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Updated: 11 अक्टूबर, 2015 07:08 PM
अभिषेक पाण्डेय
अभिषेक पाण्डेय
  @Abhishek.Journo
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अगर आपको यह पता चले कि आप जल्द ही सचिन तेंडुलकर को फिर से क्रिकेट खेलते देख पाएंगे तो शायद आप खुशी से उछल पड़ेंगे, जी हां बिल्कुल सही सुना आपने, न सिर्फ आपके फेवरिट सचिन बल्कि सौरव गांगुली, ब्रायन लारा, कैलिस और शेन वॉर्न भी क्रिकेट खेलते नजर आएंगे.

दरअसल सचिन और शेन वॉर्न ने मिलकर रिटायर हो चुके स्टार क्रिकेटरों को लेकर एक टी20 लीग बनाई है, जिसके पहले संस्करण के मैच अमेरिका में खेले जाएंगे. इस क्रिकेट ऑल स्टार्स सीरीज 2015 की शुरुआत नवंबर में होगी. सचिन और वॉर्न की इस सीरीज को आईसीसी की अनुमति मिल चुकी है. ऐसे में सचिन के फैंस के बीच उन्हें फिर से खेलते देखने का रोमांच होगा. लेकिन इयान चैपल जैसे कुछ दिग्गज इस लीग की सफलता पर संदेह भी जता रहे हैं. ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि सचिन और वॉर्न की यह क्रिकेट सीरीज हिट होगी या फ्लॉप?

नवंबर में होगी क्रिकेट ऑल-स्टार्स सीरीज 2015:
सचिन और वॉर्न की यह सीरीज नवंबर में अमेरिकी में होगी. पहली सीरीज में तीन टी20 मैच खेले जाएंगे. इस सीरीज के मैच 7 नवंबर को न्यू यॉर्क के सिटी फील्ड, 11 नवंबर को ह्यूस्टन मिनट मेड पार्क और 14 नवंबर को लॉस एंजिलस के डॉजर स्टेडियम में खेले जाएंगे. पहले दो मैच दिन में खेले जाएंगे जबकि 56 हजार दर्शकों की क्षमता वाले डॉगर स्टेडियम में खेला जाने वाला आखिरी मैच डे-नाइट होगा. इस सीरीज के लिए अब तक 28 पूर्व स्टार खिलाड़ियों के साथ करार किया गया है. इनमें भारत से सचिन के अलावा सौरव गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण और अजित अगरकर शामिल हैं. जबकि दुनिया भर के दिग्गजों में वॉर्न के अलावा लारा, मैक्ग्रा, कैलिस, जयवर्धने, संगकारा, पोंटिंग, वसीम अकरम, शोएब अख्तर, मुरलीधरन और वॉल्श और एम्ब्रोस जैसे बड़े नाम शामिल हैं. इस लीग में दो टीमें भाग ले रही हैं-सचिन ब्लास्टर्स और वॉर्न वॉरियर्स. अमेरिका में 2012 में वेस्टइंडीज और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए टी20 मैच के बाद पहली बार किसी क्रिकेट मैच का आयोजन किया जाएगा.

क्रिकेट को लोकप्रिय बनाने का उद्देश्यः
इस क्रिकेट सीरीज से सचिन और वॉर्न का उद्देश्य क्रिकेट को अमेरिका सहित दुनिया भर में लोकप्रिय बनाना है. इस सीरीज से मिलने वाला पैसा क्रिकेट के विकास पर खर्च करने के लिए आईसीसी को दिया जाएगा. आने वाले सालों में इस सीरीज का आयोजन दुनिया के उन देशों में किया जाएगा जहां क्रिकेट नहीं पहुंचा है. क्रिकेट को वैश्विक बनाने की इस मुहिम को शानदार कहा जा सकता है. यही सोच ही इस लीग को बाकी की उन लीगों से अलग बनाती है जिनका उद्देश्य सिर्फ पैसा कमाना होता है.

क्या सफल होगी यह सीरीज?
भले ही इस सीरीज से सचिन, वॉर्न सहित क्रिकेट की दुनिया के कई बड़े नाम जुड़े हों लेकिन इसकी सफलता को लेकर संशय भी प्रकट किया जा रहा है. पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर इयान चैपल ने इस लीग की आलोचना करते हुए कहा था कि मुझे समझ में नहीं आता कि लोग क्यों रिटायर हो चुके क्रिकेटरों को देखना चाहेंगे और रिटायरमेंट का मतलब होता है कि आप खेलना छोड़ना चाहते हैं. हालांकि वॉर्न ने चैपल के इस बयान से असहमित जताते हुए कहा कि चैपल को तस्वीर के बड़े पक्ष को देखने की जरूरत है. इस लीग से हम क्रिकेट को पूरी दुनिया में लोकप्रिय बनाने की कोशिश कर रहे हैं. साथ ही इससे अमेरिका में उन लोगों को अपने स्टार्स को खेलते देखने का मौका मिलेगा जिन्हें क्रिकेट पसंद होने के बावजूद ऐसा करने का मौका नहीं मिला.
 
चैपल भले ही इसे बुजुर्ग क्रिकेटरों की लीग कहकर खारिज करें लेकिन इतना तो तय है कि लोग अपने इन स्टार क्रिकेटरों को खेलते देखना जरूर चाहेंगे. साथ ही इस लीग के पीछे की सोच इसे बेहतरीन बनाती है. इसका मकसद पुराने क्रिकेटरों की फिर से मैदान में वापसी करना नहीं बल्कि इस खेल को वैश्विक बनाना है. याद कीजिए 70 के दशक में ऑस्ट्रेलिया में हुई कैरी पैकर सीरीज की कितनी आलोचना हुई थी लेकिन यह वनडे क्रिकेट की शुरुआत का कारण बनी थी. या फिर पहले आईसीएल और फिर आईपीएल ने कैसे टी20 क्रिकेट को लोकप्रियता के सातवें आसमान पर पहुंचा दिया. इसलिए सचिन और वॉर्न की इस नई कोशिश का स्वागत होना चाहिए. अक्सर किसी नए बदलाव की आलोचना होती है, लेकिन यही आगे चलकर नई क्रांति की वजह बन जाती है. कौन जानता है कि सचिन-वॉर्न की जिस लीग को आज खारिज किया जा रहा है कल को वही क्रिकेट को नई दिशा देने वाली लीग बन जाए. वैसे भी सचिन, गांगुली, मैक्ग्रा, मुरलीधरन, वॉर्न जैसे स्टार्स की भिड़ंत भला कौन नहीं देखना चाहेगा. तो क्रिकेट के मैदान पर वापसी के लिए सचिन का वेलकम!

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लेखक

अभिषेक पाण्डेय अभिषेक पाण्डेय @abhishek.journo

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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