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Updated: 07 सितम्बर, 2022 03:47 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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एशिया कप के सुपर 4 स्टेज में पाकिस्तान और श्रीलंका से हारने के बाद टीम इंडिया का टूर्नामेंट से बाहर होना तय हो गया है. हां, अगर अफगानिस्तान की टीम भारत के खिलाफ कमजोर प्रदर्शन करे. और, पाकिस्तान के खिलाफ चमत्कारिक ढंग से खेलते हुए उसे हरा दे. इसके साथ ही श्रीलंका भी पाकिस्तान को हरा दे. तो, ही टीम इंडिया के लिए एशिया कप फाइनल में पहुंचने की संभावना है. वैसे, ये खुली आंखों से ख्वाब देखने जैसी ही बात है. क्योंकि, इसके बावजूद टीम इंडिया को 'नेट रन रेट' सर्वाधिक रखना होगा. आसान शब्दों में कहा जाए, तो टीम इंडिया का सफर एशिया कप में खत्म हो चुका है. और, अब भारतीय टीम टी20 वर्ल्ड कप खेलने की तैयारी करेगी. लेकिन, ऐसा लग नहीं रहा है कि टीम इंडिया अपनी गलतियों से सबक लेने को तैयार है. क्योंकि, पाकिस्तान से मैच हारने के बाद श्रीलंका के साथ भी टीम इंडिया ने वही गलतियां दोहराईं.

Team India Asia Cup T20 World Cupटीम इंडिया लगातार दो हार के बाद एशिया कप से तकरीबन बाहर हो चुकी है.

प्रयोगों के नाम पर अपने ही पैर पर मारी कुल्हाड़ी

टीम इंडिया में लंबे समय से प्रयोग किए जा रहे हैं. कप्तानों के बदलने से शुरू हुआ ये प्रयोग गुजरते समय में खिलाड़ियों को लेकर भी किया जाने लगा. एशिया कप के सुपर 4 स्टेज में कप्तान रोहित शर्मा ने पाकिस्तान के खिलाफ मैच में तीन बदलाव किए थे. विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक को बाहर कर आउट ऑफ फॉर्म चल रहे ऋषभ पंत को टीम में जगह दी गई. गेंदबाज आवेश खान की जगह दीपक हुडा को लाया गया. वहीं, रवींद्र जडेजा के चोटिल होने पर रवि बिश्नोई को टीम में जगह दी गई थी. लेकिन, श्रीलंका के खिलाफ अगले ही मैच में फिर से प्रयोगों वाली गलतियां दोहरा दी गईं. पाकिस्तान के खिलाफ फेल रहे ऋषभ पंत को फिर से दिनेश कार्तिक की जगह मौका दिया गया. जबकि, मध्यक्रम में बेहतरीन बल्लेबाजी करने वाले दीपक हुडा को जबरन फिनिशर के तौर पर शामिल कर लिया गया.

अगर ऋषभ पंत की फॉर्म में वापसी को दरकिनार कर दिनेश कार्तिक को मौका दिया जाता. तो, दीपक हुडा के तौर पर टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा को फिनिशर खोजने की जरूरत नहीं पड़ती. और, दिनेश कार्तिक कई मौकों पर अपनी काबिलियत साबित कर चुके हैं. वहीं, बाएं हाथ के बल्लेबाज की कमी को पूरा करने के लिए दीपक हुडा की जगह ऑलराउंडर अक्षर पटेल के लिए टीम में आसानी से जगह बनाई जा सकती थी. अक्षर पटेल बाएं हाथ के बल्लेबाज के साथ ही स्पिनर गेंदबाज की भूमिका भी निभा सकते थे. जबकि, दीपक हुडा को केवल फिनिशर के तौर पर ही टीम में शामिल किया गया था. क्योंकि, दोनों ही मैचों में दीपक से गेंदबाजी नहीं करवाई गई थी. टीम इंडिया के साथ असल समस्या ये है कि इन प्रयोगों को एक आईसीसी टूर्नामेंट की कीमत पर किया जा रहा है.

भुवनेश्वर की जगह अर्शदीप को खिला पाएंगे क्या?

रोहित शर्मा ने मैच के बाद टीम इंडिया में किए जा रहे इन प्रयोगों को लेकर कहा कि 'पिछले विश्व कप के बाद से हमने बहुत ज्यादा मैच नहीं गंवाए हैं. ये मैच हमें सिखाएंगे. हमने एशिया कप में जानबूझकर खुद को मुश्किलों में डाला. ताकि, मुश्किलों से बाहर निकलने का रास्ता निकाला जा सके.' प्रयोगों की बात की जाए, तो भुवनेश्वर की जगह अर्शदीप सिंह से 20वां ओवर करवाकर रोहित शर्मा ने एक बेहतरीन प्रयोग किया है. क्योंकि, अर्शदीप सिंह ने दबाव वाले दोनों ही मैचों के आखिरी ओवर में शानदार गेंदबाजी की है. लेकिन, अर्शदीप केवल पाकिस्तान के खिलाफ ही थोड़े किफायती साबित हुए थे. बाकी मैचों में सिंह ने खूब रन लुटाए हैं. वहीं, भुवनेश्वर कुमार शुरुआती ओवरों में किफायती रहे हैं. लेकिन, डेथ ओवर्स में उन्होंने जमकर रन लुटाए हैं. तो, क्या ये माना जा सकता है कि जब जसप्रीत बुमराह की टीम स्क्वाड में वापसी होगी. तो, टीम इंडिया के सीनियर बॉलर भुवनेश्वर कुमार को बाहर कर अर्शदीप सिंह को खेलने का मौका दिया जाएगा.

केएल राहुल का कमजोर प्रदर्शन, मध्यक्रम की बल्लेबाजी 'अस्थिर'

एशिया कप में टीम इंडिया के लिए ओपनिंग कर रहे केएल राहुल का प्रदर्शन कमजोर ही रहा है. चार मैचों में केएल राहुल के खाते में 0, 36, 28 और 6 रन ही जुड़े हैं. और, ये रन भी टी20 के हिसाब से बहुत तेज गति से नहीं बनाए गए हैं. यानी केएल राहुल का स्ट्राइक रेट बहुत अच्छा नहीं रहा है. विराट कोहली केवल श्रीलंका के खिलाफ ही फेल नजर आए. जबकि, पिछले दो मैचों में विराट कोहली ने अर्धशतक भी जड़ा था. वहीं, पाकिस्तान के खिलाफ पहले मैच में विराट कोहली ने शून्य पर केएल राहुल के आउट होने के बाद मुश्किल समय में 35 रनों की पारी खेली थी. मध्यक्रम में बल्लेबाजी करने वाले दिनेश कार्तिक पहले मैच के बाद बेंच पर बैठा दिए गए. पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए इस मैच में दिनेश कार्तिक को केवल 1 गेंद खेलने को मिली थी.

वहीं, मध्यक्रम के बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव की बात की जाए, तो उन्होंने अच्छी बल्लेबाजी की है. लेकिन, हर बार सूर्यकुमार यादव ने अपनी गलती पर विकेट गंवाया. आसान शब्दों में कहें, तो अगर सूर्यकुमार यादव खराब शॉट न खेलते, तो उनका विकेट नहीं गिरता. इतना ही नहीं, हांगकांग के खिलाफ हुए मैच को छोड़ दिया जाए, तो सूर्यकुमार का स्ट्राइक रेट में कम ही रहा है. मध्यक्रम में ऋषभ पंत को फेल होने के बाद भी लगातार मौके पर मौके दिए गए. देखा जाए, तो टीम इंडिया के खिलाड़ी अपने ही प्रयोगों का शिकार हो गए हैं. और, रोहित शर्मा की बातों से लग नहीं रहा है कि वे इसे लेकर बहुत ज्यादा गंभीर हैं. हो सकता है कि टी20 वर्ल्ड कप में भी टूर्नामेंट से बाहर होने पर रोहित शर्मा की ओर से यही बयान सुनाई दे जाए कि 'हमने जानबूझकर खुद को मुश्किलों में डाला.' आसान शब्दों में कहें, तो जो गलतियों से सबक न ले, उसे टीम इंडिया कहा जाता है.

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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