इसलिए India first PM सर्च करने पर आ रही है पीएम मोदी की तस्वीर
जब लोगों ने गूगल से देश के पहले प्रधानमंत्री की जानकारी मांगी तो गूगल के रिजल्ट में विकीपीडिया का एक पेज खुला, जिस पर आंकड़े और जानकारियां तो सही थीं, लेकिन पीएम मोदी की थी. ऐसे ही Bing पर नाम पीएम मोदी का है और तस्वीर जवाहरलाल नेहरू की.
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कहते हैं कि गूगल के पास लोगों के हर सवाल का जवाब है. एक हद तक ये सही भी है. इन दिनों गूगल अपने विज्ञापन में भी यही कह रहा है कुछ भी करने से पहले गूगल से पूछो. लेकिन क्या गूगल से पूछने पर जवाब सही मिलेगा? अगर आपको गूगल ने कोई गलत जवाब दे दिया फिर? ऐसा ही कुछ इस बार हुआ भी है. जब लोगों ने गूगल से देश के पहले प्रधानमंत्री की जानकारी मांगी तो गूगल के रिजल्ट में विकीपीडिया का एक पेज खुला, जिस पर आंकड़े और जानकारियां तो सही थीं, लेकिन तस्वीर गलत थी. फिर क्या था, लोगों ने न आव देखा न ताव और लगे गूगल इंडिया को खरी खोटी सुनाने.
गूगल और बिंग, दोनों ही सर्च इंजन गलत रिजल्ट दिखा रहे हैं.
वो तस्वीर पीएम मोदी की थी
लोगों की हैरानी जायज भी है. दरअसल, गूगल पर सर्च के बाद मिले रिजल्ट में पहले प्रधानमंत्री का नाम जवाहरलाल नेहरू तो सही बताया गया, लेकिन उस पर जो तस्वीर लगी थी वो मौजूदा प्रधानमंत्री पीएम मोदी की थी. इसका स्क्रीन शॉट लेकर गूगल पर लोगों ने इसे खूब वायरल किया और गूगल इंडिया को ऐसा रिजल्ट दिखाने के लिए खरी-खोटी सुनाई. तो क्या इसमें गलती गूगल की थी? या किसी और की? इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने जब विकीपीडिया के पेज खंगाले तो एक ऐसी जानकारी सामने आई, जिससे इस गलती की वजह का पता चल गया. एक नजर इन ट्वीट पर डाल लीजिए फिर आपको बताते हैं कि ये गलती किसने की है.
Type 'India first pm' in google and result is Mr.Narendra Modi's photo instead of Pt. Jawaharlal Nehru. @Google Pls correct it.. How come you also fell in the trap of Mr.Modi? pic.twitter.com/H8zlP9zzW0
— Ashok Tanwar (@AshokTanwar_INC) April 25, 2018
.@Google @GoogleIndia what algorithm of yours allows this?! You’re so full of junk- pic.twitter.com/GHyxh3fEWm
— Divya Spandana/Ramya (@divyaspandana) April 25, 2018
OopsIs this Google error? Has Nehru been generous to Modi let him use name and title of First PM? Has BJP playing a prank? @AskAnshul @India_Policy @ShefVaidya @malviyamit @sambitswaraj @swamy39 @dr_satyapal @rsprasad @tavleen_singh @bhupendrachaube @Shehzad_Ind @dpradhanbjp pic.twitter.com/zzEPod9zFi
— Anthony Saldanha (@AnthonySald) April 25, 2018
Sigh..1. Google is serving up a Wikipedia page on the topic, "List of Prime Ministers of India - Wikipedia"2. The first image on the Wikipedia page is of Narendra Modi, PM.3. When displayed on a narrow screen, the image comes up first.Can the lady NOT understand this? https://t.co/wuQqMCbWx4
— Abhinav Agarwal (@AbhinavAgarwal) April 25, 2018
सर्च इंजन Bing पर भी गलत रिजल्ट
जहां एक ओर india first pm सर्च करने पर गूगल पर जवाहरलाल नेहरू के नाम के साथ पीएम मोदी की तस्वीर दिखाई दे रही है, वहीं दूसरी Bing सर्च इंजन पर जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर के साथ पीएम मोदी का नाम दिखाई दे रहा है. हालांकि, जब नाम पर क्लिक कर रहे हैं तो पीएम मोदी का ही पेज खुल रहा है और तस्वीर पर क्लिक करने पर जवाहरलाल नेहरू का पेज. यहां जो सर्चिंग रिजल्ट आ रहा है वो सीधे विकीपीडिया से नहीं, बल्कि Bing के ही एक अन्य लिस्टिंग पेज से आ रहा है. ऐसे में ये साफ है कि ये गलती Bing की है.
बिंग की गलती से ही यह सर्च रिजल्ट गलत दिख रहा है.
गलती विकीपीडिया की है, ना कि गूगल की
गूगल एक सर्च इंजन है, ना कि कोई वेबसाइट. गूगल पर जब भी कोई शख्स कुछ ढूंढ़ता है तो गूगल अलग-अलग वेबसाइट से जानकारी इकट्ठा करते हुए उसे दिखाता है. यह जानकारी विकीपीडिया के पेज पर ही गलती थी, जिसे गूगल ने जस का तस दिखा दिया. गूगल एल्गोरिद्म के आधार पर काम करता है, इसलिए यह गलती तुरंत नहीं पड़की जा सकी, वरना अगर यह काम मैनुअल होता तो गलती तुरंत पकड़ ली जाती और गूगल गलत जानकारी नहीं दिखाता.
तो विकीपीडिया ने ऐसा क्यों किया?
विकीपीडिया एक ओपन प्लेटफॉर्म है, जिस पर कोई भी अकाउंट बनाकर जानकारियों को एडिट कर सकता है. हालांकि, इन जानकारियों का दुरुपयोग रोकने के लिए विकीपीडिया ने सुरक्षा के आधार पर इसके पेजों को अलग-अलग कैटेगरी में रखा है. ये कैटेगरी फुली प्रोटेक्टेड से लेकर कैस्केड प्रोटेक्टेड तक हैं. जो पेज जितना अधिक महत्वपूर्ण होता है और जितना अधिक सेंसिटिव होता है, उसे उतना ही अधिक प्रोटेक्ट करने वाली कैटेगरी में रखा जाता है. List of Prime Ministers of India और जवाहरलाल नेहरू का पेज सेमी-प्रोटेक्टेड कैटेगरी में रखा गया है, इसलिए उसकी जानकारी को एडिट करना अधिक मुश्किल नहीं है. इसी वजह से ये गलती हुई है. किसी ने इस पेज पर जाकर वहां पीएम मोदी की तस्वीर का लिंक अपडेट कर दिया.
अगर ये पेज फुली प्रोटेक्टेड होता तो ये गड़बड़ नहीं होती.
सेमी-प्रोटेक्टेड कैटेगरी को ऐसे समझें
विकीपीडिया की प्रोटेक्शन पॉलिसी के अनुसार सेमी-प्रोटेक्टेड पेज को हर वो शख्स एडिट कर सकता है जिसका अकाउंट विकीपीडिया के साथ कंफर्म हो और जिसने विकीपीडिया पर कम से कम 10 एडिट किए हों. यहां आपको बता दें कि अगर किसी यूजर का अकाउंट कम से कम चार दिन पुराना हो जाता तो वह अपने आप ही कंफर्म हो जाता है. महज चार दिन का इंतजार और 10 छोटे-मोटे एडिट करना कौन सी बड़ी बात है, जिसके बाद सेमी-प्रोटेक्टेड पेज पर भी बदलाव किया जा सकता है. वहीं दूसरी ओर, जो पेज फुली प्रोटेक्टेड कैटेगरी में हैं, उन्हें सिर्फ एडमिनिस्ट्रेटर्स ही एडिट कर सकते हैं. देश के पहले प्रधानमंत्री की जानकारी को विकीपीडिया को सेमी-प्रोटेक्टेड कैटेगरी में रखने के बजाय फुली प्रोटेक्टेड कैटेगरी में रखना चाहिए था.
29 अप्रैल को ये प्रोटेक्शन भी खत्म होने वाला है, लेकिन उससे पहले ही किसी ने पेज से छेड़छाड़ कर दी.
विकीपीडिया को पहले ही लग चुकी थी भनक
List of Prime Ministers of India पेज पर किए गए बदलावों की टाइमलाइन देखने से पता चलता है कि देश के प्रधानमंत्रियों की लिस्ट से कोई छेड़छाड़ होने का शक विकीपीडिया के एडमिनिस्ट्रेटर्स को करीब महीने भर पहले ही हो चुका था. 29 मार्च 2018 को Oshwah नाम के यूजर ने List of Prime Ministers of India के विकीपीडिया पेज पर सेमी प्रोटेक्शन लगाया था. यानी उस समय किसी ने जरूर उस पेज से छेड़छाड़ करने की कोशिश की होगी. हालांकि, वह सेमी प्रोटेक्शन भी सिर्फ महीने भर के लिए है, जो 29 अप्रैल को खत्म हो जाएगा. लेकिन सेमी-प्रोटेक्शन होने के बावजूद किसी ने विकीपीडिया के List of Prime Ministers of India पेज के साथ छेड़खानी की और जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर को पीएम मोदी की तस्वीर के साथ बदल दिया. इस गलती के बारे में पता चलने के बाद 26 अप्रैल को विकीपीडिया के Rpphadke नाम के एक यूजर ने इसे सही कर दिया.
महीने पर पहले ही विकीपीडिया को इसकी भनक लग गई थी, जिसके बाद पेज को प्रोटेक्ट कर दिया गया था.
ऐसा नहीं है कि गूगल सर्च में पहली बार कुछ गलत दिखाई दिया है. पहले भी गूगल सर्च द्वारा दिखाए गए रिजल्ट पर सवाल उठ चुके हैं. इससे पहले top 10 criminals लिखने पर गूगल में नरेंद्र मोदी की तस्वीर भी दिखाई देती थी, जिसे लेकर भी गूगल की काफी आलोचना हुई. तब तो गूगल पर सवाल उठाना लाजमी था, लेकिन इस बार तो पूरी गलती विकीपीडिया की है, लेकिन गूगल को आलोचना का शिकार होना पड़ा. विकीपीडिया पर ये गलती हुई है क्योंकि इसे एडिट करने वाले लोग पूरी दुनिया की जनता है. विकीपीडिया एक free encyclopedia है, जिसे कोई भी एडिट कर सकता है और एक दूसरे से जानकारी को बिना पैसे खर्च किए साझा कर सकता है.
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