New

होम -> स्पोर्ट्स

 |  4-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 21 मई, 2016 01:44 PM
अभिषेक पाण्डेय
अभिषेक पाण्डेय
  @Abhishek.Journo
  • Total Shares

वह इतने बेहतरीन बल्लेबाज रहे हैं कि उन्हें टीम इंडिया का मिस्टर भरोसेमंद कहा जाता था. जिस राहुल द्रविड़ की बल्लेबाजी पर टीम इंडिया वर्षों तक आंख मूंदकर भरोसा करती आई है क्या अब एक बार फिर से कोच पद के लिए भी उन पर टीम उसी तरह का भरोसा करेगी.

जवाब महान ऑस्ट्रेलिया क्रिकेटर रिकी पॉन्टिंग देते हैं, जो खुद भी एक बेहतरीन कप्तान रहे हैं. पॉन्टिंग ने टीम इंडिया के कोच के मुद्दे पर जारी बहस पर कहा है कि अगर द्रविड़ तैयार हों तो बीसीसीआई को कोच पद के लिए उनसे बेहतरीन कैंडिडेट शायद ही मिले, द्रविड़ इस रोल में अच्छा काम करेंगे.

पॉन्टिंग की बात गलत भी नहीं है, न सिर्फ एक बल्लेबाज बल्कि एक कोच और मेंटर के तौर पर भी राहुल द्रविड़ ने खुद को साबित किया है. ऐसे में अगर बीसीसीआई राहुल द्रविड़ को टीम इंडिया का कोच नियुक्त करती है तो टीम इंडिया के लिए इससे अच्छा शायद ही कुछ हो. आइए जानें क्यों द्रविड़ इस पोस्ट के लिए बेस्ट कैंडिडेट हैं.

क्यों राहुल द्रविड़ टीम इंडिया का कोच बनने के लिए बेस्ट हैं:

हाल ही में टीम इंडिया के टेस्ट टीम के कप्तान विराट कोहली ने न्यूजीलैंड के पूर्व स्पिनर डेनियल वेटोरी को टीम इंडिया का कोच बनाए जाने का समर्थन किया था. वर्तमान में वेटोरी विराट की कप्तानी वाली आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर के कोच हैं. टीम इंडिया को जून 2016 से मई 2017 तक 18 टेस्ट मैत खेलने हैं, ऐसे में एक फुल टाइम कोच की नियुक्ति जरूरी है. हाल ही में पिछले डेढ़ वर्षों से टीम इंडिया के टेक्निकल डायरेक्टर के तौर पर काम कर रहे रवि शास्त्री का कार्यकाल खत्म हुआ है.  टीम इंडिया के पूर्णकालिक कोच फ्लेचर का कॉन्ट्रैक्ट पिछले साल वर्ल्ड कप के साथ खत्म हो गया था.

भले ही कोहली कोच पद के लिए वेटोरी का समर्थन कर रहे हों लेकिन शायद ही इस पद के लिए द्रविड़ से बेहतर और कोई हो. खासकर टीम इंडिया के लिए लगभग दो दशक तक खेलने के अनुभव के बाद. साथ ही राहुल द्रविड़ ने पहले राजस्थान रॉयल्स के कोच और फिर अब अंडर-19 और टीम इंडिया-ए के कोच के तौर पर अपनी जबर्दस्त छाप छोड़ी है. इस आईपीएल में द्रविड़ दिल्ली डेयरडेविल्स को कोचिंग दे रहे हैं और टीम जोरदार प्रदर्शन कर रही है.

rahul-dravid-650_051716065001.jpg
राहुल द्रविड़ तो जून 2015 में टीम इंडिया-ए और अंडर-19 टीमों का कोच बनाया गया था

राजस्थान रॉयल्स का कोच और मेंटर रहने के दौरान उन्होंने अनजाने खिलाड़ियों वाली राजस्थान की टीम को आईपीएल की सबसे मजबूत टीमों की कतार में ला खड़ा किया. यही बात भारत की अंडर-19 टीम पर भी लागू होती है, जहां युवा खिलाड़ी द्रविड़ की कोचिंग में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. भारत की अंडर-19 की टीम फरवरी में अंडर-19 वर्ल्डकप के फाइनल में तक पहुंची थी, तब टीम के कोच द्रविड़ ही थे.

द्रविड़ को टीम इंडिया का कोच बनाए जाने का एक फायदा ये भी है कि उन्हें लंबे समय तक खेलने के कारण टीम इंडिया की कमजोरियों और ताकत का पता किसी विदेशी कोच से कहीं ज्यादा होगा. वह भारतीय मैदानों और उभरती हुई प्रतिभाओं के बारे में भी किसी विदेशी कोच से कहीं ज्यादा जानते हैं. टीम इंडिया के खिलाड़ियों के लिए भी द्रविड़ के साथ घुलना-मिलना किसी विदेशी कोच की तुलना में कहीं आसान होगा. एक विदेशी कोच कितना भी जानकार क्यों न हो दूसरे देश में कोचिंग के लिए जाने पर संस्कृतियों का फर्क आ ही जाता है. जो कई बार बहुत ही अहम बन जाता है और खिलाड़ियों और कोच के बीच आपसी तालमेल ही नहीं बन पाता है.

daniel-vettori-650_051716065157.jpg
विराट कोहली ने टीम इंडिया के कोच पद के लिए डेनियल वेटोरी के नाम का समर्थन किया है

अतीत में भी हालांकि टीम इंडिया जॉन राइट और गैरी कस्टर्न जैसे कोचों के साथ अच्छा प्रदर्शन कर चुकी है. लेकिन आपको ग्रेग चैपल की कोचिंग के दौर को भी नहीं भूलना चाहिए. जिसने पूर्व कप्तान सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ से लेकर सचिन तेंडुलकर तक को विवादों में ला दिया था. चैपल युग में टीम इंडिया का प्रदर्शन अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया था. ग्रेग चैपल ऑस्ट्रेलिया के बड़े क्रिकेटर रहे हैं,उन्हें जाहिर तौर पर क्रिकेट की जानकारी भी बहुत है. लेकिन टीम इंडिया और उसके खिलाडियों को न समझ पाने के कारण उन्होंने टीम को फायदा कम और नुकसान ज्यादा पहुंचाया.

चैपल के मुकाबले टीम इंडिया के पिछले कोच डंकन फ्लेचर विवादों में भले न रहे हों लेकिन 2011 से 2015 तक अपने चार साल के कार्यकाल में उन्होंने टीम इंडिया को विदेशी धरती पर न जीत पाने वाली टीम बनाकर रख दिया. फ्लेचर की देखरेख में टीम इंडिया औसत प्रदर्शन ही कर पाई और कुल मिलाकर फ्लेचर का कार्यकाल बेहद निराशाजनक रहा. 

हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोहली के समर्थन के बाद वेटोंरी को टीम इंडिया का कोच बनाए जाने की संभावनाएं बढ़ गई हैं, लेकिन टीम इंडिया का कोच बनने के बेस्ट कैंडिडेट तो द्रविड़ ही हैं. 

लेखक

अभिषेक पाण्डेय अभिषेक पाण्डेय @abhishek.journo

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय