एक कैच जिसने जोंटी रोड्स की याद दिला दी...
किसी सुपरमैन की तरह हवा में कुलांचे मारते हुए कभी कैच पकड़ लेना तो कभी बेहतरीन क्षेत्ररक्षण से अच्छे-अच्छे शॉट्स की हवा निकाल देना, ये जोंटी की पहचान थी. जोंटी ने ही सबसे पहले क्रिकेट की दुनिया को सिखाया कि बैटिंग, बॉलिंग के अलावा क्षेत्ररक्षण से भी मैच जीता जा सकता है.
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जिनके जेहन में 90 के दशक के क्रिकेट की यादें आज भी ताजा हैं, उन्हें जोंटी रोड्स के बारे में बताने की जरूरत नहीं है. लेकिन टी-20 वर्ल्ड कप में आयरलैंड के खिलाफ ओमान के एक खिलाड़ी जिशान मकसूद द्वारा लिए गए कैच के बाद जोंटी का जिक्र एक बार फिर जरूरी हो गया है.
पहले आप उस कैच को देखिए जिसे मकसूद ने लिया...
ओमान का यह पहला टी-20 विश्व कप मैच था और उसने खुद से ज्यादा अनुभवी टीम आयरलैंड को इस मैच में दो विकेट से मात दी.
इस कैच को देख क्यों आई जोंटी की याद..
90 का दशक याद कीजिए. ये वो दौर था जब लगभग पूरा भारत रेडियो से आगे बढ़ टीवी पर क्रिकेट देखने का आदी होने लगा था. सचिन तेंडुलकर की बल्लेबाजी करोड़ो दिलों को मुग्ध किए जा रही थी. वे भगवान बनने की राह पर थे. लेकिन इस सबसे इतर एक अलग पहचान जोंटी की बनने लगी थी. रंगभेद की नीति के कारण लंबे समय तक वैश्विक विरोध झेलने वाली दक्षिण अफ्रीका की 1992 के वर्ल्ड कप से वापसी हुई. इस टीम ने क्रिकेट के कई परंपरागत पहलुओं को बदला और इसमें सबसे अहम था क्षेत्ररक्षण यानी फिल्डिंग. जोंटी इसके अगुआ साबित हुए.
किसी सुपरमैन की तरह हवा में कुलांचे मारते हुए कभी कैच पकड़ लेना तो कई बार बेहतरीन क्षेत्ररक्षण से अच्छे-अच्छे शॉट्स की हवा निकाल देना, ये जोंटी की पहचान थी. तब आलम ये था कि स्कोरकार्ड में इस बात को भी जगह मिलने लगी कि फलां टीम ने क्षेत्ररक्षण में कितने रन बचाए. जॉन्टी ने ही सबसे पहले क्रिकेट की दुनिया को सिखाया कि बैटिंग और बॉलिंग के अलावा असाधारण फिल्डिंग से भी मैच जीता जा सकता है.
फील्ड पर जोंटी के कुछ शानदार प्रदर्शन
जब जोंटी ने लिया सचिन का ये शानदार कैच..
जब तीसरे अंपायर द्वारा रन आउट दिए जाने वाले पहले बल्लेबाज बने सचिन..तब भी जोंटी ही थे...
और फिर....वेस्टइंडीज के खिलाफ एक ही मैच में जोंटी के ये पांच कैच!
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