प्लेन का Engine फेल होने के बाद पायलट क्या कहते हैं
भारत में इंडिगो एयरलाइन्स के कई प्लेन को खराब इंजन होने के कारण उड़ान भरने से मना कर दिया गया, ताज़ा मामला विस्तारा एयरलाइन का है जिसमें इंजन की गड़बड़ी सामने आई, ये तब है जब प्लेन जमीन पर ही थे, लेकिन अगर ऐसा ही कुछ हवा में हो जाए और इंजन फेल हो जाए तो?
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प्लेन की यात्रा यकीनन लोगों के लिए किसी अनुभव से कम नहीं होती. खिड़की से बादल को देखना और हवाई यात्रा का सुख लेना कुछ हद तक अच्छा लगता है, लेकिन अगर प्लेन में बीच रास्ते कोई तकनीकी खराबी आ जाए या फिर कोई गड़बड़ हो जाए तो? अक्सर हम इंडिगो फ्लाइट्स के इंजन में गड़बड़ी होने की बात सुनते हैं. कई बार ऐसा भी हुआ है कि पायलट इसी बीच इमर्जेंसी घोषित कर देता है.
हाल ही में अमेरिका की फ्लाइट SOUTHWEST 1380 के साथ भी ऐसा ही हादसा हुआ. फ्लाइट में धमाके के बाद प्लेन का एक टुकड़ा टूटकर इंजन से जा टकराया और धमाका इतना तेज़ था कि प्लेन की एक खिड़की टूट गई और एक महिला यात्री बाहर की ओर खिच गई. ऑक्सीजन मास्क बाहर आ गए, प्लेन को पायलट ने सीधे 10 हज़ार फीट की ऊंचाई पर ला दिया ताकि यात्री और केबिन क्रू सांस ले सके, लेकिन कैप्टन Tammie Jo Shults को पता था कि खतरा बहुत ज्यादा है. उन्होंने सीधे एयर ट्रैफिक कंट्रोलर से संपर्क साधा और कहा कि उनका इंजन फेल हो गया है और एक पैसेंजर बाहर की ओर खिंच गया है. बहुत सावधानी से प्लेन नीचे उतारा गया और फिर पायलट खुद कॉकपिट से बाहर आकर स्थिती का जायजा लिया और लोगों से बात की.
इंजन फेल होने की स्थिती में पायलट सबसे पहले तो यात्रियों को निर्देश देता है और उसके बाद फ्लाइट को ग्लाइड यानी हवा में तैराया जाता है जिससे कम से कम ईंधन की खपत में भी प्लेन को सुरक्षित स्थान पर लाया जा सके. सबसे पहला काम होता है प्लेन को किसी भी हालत में सही स्थान पर लेकर आना. एयरक्राफ्ट तब भी आसानी से ग्लाइड करेगा जब उसके सभी इंजन फेल हो गए हों, बस पायलट को फ्लाइट के अंदर का प्रेशर सही रखना होगा. कई बार प्लेन के डिप्रेशराइज होने से मामला बिगड़ जाता है.
पर इस तरह की स्थिती में आखिर पायलट क्या करते हैं? सबसे पहले तो पैसेंजर्स के लिए सीटबेल्ट साइन ऑन किया जाता है और उन्हें सही स्थिती में बैठने की सलाह दी जाती है. केबिन क्रू को सख्त इंस्ट्रक्शन दिए जाते हैं कि क्या किया जाए और प्लेन में बैठे यात्रियों के लिए भी अनाउंसमेंट की जाती है. इसके कुछ उदाहरण यहां हैं...
वीडियो में देखिए पायलट कैसे इमर्जेंसी के समय पैसेंजर्स को इंस्ट्रक्शन दे सकते हैं..
पहला इंस्ट्रक्शन पैसेंजर्स के लिए सुरक्षित स्थिती में बैठने के लिए था और दूसरा इंस्ट्रक्शन वो था जिसमें पायलट लोगों से धैर्य रखने को कह रहा है, जहां शायद वो प्लेन को सुरक्षित स्थिती में ले आया है.
इमर्जेंसी लैंडिंग का एक और वीडियो यूट्यूब पर देखने को मिल सकता है. इस वीडियो में भी ब्रेस (Brace) वाली स्थिती को बताया गया है. ब्रेस का मतलब होता है खुद को सिकोड़ना, अगर पायलट ये बोल रहा है इसका सीधा मतलब होगा कि प्लेन किसी भी आम स्थिती में लैंड नहीं हो सकता है और उसे या तो पानी पर लैंड करवाना पड़ेगा या फिर लैंडिंग के समय कोई हादसा भी हो सकता है. अक्सर इंजन फेल होने, फ्यूल खत्म हो जाने पर ऐसी
इस वीडियो में पैसेंजर्स को इंजन में खराबी आने की स्थिती में वॉटर लैंडिंग के लिए तैयार किया गया था.
एक और वीडियो जो आपको बता सकता है कि आखिर इंजन की खराबी में पायलट किस तरह से संदेश दे सकता है. दो घंटे तक प्लेन के इंजन की गड़बड़ी के कारण पायलट परेशान होता रहा. ये वो समय था जब पायलट ने लोगों को ये तक कह दिया था कि उनके जिंदा बचने के लिए
कुल मिलाकर फ्लाइट का इंजन फेल हो, टर्ब्यूलेंस हो, या किसी भी तरह की अन्य खराबी हो, ये पायलट के विवेक पर निर्भर करता है कि वो कैसे स्थिती को हैंडल करता है. किसी भी स्थिती में यात्रियों के लिए सही तरह के इंस्ट्रक्शन दिए जाते हैं.
मैंने जितनी भी बार प्लेन में टर्ब्यूलेंस की स्थिती देखी है हर बार पायलट का इंस्ट्रक्शन पहले ही आता है. लंबी दूरी की फ्लाइट्स में तो ये स्थिती और भी ज्यादा खराब हो सकती है क्योंकि टर्ब्यूलेंस एक नहीं बल्कि कई बार हो सकती है.
उस समय भी यात्रियों को उठते हुए, अपनी सीट बेल्ट पर ध्यान न देते हुए या इमर्जेंसी के वक्त अपने सामान की चिंता करते हुए देखा जा सकता है. पर ध्यान देने वाली बात ये है कि उस वक्त अपनी सुरक्षा से ज्यादा जरूरी और कुछ भी नहीं होता.
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