एक और रिकॉर्ड... वेल डन डिविलियर्स!
पिछले चार-पांच सालों में डिविलियर्स अपने खेल को लेकर बदले हैं. वह विकेट पर ठहरने का प्रयास करते दिखाई देते हैं. तभी तो 2010 के बाद से वह अब तक 16 सेंचुरी जमा चुके हैं.
-
Total Shares
190 मैच, 182 इंनिंग और 8000 रनों तक का सफर. दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट टीम के कप्तान एबी डिविलियर्स क्यों खास हैं, यह उन्होंने एक बार फिर साबित कर दिया. इससे पहले सबसे तेज 8000 रन बनाने का रिकॉर्ड भारत के सौरभ गांगुली के नाम था जिन्होंने यहां तक पहुंचने के लिए 200 पारियां खेली. क्रिकेट के भगवान का दर्जा हासिल कर चुके सचिन तेंदुलकर को 8000 रनों तक पहुंचने के लिए 201 पारियों तक का इंतजार करना पड़ा था.
वैसे, डिविलियर्स के लिए यह साल बहुत अहम रहा है और अब वह महान खिलाड़ियों की फेहरिस्त में खुद की जगह बनाने लगे हैं. लेकिन क्या डिविलियर्स को केवल उनकी आक्रामक खेल शैली को देखते हुए ही आधुनिक क्रिकेट के महान बल्लेबाजों की सूची में शामिल कर लेना ठीक है? उस सूची में जहां गांगुली, सचिन, राहुल द्रविड, ब्रायन लारा, एडम गिलक्रिस्ट जैसे कई नाम मौजूद हैं.
डिविलियर्स की सबसे बड़ी खासियत है कि वह बड़े मैचों के खिलाड़ी के रूप में उभर रहे हैं. आईसीसी विश्व कप-2015 में न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच सेमीफाइनल मैच को याद कीजिए. दो सर्वश्रेष्ठ टीमों के बीच विश्व कप के फाइनल में पहली बार जगह बनाने की होड़ लगी थी. उस टूर्नामेंट में एबी डिविलियर्स दक्षिण अफ्रीकी टीम की उम्मीद का सबसे बड़ा आधार थे. डिविलियर्स भी इस बात से वाकिफ थे. कितना दबाव रहा होगा उन पर. लेकिन कप्तानी और प्रशंसकों के दबाव के बीच भी अगर वह 45 गेंदों में नाबाद 65 रनों की पारी खेल जाते हैं, तो इसे आप कमाल कहिए. मैचों में बड़े स्कोर बनाने वाले कई खिलाड़ियों को हम जानते है लेकिन जब बड़े मैचों में कोई स्कोर बनाए तो वह लाजवाब है.
विश्व कप से करीब दो महीने पहले ही इसी साल जनवरी में एक धमाका कर चुके थे. जोहांसबर्ग में वेस्टइंडीज के खिलाफ 31 गेंदों में शतक लगाने का धमाका. इंटरनेशनल क्रिकेट में यह सबसे तेज शतक है.
डिविलियर्स के कैरियर ग्राफ को देखिए तो पता चलेगा कि उनके पहले के परफॉर्मेंस में एक निरंतरता की कमी दिखती है. ठीक उन्हीं अन्य आक्रामक बल्लेबाजों की तरह जो अक्सर चौके-छक्के लगाने के प्रयास में अक्सर टीम को बीच मझधार में छोड़ पवेलियन का रूख कर लेते हैं. लेकिन पिछले चार-पांच सालों में डिविलियर्स अपने खेल को लेकर बदले हैं. वह विकेट पर ठहरने का प्रयास करते दिखाई देते हैं.
तभी तो 2005 में इंग्लैंड के खिलाफ वनडे से अपने सफर की शुरुआत करने वाले डिविलियर्स अगले पांच सालों में केवल चार शतक जमाने में कामयाब होते हैं. लेकिन 2010 के बाद से अब तक 16 सेंचुरी जमा चुके हैं. यह दिखाता है कि अगले कुछ सालों में उनकी इमेज और बड़ी होगी. वह और आक्रामक और परिपक्व होंगे.
आपकी राय