लेनगन के हेलमेट के अंदर जा घुसी और इससे उनकी बायीं आंख के ऊपर फ्रैक्चर हो गया. उस समय मैक्लेनगन 17 गेंदों पर 31 रन बनाकर खेल रहे थे. अनवर अली की एक तेज गेंद हेलमेट की ग्रिल को तोड़ते हुए मैक्लनगन के आंख पर लगी. गेंद लगने के बाद मैक्लागन गिर पड़े, हालांकि थोड़ी देर बाद वह उठ खड़े हुए. तुरंत ही फिजियो उनके पास पहुंचे और इसके बाद उन्हें गेंद के कारण लगी चोट से निकलते खून को पोंछते देखा गया. मैक्लगान को तुरंत ही मैदान से बाहर जाना पड़ा और उन्हें अस्पताल ले जाया गया. गेंद लगने से उनकी बायीं आंख बुरी तरह सूज गई और अब उनकी सर्जरी की जाएगी.
देखें: मैक्लेनगन को कैसे लगी बाउंसर
मैक्लेनगन ने ट्वीट की अपनी तस्वीरः
मैक्लेनगल ने बाद में अपनी एक तस्वीर के साथ ट्वीट किया किया और सभी शुभचितंकों को धन्यवाद कहते हुए अपने फ्रैक्चर की जानकारी दी और साथ ही किवी टीम की जीत के लिए सराहना भी की.
Thanks for all the concerns. Everything is as good as it can be just a few broken bones. Great win for the boys! ???? pic.twitter.com/S9A2pZqETa
— Mitchell McClenaghan (@Mitch_Savage) January 25, 2016
इस घटना ने एक बार फिर बल्लेबाजों के प्रति बढ़ते खतरे को उजागर किया है. फिल ह्यूज की मौत के बाद से पिछले एक वर्ष के दौरान अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में तो नहीं लेकिन दुनिया भर के अलग-अलग हिस्सों में मैदान में कई क्रिकेटरों की मौत की खबरें आई, जिन्होंने साबित किया कि क्रिकेट अब सुरक्षित खेल नहीं रह गया है.
पिछले वर्ष अप्रैल में कोलकाता में बंगाल अंडर-19 टीम के पूर्व कप्तान रहे अंकित केशरी नाम के युवा क्रिकेटर की फील्डिंग के दौरान अपनी टीम के एक साथी खिलाड़ी से टकराने के कारण मौत हो गई थी. इसके अलावा ह्यूज की मौत के दो महीने बाद ही पिछले वर्ष जनवरी में पाकिस्तान में एक 18 वर्षीय युवा क्रिकेटर जीशान मोहम्मद के सीने में गेंद लगने के कारण उसकी मौत हो गई थी. ये घटनाएं हालांकि जूनियर क्रिकेट में हई थी, जहां सुरक्षा के उपाय अंतर्राष्ट्रीय स्तर की नहीं होती हैं लेकिन अब मैक्लेनगन को बाउंसर से लगी चोट ने साबित कर दिया है कि क्रिकेट चाहे जूनियर लेवल का हो या अंतर्राष्ट्रीय, खतरा उतना ही है दोनों के लिए.
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