विनेश फोगाट - सोनम मलिक समझ गए होंगे 'ओलंपिक मेडल' गलतियों पर पर्दा भी डालता है!
रेसलर विनेश फोगाट और सोनम मलिक पर भारतीय कुश्ती संघ ने अनुशासनहीनता का आरोप लगाया है और एक्शन लिया है. सवाल ये है कि अगर विनेश फोगाट और सोनम मलिक ने टोक्यो में पदक जीता होता तो भी क्या उनपर भारतीय कुश्ती संघ द्वारा एक्शन लिया जाता? जवाब क्या होगा उसे पूरा देश जानता है.
-
Total Shares
खेल के दौरान जीत सिर्फ मेडल नहीं दिलवाती, इनामों की बौछार नहीं करवाती. गलतियां भी माफ करती है. वहीं हार के अपने तकाजे हैं. कोई हार गया तो छोटी से छोटी बात को मुद्दा बनाया जाता है और उसे ऐसे पेश किया जाता है जैसे खिलाड़ी से कितना बड़ा अपराध हो गया है. टोक्यो ओलंपिक में हार का मुंह देखने वाली एशियाई खेलों की गोल्ड मेडलिस्ट विनेश फोगाट और सोनम मलिक का भी मामला कुछ ऐसा है. भारत को कुश्ती के मद्देनजर टोक्यो ओलंपिक से बहुत उम्मीदें थीं. माना जा रहा था कि सोनम मलिक, विनेश फोगाट जैसे खिलाड़ियों की बदौलत भारत ओलंपिक मेडल पर कब्जा जमाने में कामयाब रहेगा मगर दोनों ही खिलाड़ियों के मुकाबले और टूर्नामेंट में मिली हार के बाद भारत की सारी उम्मीदें धरी की धरी रह गईं. अब जबकि दोनों ही खिलाड़ी हारकर हिंदुस्तान वापस आ गए हैं तो दोनों की कुछ गलतियों को भारतीय कुश्ती संघ ने मुद्दा बनाया है और इन दोनों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया है.
पहलवान विनेश फोगाट और सोनम मलिक से भारतीय कुश्ती संघ खासा नाराज है
भारतीय कुश्ती संघ की तरफ से सोनम मलिक और विनेश फोगाट को नोटिस जारी हुआ है. जिसका जवाब दोनों ही खिलाड़ियों को 16 अगस्त तक देना है. जवाब संघ के सामने रखा जाएगा. यदि भारतीय कुश्ती संघ दोनो खिलाड़ियों के जवाब से संतुष्ट होता है तो ही इन्हें भविष्य में खेलने का मौका मिलेगा. तब तक इनके खेलने पर रोक रहेगी.
बताया जा रहा है कि ओलंपिक मेडल की सबसे प्रबल दावेदारों में से एक विनेश फोगाट से भारतीय कुश्ती संघ को बहुत उम्मीदें थीं लेकिन जैसा व्यवहार विनेश ने टोक्यो में किया वो भारत की कुश्ती फेडरेशन को खासा नागवार गुजरा है.
क्या कहकर खिलाड़ियों के खेलने पर लगी है पाबंदी.
इस पूरे मामले पर भारतीय कुश्ती संघ के सहायक सचिव विनोद तोमर सामने आए हैं. तोमर ने कहा है कि पहले विनेश ने टोक्यो में भारतीय पहलवानों के साथ प्रैक्टिस करने से इनकार कर दिया. फिर बाउट के दौरान भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की आधिकारिक किट न पहनकर अपनी ही किट पहनी. इस पर आईओए ने कड़ी आपत्ति जताई है.
वहीं सोनम के विषय में तोमर का कहना है कि सोनम ने टोक्यो जाने के लिए अपना पासपोर्ट संघ के ऑफिस से खुद नहीं साई कर्मियों से मंगवाया. इसे भी संघ ने अनुशासनहीनता की श्रेणी में रखा है. विनेश से भारतीय कुश्ती संघ किस हद तक नाराज है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि विनेश का हंगरी के कोच की पत्नी के साथ ट्रेनिंग करना भी उन्हें बहुत महंगा पड़ गया है.
मामले के मद्देनजर संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का कहना है कि विनेश हंगरी के कोच वॉलर एकोस की रेसलर पत्नी के साथ ट्रेनिंग कर रही थीं. ध्यान रहे कि हंगरी के कोच की पत्नी 62 किलोग्राम वर्ग की खिलाड़ी हैं. संघ ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और कहा है कि यदि विनेश को अच्छे पाटर्नर ट्रेनिंग के लिए मिले होते तो आज परिणाम कुछ और होता.
चुप नहीं रहीं विनेश फोगाट
हार के बाद भारतीय कुश्ती संघ एक के बाद एक नए इल्जाम लगा रहा है जिसपर विनेश फोगाट ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. इसके लिए विनेश ने निजी प्रायोजकों को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है और शायद यही वो बड़ा कारण है जिसके चलते विनेश ने चीफ कोच कुलदीप सिंह की बातों को अनसुना कर दिया. कहा ये भी जा रहा है कि टोक्यो में भारतीय दल के साथ ट्रेनिंग न कर विनेश ने दूसरी जगह प्रैक्टिस शुरू कर दी थी.
क्या वाक़ई विनेश और सोनम ने कोई बहुत बड़ी गलती की है?
भारतीय कुश्ती संघ में क्या हुआ है हम देख चुके हैं. अब सवाल ये है कि अगर टोक्यो ओलंपिक 2021 में विनेश फोगाट और सोनम मलिक जीत गयीं होतीं और भारत की झोली में गोल्ड या सिल्वर मेडल आ गया होता तो भी क्या स्थिति यही रहती? क्या तब भी अनुशासन के नाम पर इन दो खिलाड़ियों पर इस तरह का कोई ैटगियन लिया जाता? जवाब पूरा देश जानता है. तब स्थिति ऐसी नहीं होती. तब न केवल इनकी गलतियों को नजरअंदाज किया जाता बल्कि सारे देश और भारतीय कुश्ती संघ द्वारा उन्हें हाथों हाथ लिया जाता और इनामों की बरसात होती.
बहरहाल अब तक शायद विनेश फोगाट और सोनम मलिक इस बात को समझ चुकी हों कि वक़्त जीत के आगे झुकता है और हार की कोई जगह नहीं होती. जो इल्जाम उनपर लगा है वो मेडल ही दूर कर सकता है. अगले ओलंपिक के मद्देनजर उन्हें अभी से अपनी तैयारियों पर नए सिरे से काम करने की जरूरत है. मेडल आने की देर है. मेडल के आते साथ दोबारा ज़िन्दगी में अच्छे दिनों की शुरुआत हो जाएगी.
ये भी पढ़ें -
ओलंपिक में भारतीयों की दिचलस्पी क्रिकेट के ही जरिए आएगी? तो वो वक्त आ गया...
ओलंपिक खिलाड़ियों को पुरस्कृत कीजिये लेकिन भेदभाव मत होने दीजिये...
आपकी राय