एक झलक दुनिया के सबसे हाईटेक घर की...
जॉब्स के बाद आए हैं टिम कुक जो अब कुछ नई तरह से कंपनी को कुछ नया देने की फिराक में हैं, शायद इसीलिए 1 मिलियन डॉलर (लगभग 6.5 करोड़) रुपए का घर बनाया है.
-
Total Shares
जरा सोचिए आपका ऐसा घर हो जिसमें बस ताली बजाते ही लाइट खुल जाए, चुटकी बजाते ही पानी गर्म हो जाए, आपके रूम में आते ही पंखे चालू हो जाएं. AC अपने आप ही समझ जाए कि आपको ठंड लग रही है या गर्मी. ये किसी साइंस फिक्शन फिल्म का सीन नहीं असली स्मार्ट होम है.
एपल कंपनी अपनी आउट ऑफ द बॉक्स सोच के लिए काफी मश्हूर है. स्टीव जॉब्स की वो सोच जिसने एपल को कहां से कहां पहुंचा दिया. जॉब्स के बाद आए हैं टिम कुक जो अब कुछ नई तरह से कंपनी को कुछ नया देने की फिराक में हैं, शायद इसीलिए 1 मिलियन डॉलर (लगभग 6.5 करोड़) रुपए का घर बनाया है.
टेम्प्रेचर सेंसर और लाइट स्विच सब कुछ स्मार्टफोन से ऑपरेट किए जा सकेंगे.हुआ कुछ यूं है कि iOS स्मार्टहोम जो कि एपल के 'होमकिट' प्लेटफॉर्म पर काम करता है, तैयार किया जा चुका है. होमकिट एक स्मार्ट होम प्लेटफॉर्म है जिसे एपल ने तैयार किया है, इस प्लेटफॉर्म से अपने स्मार्ट होम को अपने हिसाब से तैयार करवाया जा सकता है.
क्या-क्या होगा इस घर में?
इस घर में एप से काम करने वाले गीजर, बायोमेट्रिक लॉक, स्मार्टफोन और मोशन जेस्चर से जुड़ी लाइटें, ब्लूटूथ ताले, स्मार्टफोन से टेम्प्रेचर कंट्रोल, ऑटोमैटिक टीवी-फ्रिज आदि सब होगा. आपके घर के हर कमरे में कई डिवाइस होंगे. फ्लोर प्लान से लेकर दीवारों के स्विच तक सब कुछ अलग होगा.
ये स्मार्ट होम अभी सिर्फ अमेरिका तक ही सीमित है. पहला मॉडल सेनजोस, कैलिफोर्निया में तैयार किया गया है.
बाथरूम के फ्लोर में भी LED लाइट लगवाई जा सकती हैं. ये कदमों के प्रेशर से ही जल उठेंगीबिल गेट्स का घर भी है स्मार्ट होम-
बिल गेट्स का घर Xanadu 2.0 सबसे बेस्ट स्मार्ट होम है. उसकी तकनीक कुछ ऐसी है कि दीवारों में भी LCD स्क्रीन लगी है. एक बटन दबाते ही दीवारों का रंग, डिजाइन सब बदल जाता है. वॉशिंगटन में स्थित शानाडू नाम का ये बंगला 66000 स्क्वेयर फिट में बना हुआ है. इसमें फर्श भी कुछ ऐसा है कि दबाव से ये पता चल जाता है कि उसपर खड़ा व्यक्ति घर का सदस्य है या कोई और.. शानाडू की हर चीज हाईटेक है. यहां तक की स्विमिंग पूल में भी पानी कुछ मिनटों के अंदर अपने हिसाब से गर्म और ठंडा किया जा सकता है.
बिल गेट्स के घर की एक झलकखैर, ये तो था एक उदाहरण कि स्मार्ट होम कितने स्मार्ट हो सकते हैं पर सच में सोचिए क्या इसकी जरूरत है? मतलब अगर आपके घर की एक लाइट भी खराब हो जाती है तो आपको उसके लिए किसी स्पेशलिस्ट को बुलाना पड़ेगा और अपना काम करना पड़ेगा. एक स्विच खराब होने पर आपको उसे ठीक करवाने के लिए हजारों रुपए खर्च करने पड़ सकते हैं, लेकिन आखिर शौक बड़ी चीज है.
एपल स्मार्टहोम में ल्यूट्रॉन कंपनी के स्विच इस्तेमाल किए गए हैं.
अब एपल स्मार्टहोम की कुछ खूबियां सुनिए-
- सिरी से ये कंट्रोल किया जाएगा, लेकिन अगर आप एपल स्मार्ट होम बनवा रहे हैं तो उसमें सभी डिवाइस कंपनी स्पेसिफिक होंगे. जैसे टीवी, फोन, टैब आदि एपल का, लाइट फिलिप्स की, म्यूजिक सिस्टम भी होमकिट स्पेसिफिक कंपनी का.
- सिरी एक बार में कई अप्लायंस एक साथ कंट्रोल कर सकता है जैसे एक बार डिफॉल्ट सेटिंग करने पर सिर्फ सिरी को आवाज लगाते ही टीवी ऑन हो जाएगा, एसी सेट हो जाएगा, फ्रिज का टेम्प्रेचर, पानी का टेम्प्रेचर, रूम की लाइट आदि सब कुछ हो जाएगा.
- अगर हम किसी और कंपनी के स्मार्टहोम की बात करें जैसे सैमसंग या एलजी तो डिवाइस के मामले में थोड़ी छूट मिलती है. मगर एपल के मामले में ऑप्शन काफी कम हैं.
- इस स्मार्ट होम में खिड़की के पर्दे भी आपको एक चुनी हुई कंपनी (ल्यूट्रॉन/lutron) के लगाने होंगे जो फोन से बंद किए जा सकेंगे.
फिलहाल जो स्मार्टहोम मॉडल तैयार किया गया है वो KB इंटरप्राइजेस के द्वारा बनाया गया है. इसके अलावा, दो और होम बिल्डर से एपल कंपनी ने बात की है. एपल का ये होमकिट 2014 में घोषित किया गया था और तब से लेकर अब तक इसमें कई बदलाव किए जा चुके हैं. लोग किसी ना किसी तरह से होमकिट का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन अभी भी इसे पूरी तरह से अपनाया नहीं गया है.
कमरे की लाइटिंग, खिड़कियों के शेड्स सबकुछ फोन से कंट्रोल किया जा सकेगा.
स्मार्ट अप्लायंसेस का इस्तेमाल और पूरी तरह से स्मार्टहोम में रहना दोनों अलग चीजें हैं. स्मार्टहोम्स का इंस्टालेशन जितना फैंसी लगता है उतना ही ये खर्चीला है. जहां तक भारत का सवाल है स्मार्ट डिवाइसेस ज्यादा बेहतर काम कर सकते हैं. स्मार्टहोम्स के लिए अभी काफी लंबा सफर तय करना होगा. और अगर एपल स्मार्टहोम की बात करें तो अमेरिका में भी इसे अपनाने वाले अभी धीमी गती से चल रहे हैं.
ये भी पढ़ें-
आपकी राय