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Updated: 14 जून, 2017 10:25 PM
मोहित चतुर्वेदी
मोहित चतुर्वेदी
  @mohitchaturvedi123
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चैम्पियंस ट्रॉफी में भारत और बांग्लादेश के बीच सेमीफाइनल मुकाबला खेला जाएगा. काफी सालों से देखा जा रहा है कि बांग्लादेश क्रिकेट मुकाबले को स्पोर्ट्समैन स्प्रिट के साथ नहीं, बल्कि लड़ाकू अंदाज में खेलता है. ग्राउंड पर झगड़ा कर लेना, सोशल मीडिया पर बांग्लादेशी खिलाड़ियों का टीम इंडिया का मजाक उड़ाना और फोटो के जरिए टीम इंडिया को नीचा दिखाना.

हर मैच में कुछ न कुछ ऐसा होता है जिससे लगता है कि ये बांग्लादेश नहीं बल्कि पाकिस्तान है. बांग्लादेश नफरत का खेल खेलने में कभी पीछे हटता नहीं दिखा. हर बार की तरह इस बार भी बांग्लादेश ने सोशल मीडिया पर ऐसी हरकत की है जो किसी इंडियन फैन के गले से नीचे नहीं उतर रही है. इस बार बांग्लादेश ने शेर पर अपना झंडा लगाया तो वहीं डॉग के ऊपर भारत का लगा दिया.

जिससे सोशल मीडिया पर उसकी काफी आलोचना हो रही है. बता दें, पिछली बार वनडे सीरीज में बांग्लादेश ने टीम इंडिया के प्लेयर्स के सिर से फोटोशॉप की मदद से सिर के बाल हटा दिए थे. यही नहीं टी20 वर्ल्ड कप के दौरान उसने बॉलर तस्कीन अहमद के हाथ में धोनी का सिर पकड़ा दिया था.

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ये तो रही बांग्लादेश के लोगों की बात... अब बात करते हैं वहां के क्रिकेटर मुशफिकुर रहीम के विवादास्पद ट्वीट के बारे में, जो उन्होंने 2016 टी20 वर्ल्ड कप के दौरान टीम इंडिया के खिलाफ किया था. भारत का सेमीफाइनल मुकाबला वेस्टइंडीज से था और बांग्लादेश टूर्नामेंट से बाहर हो चुकी थी. भारत मैच हारा तो बांग्लादेश के पूर्व कप्तान मुशफिकुर रहीम ने खुशी मनाई थी.

यहां तक तो उन्होंने सोशल मीडिया पर खुशी मनाते हुए फोटो भी अपलोड कर दी थी. शायद बांग्लादेश ये भूल चुका है कि उसको आजाद कराने में भारत का ही हाथ था. आइए जानते हैं क्यों बढ़ी इतनी नफरत.

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बांग्लादेश की आजादी में भारत का हाथ

कभी पूर्वी पाकिस्तान रहा बांग्लादेश आज यदि आजाद देश है तो उसमें भारत की भूमिका मां की तरह है. पाकिस्तानी सेना के जुल्म, कत्लेआम और बलात्कार से उसे भारत ने बचाया. वहां की मुक्ति बाहिनी को पूरा समर्थन दिया.

1971 में पाकिस्तान से बांग्लादेश आजाद हो गया. आजाद बांग्लादेश भारत की तर्ज पर एक सेक्युलर लोकतंत्र की राह पर जाना चाहता था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं और इस्लामिक कट्टरपंथियों के दबाव में 1988 में पाकिस्तान की तर्ज पर बांग्लादेश ने भी खुद को इस्लामिक राज्य घोषित कर दिया.

भारत की आजादी के पहले से मुस्लिम बहुत पूर्वी बंगाल में हिंदुओं का दमन शुरू हो चुका था. आजाद होने के बाद ईस्ट पाकिस्तान में 1971 तक बड़ी संख्या में हिंदुओं का कत्लेआम हुआ. लेकिन पाकिस्तान से आजाद होने के बाद भी बांग्लादेश में हिंदुओं का दमन नहीं रुका और अभी तक जारी है. 1971 में बांग्लादेश बना. उस वक्त 85% मुस्लिम थे और 14 % हिंदू. 2011 में 90% मुस्लिम हो गए और हिंदू घटकर 8% रह गए.

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खेल में पाकिस्तान को सपोर्ट करता है बांग्लादेश

भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मुकाबले में बांग्लादेशी दर्शकों का झुकाव इस मसले का साफ करता है. वे पाकिस्तान को सपोर्ट करते हैं. खैर, यह खेल है, कोई किसी को भी सपोर्ट कर सकता है. लेकिन भारत से नफरत का मतलब कुछ और ही है.

यह नफरत महज इसलिए कि पाकिस्तान की तरह बांग्लादेश भी अब एक इस्लामिक राज्य है और हिंदुओं से नफरत करना उनका धर्म सिद्ध अधिकार है. यही वजह है कि वेस्टइंडीज से भारत की हार में भी वे खुशी मनाते हैं. खेल में हार-जीत चलती रहती है लेकिन भारत से हार उनके लिए सबसे बड़ा गुनाह बन जाता है.

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लेखक

मोहित चतुर्वेदी मोहित चतुर्वेदी @mohitchaturvedi123

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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