इधर भारत में दीवालिया हुए माल्या, उधर वेस्ट इंडीज में खरीदी क्रिकेट लीग टीम!
हजारों करोड़ रुपये का कर्ज लेकर विदेश फरार हुए विजय माल्या अब कैरेबियन प्रीमियर टी20 लीग की टीम महज 100 डॉलर में खरीदने के कारण चर्चा में है, जानिए क्यो झूठा है माल्या का ये दावा?
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विजय माल्या कर्ज में डूबकर देश छोड़कर जा चुके हैं और आईपीएल की टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर से भी हाथ धो बैठे हैं. लेकिन जरा रुकिए, माल्या का भारतीय क्रिकेट लीग से नाता टूटा तो क्या वेस्ट इंडीज में जुड़ गया. 9000 करोड़ के कर्ज में डूबे हुए दीवालिया माल्या ने कैरेबियन प्रीमियर लीग (सीपीएल) में एक टीम खरीदी है. हालांकि इस टीम को खरीदने के लिए वह जो कीमत अदा करने का दावा कर रहे हैं उस पर शायद ही कोई यकीन कर पाए.
माल्या का दावा है कि उन्होंने सीपीएल की टीम बारबाडोस ट्राइडेंट्स को महज 100 डॉलर यानी कि सिर्फ 6600 रुपये में खरीदा है. इसके लिए उन्होंने कैरेबियाई सरकार की मदद का दावा किया है. लेकिन इस धनी क्रिकेट टी20 लीग की किसी टीम के 6600 रुपये में खरीदने का दावा सही हो, इस पर यकीन करना मुश्किल लगता है.
फरवरी में आई खबरों के मुताबिक माल्या ने कैरेबियन प्रीमियर लीग (सीपीएल) की क्रिकेट टीम बारबाडोस ट्राइडेंट्स को 2 मिलियन डॉलर यानी की करीब 14 करोड़ रुपये फीस देकर खरीदा था. लेकिन अब माल्या ने इस टीम को महज 100 डॉलर यानी कि करीब 6600 रुपये में खरीदने का दावा किया है. आइए जानें माल्या की जिंदगी से जुड़े इस एक और चौंकाने वाले राज का खुलासा.
माल्या ने कैसे खरीदी 6600 रुपये की टीमः
ये बात इसी साल फरवरी की है. पंजाब नेशनल बैंक ने कर्जा न चुकाने के कारण विजय माल्या और उनकी कंपनी युनाइटेड ब्रेवरीज होल्डिंग्स को विलफुल डिफाल्टर घोषित कर दिया था. जिसके एक दिन बाद युनाइटेड ब्रेवरीज होल्डिंग्स ने अपने तब के चेरयमैन विजय माल्या द्वारा कैरेबियन प्रीमियर लीग में एक क्रिकेट टीम खरीदने की जानकारी दी थी.
उस समय आई खबरों के मुताबिक माल्या ने बारबाडोस ट्राइडेंट्स को खरीदने के लिए 14 करोड़ रुपये की फीस चुकाई थी. लेकिन अब माल्या ने इस टीम को उससे कई गुना कम कीमत (करीब 6600 रुपये) में खरीदने का दावा किया है. वेस्टइंडीज क्रिकेट में माल्या की रुचि 90 के दशक से ही रही है और तब उन्होंने वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम को अपने किंगफिशर ब्रैंड की टैगलाइन किंग्स ऑफ द गुड टाइम्स के साथ स्पॉन्सर किया था.
विजय माल्या ने कैरेबियन प्रीमियर लीग की टीम को महज 100 डॉलर में खरीदने का दावा किया है |
सीपीएल में टीम खरीदना माल्या की शातिर योजना!
कैरेबियन प्रीमियर लीग में टीम खरीदना माल्या की शातिर योजनाओं की झलक देता है. फरवरी में ही माल्या ने यूनाइटेड ब्रेवरीज होल्डिंग का चेयरमैन पद छोड़ा था. इसके कुछ ही दिनों बाद और देश छोड़कर जाने से कुछ ही दिन पहले उन्होंने बीसीसीआई को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलौर का डायरेक्टर का पद छोड़ने की सूचना दी थी. हालांकि अब भी उनका बेटा सिद्धार्थ रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में है. लेकिन ये दोनों महत्वपूर्ण पद छोड़ने से पहले भविष्य के निवेश के तौर पर माल्या कैरेबियन प्रीमियर लीग में टीम खरीद चुके थे. जिसकी असली कीमत के बारे में माल्या के दावे के बावजूद कोई नहीं जानता है.
क्यों झूठा है माल्या का दावाः
हालांकि माल्या का कहना है कि बारबाडोस ट्राइडेंट्स को चलाने के लिए सलाना खर्च सिर्फ 2 मिलियन डॉलर या 14 करोड़ रुपये ही है. उनका दावा है कि बारबाडोस ट्राइडेंट्स को उन्होंने अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ मिलकर महज 100 डॉलर में खरीदा है. माल्या ने दावा किया, 'हर किसी ने मेरे द्वारा सीपीएल टीम बारबाडोस ट्राइडेंट्स को खरीदने को लेकर बड़ा हंगामा किया. ये एक अधिग्रहण था जोकि कैश के द्वारा नहीं किया गया. ये अधिग्रहण सिर्फ 100 डॉलर में किया गया.'
लेकिन माल्या के इस दावे पर यकीन करना इसलिए मुश्किल हो जाता है कि पिछले साल बॉलीवुड के किंग खान कहे जाने वाले शाहरुख ने भी इस क्रिकेट लीग में त्रिनिडाड ऐंड टोबैगो नाम की एक टीम खरीदी थी. इस सौदे की कीमत का तो खुलासा नहीं हुआ था लेकिन माना जाता है कि ये डील करोड़ों में हुई थी. ऐसे में ये कैसे मान लिया जाए कि उसी लीग की एक दूसरी टीम को माल्या महज 6600 रुपये में खरीदने में कामयाब हो गए.
संभव है कि माल्या ने ऐसा देश में अपने खिलाफ चल रही जांच और 9 हजार करोड़ रुपये के कर्ज की आलोचना से बचने के लिए किया हो. अगर माल्या इस टीम की असली कीमत का खुलासा करते तो उनके लिए ये बताना मुश्किल हो जाता कि अगर उनके पास कर्ज चुकाने के लिए पैसे नहीं है तो फिर इतनी महंगी टीम कैसे खरीदी. माल्या ऐसा करके भारत में अपने लिए मुश्किलें और बढ़ाना नहीं चाहते थे.
इसलिए भविष्य के अपने करोड़ों रुपये के निवेश को माल्या ने महज कुछ हजार रुपये का सौदा बताकर खुद को कड़ी आलोचना और मुश्किलों से बचाने की चालाक कोशिश की है.
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