अश्विन की बगावत के साथ शुरू हुआ विराट सल्तनत का पतन
टीम इंडिया के किंग कोहली (Virat Kohli) की बादशाहत खत्म होने की शुरुआत इंग्लैंड दौरे पर ही हो गई थी. जब टीम इंडिया के बेहतरीन स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) लगातार बेंच पर ही बैठे रहे. इतना ही नहीं, वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भी दोनों के बीच तकरार की खबरें सामने आई थीं.
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टीम इंडिया के दक्षिण अफ्रीका दौरे से पहले रोहित शर्मा और विराट कोहली के बीच चल रही अनबन की खबरों का अंत हो गया है. वनडे में टीम इंडिया की कप्तानी से हटाए जाने के बाद विराट कोहली ने पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये अपनी बात सबके सामने रखी. विराट कोहली ने कहा है कि वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में खेलने के लिए उपलब्ध रहेंगे. हालांकि, विराट कोहली ने बीसीसीआई द्वारा अचानक ही वनडे की कप्तानी से हटाए जाने की जानकारी देने की बात कहकर सबको चौंका दिया है. लेकिन, माना जा रहा है कि बीसीसीआई ने कप्तानी से विराट कोहली की विदाई बहुत पहले ही तय कर दी थी. और, इसके पीछे की वजह बनी थी टीम इंडिया के स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की 'बगावत'.
दरअसल, किंग कोहली की बादशाहत खत्म होने की शुरुआत टीम इंडिया के इंग्लैंड दौरे पर ही हो गई थी. हालांकि, उस समय बीसीसीआई की ओर से ऐसी तमाम खबरों का खंडन किया गया था. लेकिन, बीसीसीआई ने तय कर लिया था कि विराट कोहली को कप्तान के तौर पर और मौका नही देना है. हालांकि, इस दौरान विराट कोहली ने टी20 वर्ल्ड कप से ठीक पहले टी20 टीम की कप्तानी छोड़ने के फैसले से बीसीसीआई को चौंका दिया था. लेकिन, विराट कोहली का ये दांव उन पर ही भारी पड़ गया. जिसका नतीजा ये निकला कि बीसीसीआई की व्हाइट बॉल क्रिकेट में एक कप्तान बनाने की नीति को स्थापित करने का मौका मिल गया. क्योंकि, उन्होंने टी20 टीम की कप्तानी छोड़ने के लिए जारी किए गए बयान में वनडे और टेस्ट टीम की कप्तानी का जिक्र भी किया था.
विराट कोहली ने बीसीसीआई द्वारा अचानक ही वनडे की कप्तानी से हटाए जाने की जानकारी देने की बात कहकर सबको चौंका दिया.
कहां से शुरू हुआ विद्रोह?
तमाम मीडिया रिपोर्ट्स में कुछ महीनों पहले से ही ये चर्चा आम हो गई थी कि विराट कोहली को कप्तानी से हटाया जा सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ये मामला सामने तब आया, जब कई सीनियर खिलाड़ियों ने ड्रेसिंग रूम में विराट कोहली के रवैये को लेकर नाराज हो गए थे. हालात तब और बिगड़ गए, जब टीम इंडिया के एक सीनियर खिलाड़ी ने बीसीसीआई से विराट कोहली के बारे में शिकायत की. बताया गया कि इस सीनियर खिलाड़ी ने विराट कोहली पर 'असुरक्षित' यानी टीम से बाहर निकाले जाने का डर दिखाकर दबाव बनाने की कोशिश करने की शिकायत की थी. कहा गया कि ये सीनियर खिलाड़ी कोई और नहीं, बल्कि रविचंद्रन अश्विन हैं. वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के दौरान विराट कोहली ने इस सीनियर खिलाड़ी से खेल के प्रति फोकस नहीं करने की बात कही थी. और, आश्चर्यजनक रूप से वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के बाद विराट कोहली की परफॉर्मेंस और कप्तानी पर सवाल उठने लगे थे.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने दावा किया था कि बीसीसीआई से विराट कोहली की शिकायत करने वाले खिलाड़ी का नाम रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) है. हालांकि, रविचंद्रन अश्विन ने ऐसी सभी खबरों को नकार दिया था. वैसे, यहां ये जरूरी नजर नहीं आता है कि किस सीनियर खिलाड़ी ने विराट कोहली के खिलाफ शिकायत की थी. लेकिन, इतना जरूर है कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के बाद हुई बीसीसीआई की मीटिंग में शामिल कई अधिकारियों ने विराट कोहली की कप्तानी पर सवाल उठाए थे. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि एक्सपर्ट्स की सलाह के बावजूद इंग्लैंड दौरे पर रविचंद्रन अश्विन को लगातार बेंच पर बैठाए रखा गया. जो विराट कोहली के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंकने की सबसे बड़ी वजह बना. वहीं, इस बात को लेकर भी दावा किया गया कि विराट कोहली चाहते थे कि टी20 टीम में अश्विन की जगह पर युजवेंद्र चहल को स्पिनर के तौर पर जोड़ना चाहते थे.
हालांकि, बीसीसीआई ने रविचंद्रन अश्विन को ही टी20 टीम में जगह दी थी. लेकिन, यही वह फैसला था, जहां से विराट कोहली और बीसीसीआई के बीच गलतफहमियां लगातार बढ़ती गईं. इससे इतर इंग्लैंड दौरे पर गई टीम इंडिया को श्रीलंका में द्विपक्षीय सीरीज खेलने के लिए जाना था. बीसीसीआई ने इसके लिए दूसरे दर्जे की टीम को भेजा था. लेकिन, इस टीम का कप्तान शिखर धवन को बनाने के लिए विराट कोहली ने बीसीसीआई पर दबाव डाला था. यही वजह रही कि बीसीसीआई ने टी20 वर्ल्ड कप से पहले टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को मेंटर के तौर पर जोड़कर विराट कोहली की कप्तानी को सीधे तौर पर चुनौती दे दी थी.
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि बीसीसीआई से विराट कोहली की शिकायत करने वाले खिलाड़ी रविचंद्रन अश्विन है.
कुछ ऐसे गई किंग कोहली की बादशाहत?
बीसीसीआई और सीनियर खिलाड़ियों से विवाद के इतर विराट कोहली का प्रदर्शन भी उनका साथ नहीं दे रहा था. नवंबर, 2019 से लेकर अब तक विराट कोहली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतक के लिए तरस रहे हैं. इतना ही नहीं, विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया के ऊपर 'चोकर्स' का वो टैग लग गया, जो कभी दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट टीम के लिए इस्तेमाल किया जाता था. दरअसल, विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने आईसीसी टूर्नामेंट्स में सेमीफाइनल और फाइनल में बाहर होने का रिकॉर्ड बना दिया था. आसान शब्दों में कहा जाए, तो विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया एक भी आईसीसी टूर्नामेंट जीतने में कामयाब नहीं हो सकी थी. टी20 वर्ल्ड कप 2021 में भी विराट कोहली की कप्तानी में टीम पहला मैच पाकिस्तान और दूसरा मैच न्यूजीलैंड से हारने के बाद बाहर हो गई थी. कुल 45 टी20 मैचों में कप्तानी करने वाले विराट कोहली केवल 27 मैच में ही टीम इंडिया को जीत दिला सके थे.
विराट कोहली को कप्तानी से हटाए जाने का इशारा सौरव गांगुली के बीसीसीआई चीफ बनने के साथ ही सामने आ गया था. बीसीसीआई चीफ बनने के बाद सौरव गांगुली ने अपने एक बयान में कहा था कि 'मेरा केवल इतना कहना है कि उन्हें (टीम इंडिया) बड़े टूर्नामेंट जीतने होंगे. वे हर बार नहीं जीत सकते हैं, लेकिन बिना एक बार भी जीते, वे सात टूर्नामेंट खेल चुके हैं.' माना जा रहा है कि बीसीसीआई चीफ बनने के साथ ही सौरव गांगुली ने क्रिकेट बोर्ड के साथ ही टीम इंडिया में अनुशासन और वर्किंग स्टाइल को लेकर माहौल बनाना शुरू कर दिया था. टी20 टीम की कप्तानी छोड़ने के दौरान वर्कलोड की बात कहने वाले विराट कोहली को सौरव गांगुली ने टी20 वर्ल्ड कप में धोनी को टीम इंडिया का मेंटर बनाकर एक और इशारा दिया था. वहीं, टी20 टीम की कप्तानी छोड़ने के फैसले को लेकर जारी किए गए बयान में विराट कोहली ने सीधे तौर पर बीसीसीआई को ही चुनौती दे डाली थी. उन्होंने टी20 की कप्तानी छोड़ने वाले बयान में वनडे और टेस्ट टीम की कप्तानी करने के लिए वर्कलोड कम करने की बात कही थी.
दरअसल, विराट कोहली ने अपने बयान में एक तरह से खुद के वनडे और टेस्ट का कप्तान बने रहने की घोषणा कर दी थी. जबकि, टीम इंडिया की कप्तानी को लेकर फैसला बोर्ड करता है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो उनका ये बयान ही उनके खिलाफ चला गया. विराट कोहली द्वारा टी20 की कप्तानी छोड़ने के बाद व्हाइट बॉल क्रिकेट के लिए एक कप्तान बनाने की बीसीसीआई की योजना को अमल में लाना और आसान हो गया. विराट कोहली ने बीसीसीआई का इशारा नहीं समझा और उन्हें कप्तानी से जबरदस्ती हटाया जाना पड़ा. वैसे, विराट कोहली के हालिया बयानों के देखते हुए उनकी टेस्ट कप्तानी पर भी खतरा नजर आ रहा है.
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