New

होम -> स्पोर्ट्स

 |  5-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 22 सितम्बर, 2022 07:31 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
  • Total Shares

ऑस्ट्रेलियाई जमीन पर होने वाले टी20 वर्ल्ड कप से करीब एक महीने पहले मेजबान टीम के खिलाफ मैच में टीम इंडिया से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही थी. माना जा रहा था कि एशिया कप में बुरी तरह से शिकस्त खाने के बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 मैचों की घरेलू सीरीज में टीम इंडिया अपनी गलतियों को सुधार लेगी. लेकिन, पहले ही टी20 मैच में टीम इंडिया के 'शेरों' ने ऑस्ट्रेलिया के सामने घुटने टेक दिए. वैसे, टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को 208 रनों का विशाल लक्ष्य दिया था. इसके बावजूद गेंदबाजों के निराशाजनक प्रदर्शन के चलते मैच नहीं बचाया जा सका. ऑस्ट्रेलिया के कैमरून ग्रीन की 61 रनों की अर्धशतकीय पारी और मैथ्यू वेड की 21 गेंद में 45 रनों की ताबड़तोड़ पारी ने टीम इंडिया के गेंदबाजों को संभलने का मौका ही नहीं दिया. फील्डिंग के मामले में भी टीम इंडिया का हाथ तंग रहा. और, टीम ने मैच में तीन कैच टपकाए. इस स्थिति में सवाल उठना लाजिमी है कि ऐसे प्रदर्शन के साथ टीम इंडिया टी20 वर्ल्ड कप कैसे जीतेगी?

Team India T20 World Cup Australiaटी20 वर्ल्ड कप में केवल एक महीना बचा है. और, टीम इंडिया में प्रयोगों की अति कर दी गई है.

टीम इंडिया को 'प्लेयर्स' की जरूरत है, हीरो की नहीं

बीते दिनों इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी गौतम गंभीर ने टीम में 'हीरो कल्चर' को लेकर सवाल खड़े किए थे. गौतम गंभीर ने कहा था कि 'टीम में मॉन्सटर मत तैयार कीजिए. किसी खिलाड़ी को नहीं केवल भारतीय क्रिकेट को मॉन्सटर होना चाहिए. किसी को पूजने की वजह से अन्य खिलाड़ियों के मौके खत्म हो जाते हैं. इसकी परछाई में कोई आगे नहीं बढ़ता है. टीम इंडिया में पहले महेंद्र सिंह धोनी और अब विराट कोहली के साथ यही किया जा रहा है.' गौतम गंभीर ने टीम इंडिया-अफगानिस्तान के मैच का उदाहरण देते हुए कहा था कि 'जब विराट कोहली ने शतक बनाया, तब किसी ने भुवनेश्वर कुमार के पांच विकेट लेने पर चर्चा नहीं की. हमें इस हीरो कल्चर को बंद करना होगा.'

हालिया मैच के नतीजे पर गौर किया जाए, तो गौतम गंभीर की बात सौ फीसदी खरी साबित होती है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 मैच में टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा और बल्लेबाज विराट कोहली बुरी तरह से फ्लॉप रहे. और, रोहित-विराट की ये जोड़ी टीम इंडिया के 'स्टार' बल्लेबाजों में शामिल है. एशिया कप के दौरान विराट कोहली ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि 'जब मैंने टेस्ट कप्तानी छोड़ी थी, तो मुझे केवल महेंद्र सिंह धोनी ने मैसेज किया था.' ये दिखाने के लिए काफी है कि टीम इंडिया का ये स्टार बल्लेबाज अभी तक हीरो कल्चर को पीछे नहीं छोड़ सका है. वहीं, रोहित शर्मा की बात की जाए, तो ऐसा लगता है कि उन पर जरूरत से ज्यादा ही भरोसा कर लिया गया है. रोहित पर कप्तानी के साथ प्रदर्शन करने का दबाव साफ नजर आता है.

वैसे, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रोहित शर्मा और विराट कोहली के सस्ते में आउट होने के पीछे प्रदर्शन का 'दबाव' एक बड़ी वजह होगी. क्योंकि, केएल राहुल, सूर्यकुमार यादव और हार्दिक पांड्या ने इसी मैच में शानदार बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया को इतने बड़े स्कोर तक पहुंचाया. लेकिन, ये विडंबना ही है कि इन खिलाड़ियों पर चर्चा की जगह विराट कोहली और रोहित शर्मा पर बात की जा रही है. दरअसल, रोहित शर्मा को कप्तानी करते हुए अच्छा प्रदर्शन करना है. और, विराट कोहली को कप्तानी छोड़कर अपने प्रदर्शन पर ध्यान देना है. लेकिन, दोनों खिलाड़ियों के बीच इन सबसे इतर एक अलग तरह की राजनीति नजर आती है. जिसका हल इन दोनों खिलाड़ियों को ही खोजना होगा.

इससे इतर रोहित शर्मा का व्यवहार मैदान पर अजीब सा नजर आता है. जहां महेंद्र सिंह धोनी कप्तानी के दौरान कैप्टन कूल और विराट कोहली कप्तानी के दौरान आक्रामक रवैया अपनाते थे. वहीं, रोहित शर्मा की कप्तानी में कुछ ज्यादा ही आक्रामकता दिखाई पड़ती है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में तो रोहित ने बीच मैदान ही अपना पारा खो दिया. और, दिनेश कार्तिक का गला पकड़ लिया. हालांकि, ये बात मजाक में आई-गई हो गई. लेकिन, रोहित शर्मा को ऐसे व्यवहार से छुटकारा पाना होगा. माना कि गलती दिनेश कार्तिक की थी. और, कार्तिक ने मैच के दौरान नजदीकी मामलों पर अपील नहीं की. लेकिन, इसकी वजह से रोहित का गुस्सा इस तरह से मैदान पर नहीं दिखाई पड़ना चाहिए था.

कब तक प्रयोगों के नाम पर बड़े टूर्नामेंट की तिलांजलि देते रहेंगे?

एशिया कप से बाहर होने के बाद टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा की उनके प्रयोगों को लेकर जमकर आलोचना हुई थी. क्योंकि, एशिया कप रोहित शर्मा के इन्हीं प्रयोगों की भेंट चढ़ गया था. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के पहले ही मैच में रोहित शर्मा ने फिर से एक बेहतरीन प्रयोग कर डाला. मोहाली की हाई स्कोरिंग पिच पर रोहित शर्मा ने जसप्रीत बुमराह को बेंच पर बैठाए रखा. और, उनकी जगह उमेश यादव को टीम में जगह दी. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया की प्लेइंग 11 में छह गेंदबाज थे. जिनमें से केवल अक्षर पटेल ही बेहतरीन गेंदबाजी कर सके. और, 4.20 की इकोनॉमी से महज 17 रन देकर तीन विकेट भी लिए. ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने बाकी के गेंदबाजों की जमकर कुटाई की. भुवनेश्वर कुमार ने चार ओवर में 52, उमेश यादव ने दो ओवर में 27, युजवेंद्र चहल ने 3.2 ओवर में एक विकेट लेकर 42, हर्षल पटेल ने चार ओवर में 49 और हार्दिक पांड्या ने दो ओवर में 22 रन लुटाए.

इधर कैच छूटा और उधर मैच छूटा

क्रिकेट में कहा जाता है कि इधर कैच छूटा और उधर मैच छूटा. वैसे, टीम इंडिया बेहतरीन फील्डिंग के लिए जानी जाती है. लेकिन, इस मैच में खिलाड़ियों ने बहुत ही खराब फील्डिंग का प्रदर्शन किया. टीम इंडिया ने मैच में एक या दो नहीं बल्कि तीन कैच छोड़ दिए. इनमें से तीसरा कैच ऐसे मौके पर छूटा, जो मैच का रुख बदल सकता था. 18वें ओवर में टीम इंडिया के खिलाफ ताबड़तोड़ पारी खेलने वाले मैथ्यू वेड का कैच हर्षल पटेल ने छोड़ दिया. उससे पहले अक्षर पटेल ने 8वें ओवर में कैमरून ग्रीन और 9वें ओवर में केएल राहुल ने स्टीव स्मिथ का कैच छोड़ जीवनदान दिया.

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय