Apple के पास इतना पैसा है कि वो रिलायंस, टाटा और बिड़ला को बैठे-बैठे खरीद ले
एपल कंपनी को बने हुए 42 साल हो गए हैं और इसने एक कीर्तिमान गढ़ दिया है. एपल अब 1 ट्रिलियन डॉलर की कंपनी बन गई है, लेकिन इसके मायने क्या हैं?
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Apple कंपनी इन दिनों चर्चा में है. वो दुनिया की पहली ऐसी कंपनी बन गई है जिसने 1 ट्रिलियन डॉलर (68 लाख करोड़ रुपए) का कारोबार कर लिया है. अब Apple का मार्केट कैप 1 ट्रिलियन डॉलर से भी ज्यादा हो गया है. Apple कंपनी का कारोबार अब किसी परिकथा की तरह लगता है. अकूत पैसा है इस कंपनी के पास. इस पैसे की तुलना यदि भारत के रईसों और उनके कारोबार से की जाए, तो ऊंट के मुंह में जीरे वाली बात होगी. Apple के पास इतना पैसा है कि वह रिलायंस, टाटा और बड़ला की कंपनियों को हाथों-हाथ खरीद सकती है. इतना ही नहीं, Apple के पास जो धन है उसके आगे कई देशों की GDP छोटी पड़ जाएगी.
Apple का इतिहास हमेशा से इतना सुनहरा नहीं था. 1976 में बनी कंपनी Apple ने iMac से लेकर आईपॉड, आईफोन (iPhone) और फिर आईपैड (iPad) जैसे क्रांतिकारी प्रोडक्ट भले लांच किए. लेकिन एक वक्त ऐसा भी था, जब स्टीव जॉब्स की ये कंपनी एक समय पर दीवालिया होने की कगार तक आ पहुंची थी. 1997 में इसके शेयर 1 डॉलर की कीमत तक आ पहुंचे थे. लेकिन 20 साल बाद 2 अगस्त 2018 को Apple का एक शेयर 207.05 डॉलर की कीमत पर पहुंच गया. 2011 में जब से टिम कुक ने स्टीव जॉब्स को रिप्लेस किया है तब से कंपनी के शेयर्स की कीमत चार गुना बढ़ गई है.
Apple कंपनी को बने हुए 42 साल हो गए हैं और इसने एक कीर्तिमान गढ़ दिया है. 1901 में पहली 1 बिलियन कंपनी यूएस स्टील बनी थी और 117 साल बाद Apple ने एक नया कदम लिया और अब दुनिया 1 ट्रिलियन डॉलर की कंपनी की ओर देख रही है.
Apple कंपनी रिलायंस और टाटा इंडस्ट्री से 10 गुना बड़ी हो गई है
क्या है इसके मायने?
Apple के 1 ट्रिलियन डॉलर की कंपनी बनने के मायने ये है कि इस कंपनी की स्टॉक मार्केट वैल्यू ब्रिटेन की एक तिहाई अर्थव्यवस्था से भी ज्यादा है. तुर्की और स्वित्जरलैंड जैसे देशों की जीडीपी से ज्यादा.
Apple के पास अब इतना पैसा हो गया है कि वो पाकिस्तान जैसे 250 देश खरीद सकती है. पाकिस्तान की जीडीपी 28,366 करोड़ अमेरिकी डॉलर (304 लाख करोड़ रुपए). कंपनी की स्टॉक मार्केट वैल्यू, एक्सॉन मोबिल, प्रॉक्टर एंड गैंबल और एटीएंडटी की संयुक्त पूंजी से भी ज्यादा है. दूसरे नंबर पर अमेजन है जिसका मार्केट कैप 869 अरब डॉलर है.
रिलायंस, टाटा, बिड़ला से काफी ज्यादा आगे..
Reliance Industry का मार्केट कैप 100 बिलियन डॉलर (करीब 6.8 लाख करोड़ रुपए) है. इसके अलावा, मुकेश अंबानी अकेले करीब 4,230 करोड़ अमेरिकी डॉलर के मालिक हैं. TATA group का मार्केट कैप 10 लाख करोड़ रुपए है. इसके अलावा बिड़ला समूह की मार्केट कैप 3 लाख करोड़ रुपए है. अब अगर यहां हम Apple को देखें जो अकेली 68 लाख करोड़ रुपए (1 ट्रिलियन डॉलर) की कंपनी है. तो खुद ही कैल्कुलेट कर लीजिए कि आखिर रिलायंस, टाटा और बिड़ला Apple के आगे कहां लगते हैं. ये रिलायंस इंडस्ट्री और टीसीएस से करीब 10 गुना ज्यादा बड़ी कंपनी है.
भारत की अर्थव्यवस्था का 38% हिस्सा
Apple की कुल संपत्ती अब 1 लाख करोड़ डॉलर की हो गई है. भारत की अर्थव्यवस्था 2.6 लाख करोड़ डॉलर की है. वर्ल्ड बैंक के हिसाब से Apple दुनिया की 6वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. और इस हिसाब से Apple का मार्केट कैप भारत की अर्थव्यवस्था का 38% हिस्सा है.
Apple की कमाई का एक कारण ये भी है कि पिछले साथ आईफोन X लॉन्च हुआ था जो 1000 डॉलर की रेंज में था. ये फोन कंपनी का सबसे महंगा फोन साबित हुआ है और इसकी सेल ही कंपनी को ज्यादा मुनाफा दिलाने में कामयाब रही है. इसके अलावा, आईफोन 8 की कीमत भी पिछले मॉडल्स के मुकाबले थोड़ी ज्यादा ही रही है. यही कारण है कि Apple कंपनी का मुनाफा ज्यादा रहा है.
कुल मिलाकर Apple अब इतनी अमीर हो गई है कि वो आसानी से दुनिया के कई देश खरीद सकती है. वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के 193 देशों में से सिर्फ 16 ही ऐसे हैं जिनकी अर्थव्यवस्था Apple के मार्केट कैप से ज्यादा है. यानी Apple अब 177 देशों से भी ज्यादा अमीर है.
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