टीम इंडिया का पतन कैसे हुआ? क्या टीम चुनने में कोई गलती हुई?
भारतीय क्रिकेट टीम की शर्मनाक हार ने क्रिकेट प्रेमियों के दिल को तोड़ कर रख दिया है. भारतीय टीम ने टेस्ट में अपना सबसे बुरा प्रदर्शन किया है जिसके चलते टीम की रणनीतियां और मानसिकता पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
-
Total Shares
भारतीय क्रिकेट के प्रेमियों के लिए आज का दिन निराशाजनक रहा है. टेस्ट क्रिकेट को भी बड़े चाव के साथ देखने वाले क्रिकेट प्रेमियों को भारतीय बल्लेबाजों ने अपना सबसे बुरा प्रदर्शन कर करके दिखाया है. एडिलेड के मैदान पर हुए भारत-आस्ट्रेलिया (India Australia First Test) के पहले टेस्ट मैच में भारतीय टीम पूरी तरह से बिखरी हुयी नज़र आयी. हद तो तब हो गई जब भारतीय टीम ने पहली पारी में 55 रन की बढ़त हासिल करने के बाद दूसरी पारी का आग़ाज़ किया. एक के बाद एक विकेट की पतझड़ ऐसे लगी कि मात्र 36 रनों पर ही 9 बल्लेबाज पवेलियन लौट गए और दसवें बल्लेबाज के चोटिल होने का बाद 36 रनों पर ही पारी को ख़त्म करना पड़ा. निराशाजनक प्रदर्शन का हाल ये रहा कि भारत का कोई भी बल्लेबाज दहाईं के आंकड़ें को भी नहीं छू सका. इसके बाद आस्ट्रेलिया ने 93 रन का टार्गेट मात्र 2 विकेट खोकर हासिल कर लिया. भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) का ये शर्मनाक प्रदर्शन 88 साल के बाद दोहराया है.
टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में भारतीय टीम दूसरी ऐसी टीम बन चुकी है जिसका कोई भी बल्लेबाज पूरी पारी में दहाईं का आँकड़ा नहीं छू पाया है. इससे पहले साल 1924 में दक्षिण अफ्रिका ने यह ख़राब उपलब्धि हासिल की थी. उस वक्त दक्षिण अफ्रीका ने इंग्लैंड की गेंदबाजी के सामने घुटने टेके थे और मात्र 30 रनों पर ही आल आउट हो गई थी. भारतीय क्रिकेट टीम का इससे पहले न्यूनतम स्कोर 42 रनों का था जो टीम ने साल 1974 में इंग्लैंड के खिलाफ बनाया था.
इंडिया-ऑस्ट्रेलिया के पहले टेस्ट मैच में जैसा प्रदर्शन टीम इंडिया का रहा फैंस बहुत आहत हैं
विश्व क्रिकेट में सबसे कम रनों का टोटल स्कोर न्यूज़ीलैंड के नाम है. न्यूज़ीलैंड की टीम साल 1955 में इंग्लैंड के खिलाफ कुल 26 रनों पर आल आउट हो गई थी.आस्ट्रेलिया की तेज़ गेंदबाजी के सामने भारतीय बल्लेबाजी डगमगाता हुआ नज़र आया. टेस्ट के तीसरे दिन में ही भारत को हार का सामना करना पड़ गया जबकि पहले दो दिन भारतीय टीम आस्ट्रेलिया के खिलाफ हावी नज़र आ रही थी.
भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने माना कि भारतीय बल्लेबाजों ने गलती की औऱ विश्वास के साथ नहीं खेल पाए. उनकी टीम की दो दिन की मेहनत मिट्टी में मिल गई. एक मजबूत स्थिति में पहुंचने के बाद अचानक से हार जाना तकलीफ देता है. भारतीय टीम की हार के बाद चर्चा तेज़ हो चली है कि आखिर भारतीय टीम ने गलती कहां पर की जो टीम को एक शर्मनाक हार तक लेकर चली गई. भारतीय टीम की हार पर जिन बड़े कारणों की चर्चा चल रही है वो कारण तो वाजिब हैं.
भारतीय टीम टेस्ट क्रिकेट की नंबर एक टीम है. टीम का ये प्रदर्शन बिल्कुल भी शोभनीय नहीं हैं. भारतीय टीम अपने मज़बूत बल्लेबाजी के लिए जानी जाती है जबकि भारतीय टीम की गेंदबाजी हमेशा अच्छा प्रदर्शन नहीं दोहरा पाती है. जिसकी एक तस्वीर आपने आस्ट्रेलिया के वनडे और टी-टवंटी मैचों में भी देखा होगा. भारतीय बल्लेबाजों ने पहले टेस्ट में खराब प्रदर्शन किया है वहीं गेंदबाजों ने लाजवाब प्रदर्शन किया.
भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 244 रन ही बना सकी.गेंदबाजों ने इसको बचाते हुए आस्ट्रेलियाई टीम को 191 रनों पर ही रोक दिया जोकि काबिले तारीफ था. हालांकि भारतीय गेंदबाजों ने आस्ट्रेलिया को एक वक्त 111 रन पर 7 झटके दे डाले थे लेकिन आस्ट्रेलिया के कप्तान टिम पेन ने अपने पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ टीम को 191 रनों तक पहुंचा दिया.
बहरहाल ये 191 रनों तक भी आस्ट्रेलिया को रोक देना भारतीय टीम के लिए बोनस ही थी मगर दूसरी पारी में बल्लेबाजों का लड़खड़ा जाना हार का सबसे बड़ा कारण बन गया. भारतीय ओपनिंग भी बेहद खराब रणनीति रही और युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॅा दोनों पारियों में महज 4 रन ही बना कर दोनों पारी में बोल्ड हो गए. वहीं दूसरे ओपनर मयंक अग्रवाल दोनों पारी में 25 रन ही बना सके.
ऐसा नहीं है कि भारतीय टीम की ख़राब बल्लेबाजी ही हार का कारण बनी, भारतीय टीम ने फिल्डिंग में भी घटिया प्रदर्शन किया. पहली पारी में टीम ने 5 बड़े कैच टपका दिए.यही ख़राब फिल्डिंग टीम ने वनडे और टी-टवंटी में भी किए थे. कुल मिलाकर भारतीय टीम ने टेस्ट मैच को लेकर न तो कोई खास तैयारी की और न ही टेस्ट मैच के लिए पूरी तरह से तैयार नज़र आए.
अभी सिरीज़ में 2 मैच बाकी हैं लेकिन बुरी ख़बर यह है कि टीम के कप्तान विराट कोहली भारत वापिस आ रहे हैं वह बाकी के दो मैच में हिस्सा नहीं होंगें जो अच्छे फार्म में नज़र आ रहे हैं. वहीं टीम के मुख्य तेज़ गेंदबाज मो0 शमी भी चोटिल हो गए हैं और अगले दोनों मैच के लिए टीम से बाहर हो सकते हैं. अब इसे गरीब़ी में आटा गीला होना ही कहा जाए तो ही ठीक होगा. भारतीय टीम को टेस्ट क्रिकेट के लिए अलग से रणनीति और फार्मूले की ज़रूरत है.
ये भी पढ़ें -
India-Australia love story: तनाव और अवसाद के दौर में सुकून वाली तस्वीर
Diego Maradona: एक अजब आज़ाद मर्द!
रोहित शर्मा के पास रिज़ल्ट के मामले में है मोदी जी वाली कंसिस्टेंसी!
आपकी राय