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Updated: 17 सितम्बर, 2017 02:08 PM
अभिनव राजवंश
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  @abhinaw.rajwansh
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क्रिकेट से रिटायर के होने के बाद वीरेंद्र सहवाग ज्यादातर ट्वीटर पर अपने चुटीले ट्वीट और दमदार हिंदी कमेंटरी को लेकर चर्चा में रहते हैं. हालांकि इस बार सहवाग की चर्चा गलत कारणों से हो रही है. सहवाग ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि चूंकि उनकी बीसीसीआई में कोई "सेटिंग" नहीं है, इसलिए वो टीम इंडिया के कोच नहीं बन सके. वहीं इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने इस बयान को मूर्खतापूर्ण बताया है. गांगुली कोच का सेलेक्शन करने वाली तीन सदस्यीय क्रिकेट सलाहकार समिति में भी शामिल थे. इसी समिति ने रवि शास्त्री को टीम का मुख्य कोच चुना था.

Sehwag, BCCIसहवाग के दावे को गांगुली ने भी नकार दिया

सही मायनों में देखें तो सहवाग का यह बयान वाकई 'मूर्खतापूर्ण' ही है. सहवाग उस पद पर अपनी दावेदारी जता रहे हैं, जिसके लिए असल में वो जरुरी अहर्ता भी नहीं रखते थे. बीसीसीआई ने कोच पद के लिए जो जरुरी अहर्ताएं रखी थी, उसमें आईसीसी के किसी भी मेंबर टीम के राष्ट्रीय टीम अथवा फर्स्ट क्लास टीम को कोचिंग का अनुभव भी शामिल था. जबकि सहवाग के पास ऐसा कोई अनुभव नहीं है. बावजूद इसके चयन समिति ने कोच के लिए सहवाग को आगे आने के लिए कहा था और साथ ही सहवाग को इंटरव्यू के लिए भी बुलाया गया था.

हालांकि अनिल कुंबले जब टीम इंडिया के कोच बनाये गए थे तो उनके पास भी कोचिंग का कोई अनुभव नहीं था. मगर कुंबले के पास प्रशासनिक अनुभव काफी ज्यादा था. और जब कुंबले ने कोच पद के लिए प्रेजेंटेशन दिया था तो वो काफी प्रभावशाली था. कुंबले ने टीम को आगे बढ़ाने के लिए जो योजनाएं बताई थी वो भी उनके कोच बनने के पीछे की वजह रही. कुंबले के बतौर टीम इंडिया के कोच रिकार्ड्स भी इस बात की तस्दीक करते हैं.

Sehwag, BCCIकोच के पद के लिए दो लाइन का रिज्यूमे!

हालांकि सहवाग कोच पद को लेकर कितने संजीदा थे इसका अंदाज़ा कोच पद के आवेदन के समय भेजे गए उनके बायोडाटा से भी लगाया जा सकता है. सहवाग ने कोच पद के लिए मात्र दो लाइन का रिज्यूमे भेजा था. जिसमें उन्होंने इतनी ही जानकारी दी थी कि वो किंग्स इलेवेन पंजाब के कोच और मेंटर हैं. और वर्तमान में टीम के सभी खिलाडियों के साथ खेल चुके हैं. बीसीसीआई ने सहवाग को इसके बाद फिर से एक विस्तृत आवेदन भेजने को कहा था. हालांकि उस समय गांगुली ने सहवाग का बचाव करते हुए कहा था कि केवल रिज्यूमे के बल पर कोच का चयन नहीं होता.

सहवाग का यह कहना भी तर्कहीन ही लगता है कि उनकी बीसीसीआई में कोई सेटिंग नहीं है. कोच पद के लिए जितने लोगों ने आवेदन किया था उनमें सहवाग ही एकमात्र ऐसे थे जिन्होंने चयन समिति के तीनों ही सदस्य सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण के साथ क्रिकेट खेल रखा था. ऐसे में अगर किसी सेटिंग के तहत कोच का चयन होता तो उनके कोच चुने जाने की उम्मीद सबसे ज्यादा थी. वीरेंद्र सहवाग ने एक अति सामान्य परिवार का होते हुए भी, आज विश्व क्रिकेट में अपना एक नाम बनाया है. और ये किसी सेटिंग की वजह से नहीं हुआ है. बल्कि इसके पीछे सिर्फ और सिर्फ सहवाग की लगन और मेहनत ही है. हालांकि सहवाग की सफलता के पीछे बीसीसीआई भी है जिसने उन्हें पर्यापत अवसर मुहैया कराये.

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अभिनव राजवंश अभिनव राजवंश @abhinaw.rajwansh

लेखक आज तक में पत्रकार है.

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