स्वाइन फ्लू: पांच सावधानी और उपाय
स्वाइन फ्लू एक जानलेवा बीमारी है. लेकिन अगर सही समय पर इसका पता चल जाए तो इसका इलाज संभव है.
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स्वाइन फ्लू एक जानलेवा बीमारी है. लेकिन अगर सही समय पर इसका पता चल जाए तो इसका इलाज संभव है. वैसे जरूरी ये है कि आप सावधान रहें क्योंकि इलाज कराने से बेहतर है इस मर्ज को ही पास ना आने दिया जाए. कुछ बातों का ध्यान रखकर हम स्वाइन से दूर रह सकते हैं.
स्वाइन फ्लू के पांच लक्षण
01. सर्दी लगने पर बुखार होना ज़रूरी नहीं लेकिन स्वाइन फ्लू होने पर 100-102 डिग्री बुखार आना आम बात है.
02. सर्दी लगने पर सरदर्द और बदन दर्द कम ही होता है. स्वाइन फ्लू होने पर काफी सरदर्द के साथ ही असहनीय बदनदर्द भी होता है.
03. स्वाइन फ्लू से अत्याधिक कमजोरी महसूस होती है. सांस लेने में तकलीफ होती है. गले में जलन रहती है.
04. सर्दी लग जाने पर नाक जाम हो जाती है लेकिन स्वाइन फ्लू होने से नाक अमूमन जाम नहीं होती.
05. यह बीमारी इंसान से इंसान में फैलती है. जब स्वाइन फ्लू का मरीज छींकता है तो उसके आसपास 3 फीट की दूरी तक व्यक्तियों पर इसका वायरस हमला कर सकता है. यदि ये लक्षण लगें तो तत्काल अस्पताल जाकर स्वाइन फ्लू की जांच कराएं.
स्वाइन फ्लू से बचने को पांच सावधानी
01. छींकते समय टिस्यू पेपर से नाक को ढके और फिर उस पेपर से सावघानी से नष्ट कर दे, कचरे में फेंक दे.
02. अपने हाथों को लगतार साबुन से धोते रहें अपने घर के, ऑफिस के दरवाजों के हैंडल, की-बोर्ड, मेज आदि को साफ करते रहें.
03. यदि आपको जुकाम के लक्षण दिखाई दें तो घर से बाहर ना जाएं और दूसरों के नजदीक ना जाएं.
04. यदि आपको बुखार आया हो तो उसके ठीक होने के 24 घंटे बाद तक घर पर ही रहें. लगातार पानी पीते रहें ताकि डिहाडे्रशन ना हो.
05. संभव हो तो फेसमास्क पहने लें.
स्वाइन फ्लू का उपचार
स्वाइन फ्लू का इलाज संभव है. एंटीवायरल दवाओं जैसे कि oseltamivir (Tamifu) और Zanamivir (Relenza) का कोर्स करने से इस बीमारी से लड़ा जा सकता है. ये दवाऐं इसके वाइरस को फैलने और बढ़नें से रोकती हैं. अगर स्वाइन फ्लू होने के 48 घंटों में उपचार शुरु हो जाए तो इस बीमारी को दूर किया जा सकता है.
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