लोगो बदलने से साख कैसे सुधरेगी गूगल की?
आज के जमाने में लोगों के हर सवाल का जवाब बन चुकी दुनिया की सबसे बड़ी सर्च कंपनी गूगल अब खुद ही सवालों के घेरे में है. इस टेक दिग्गज कंपनी की विश्वसनीयता खतरे में है.
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आज के जमाने में लोगों के हर सवाल का जवाब बन चुकी दुनिया की सबसे बड़ी सर्च कंपनी गूगल अब खुद ही सवालों के घेरे में है. इस टेक दिग्गज कंपनी की विश्वसनीयता खतरे में है.
दरअसल भारत सहित दुनिया के कई देशों में गूगल के खिलाफ सर्च में मनमाना रवैया अपनाने और सर्च रिजल्ट देने में मनमानी करने और प्रतिस्पधा विरोधी व्यवहार के लिए केस दायर किए गए हैं.
भारत में गूगल के खिलाफ केसभारत में गूगल के खिलाफ फ्लिपकार्ट, फेसबुक और makemytrip.com सहित कई अन्य कंपनियों ने कॉम्पिटिशन कमिशन ऑफ इंडिया (CCI) से की गई शिकायत में बताया कि गूगल ने सर्च के नतीजों (वास्तविक और स्पॉन्सर्ड दोनों लिंक्स में) में हेरफेर करने के लिए अपनी स्थिति का बेजा फायदा उठाया.
दुनिया भर में हुआ गूगल के खिलाफ केस- ऐसा नहीं है कि ये शिकायतें सिर्फ भारत से आ रही हैं बल्कि गूगल के खिलाफ दुनिया के कई देशों में ऐसी ही शिकायतें की जा रही हैं. - ब्राजील में अथॉरिटीज इस बात की जांच कर रही हैं कि क्या गूगल अपनी सेवाओं के मुकाबले प्रतियोगियों के साथ भेदभाव करता है. - वहीं मैक्सिको में भी इसके खिलाफ जांच की जा रही है. - जबकि अर्जेंटीना से लेकर हांगकांग तक की एजेंसियों ने गूगल द्वारा कलेक्ट किए गए यूजर्स के डेटा की जांच को लेकर इससे सवाल पूछे हैं.
गूगल के लिए सबसे मुश्किल जांच यूरोप में हो रही है. जिसमें कंपनी के खिलाफ सर्च के क्षेत्र में अपने दबदबे का फायदा अपनी सेवाओं को पहुंचाने संबंधी केस दर्ज किया गया है. साथ ही इसके खिलाफ गूगल के एंड्रॉयड मोबाइल फोन सॉफ्टवेयर से संबंधित गंभीर नियमों के उल्लंघन के मामले में भी जांच चल रही है.
गूगल पर लगे हैं ये आरोप - इनमें से पहला आरोप यह है कि गूगल प्रतियोगी कंपनी को ज्यादा हिट्स मिलने के बावजूद अपनी सेवाओं को ऊपर दिखाता है.- इसके ऊपर लगे दूसरे आरोप के मुताबिक जब आप गूगल पर कुछ सर्च करते हैं तो जो स्पॉन्सर्ड लिंक्स दिखाई जाती हैं, वे इस बात पर निर्भर करती हैं कि उसके ऐड के लिए गूगल को कितना पैसा मिला है. यहां तक कि कई बार वास्तविक ट्रेडमार्क लिंक्स को भी नीचे कर दिया जाता है.
गूगल ने बदली कंपनी और लोगो हाल ही में गूगल ने अपनी पैरंट कंपनी ऐल्फाबेट लॉन्च की है. अब गूगल ऐल्फाबेट के अंडर में काम करेगी. ऐल्फाबेट को लाने का उद्देश्य डीएनए मैपिंग, ड्राइवरलेस कार, ड्रोन जैसे गूगल के टेक से अगल बिजनेस की निगरानी करना है. साथ ही गूगल ने 1 सितंबर को अपना लोगो भी बदल दिया है. इन बड़े बदलावों को गूगल के नए सीईओ सुंदर पिचाई से जोड़कर देखा जा रहा है.
लेकिन सवाल तो यही है कि क्या सिर्फ लोगो और नई कंपनी लॉन्च करके गूगल अपनी साख पर उठे सवालों का जवाब दे पाएगी? और क्या इससे उसे वर्षों की अपनी विश्वसनीयता को बरकरार रखने में मदद मिल पाएगी?
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