ऐसे फेसबुक फ्रेंड्स को तो Unfriend करना ही ठीक है!
फेसबुक में केम्ब्रिज एनालिटिका मामले में सिर्फ 335 हिंदुस्तानियों की गलती के कारण साढ़े पांच लाख से ज्यादा लोगों का डेटा शेयर हो गया. क्या आप जानते हैं कि ऐसे फेसबुक फ्रेंड्स क्या गलती करते हैं.
-
Total Shares
कोई महामारी कैसे फैलती है? किसी एक पेशंट की वजह से जो कोई न कोई गलती कर बैठता है और उसके कारण ही पूरी दुनिया खतरे में पड़ जाती है. फेसबुक के मामले में भी अभी कुछ ऐसा ही हो रहा है. पूरी दुनिया के हिसाब से देखें तो सिर्फ मुट्ठी भर लोगों ने केम्ब्रिज एनालिटिका वाला एप डाउनलोड किया था और उनकी फ्रेंडलिस्ट में मौजूद लगभग सभी यूजर्स का डेटा चोरी हो गया.
यानी गलती किसी एक की और उसे भुगतना पड़ा फेसबुक फ्रेंडलिस्ट में मौजूद सभी लोगों को. एक महामारी की तरह सी एक के बाद एक 'This is your digital life' एप ने कुछ लोगों के कारण लाखों को बीमार कर दिया.
भारत से कितना डेटा...
फेसबुक की तरफ से ये माना गया है कि इस डेटा लीक में लगभग 5 लाख 62 हज़ार भारतीय यूजर्स का डेटा चोरी हुआ है. फेसबुक की मदद से ही ये डेटा लिया गया और उसे महंगे दामों में बेचा गया. दरअसल, ये एप सिर्फ 335 भारतीय फेसबुक यूजर्स ने डाउनलोड किया था और उसका खामियाज़ा भुगतना पड़ा साढ़े पांच लाख लोगों को.
2015 तक भारत के 135.5 मिलियन फेसबुक यूजर्स के द्वारा इस्तेमाल किए गए कई एप्स में से ये सिर्फ एक एप ही था जो डेटा चोरी के मामले में सामने आया. अब भारत में 225 मिलियन फेसबुक यूजर्स हैं और अभी तक फेसबुक ने ऐसा कोई ठोस तरीका नहीं निकाला है जो ये पता कर सके कि आखिर कितने लोगों का डेटा कैसे चोरी हुआ.
फेसबुक पर दोस्तों की गलती भी पड़ती है भारी...
फेसबुक एप्स का इस्तेमाल करते हैं आप? वही एप्स जिनमें वैलेंटाइन के क्रश के बारे में बताया जाता है, या फिर लोग ये देखते रहते हैं कि किस सेलिब्रिटी की तरह आप दिखते हैं? अगर कभी भी आपने ऐसा कोई भी एप इस्तेमाल किया है तो डेटा चोरी होने के खतरे से आप अछूते नहीं हैं.
All the hidden Facebook apps the moment you login to Facebook pic.twitter.com/PbaFeHvMrW
— Gabbbar (@GabbbarSingh) April 11, 2018
ये पहली बार केम्ब्रिज एनालिटिका के मामले में ही नहीं हुआ कि किसी फेसबुक एप ने डेटा चुराया हो. ऐसा खतरा तो लगभग फेसबुक के हर एप के साथ होता है. 'This is your digital life' एक क्विज़ था और ऐसे कितने क्विज आप या आपके दोस्त खेल चुके हैं? 'Which game of thrones character are you', 'आपकी शक्ल किस सेलिब्रिटी से मिलती है', 'आपके नाम का क्या मतलब है', 'आपके अंदर क्या खूबियां हैं' आदि न जाने कितने क्विज हैं जो यकीनन भारतीय फेसबुक न्यूज फीड का हिस्सा बन गए हैं.
कोई भी नया एप इस्तेमाल करते ही कुछ ऐसी स्क्रीन फेसबुक पर दिखती है. इसमें पब्लिक प्रोफाइल, फेसबुक पिक्चर, फ्रेंड लिस्ट की परमीशन बिना सोचे समझे आंख बंद कर लोग दे देते हैं. क्या आप जानते हैं कि ये जानकारी क्यों ली जाती है? अकेले आपकी ही नहीं बल्कि फ्रेंड लिस्ट में मौजूद सभी लोगों की जानकारी इस तरह की परमीशन देने के कारण एप के पास चली जाती है. यही अहम कारण है फ्रेंड लिस्ट वाली परमीशन लेने का.
यकीनन आधे लोगों को इस बारे में पता नहीं होता. बल्कि फेसबुक और डेटा चोरी के इतने खुलासे के बाद भी ये आर्टिकल लिखते-लिखते मेरी न्यूज फीड पर दो ऐसे एप्स के रिजल्ट आ गए. किसी फ्रेंड ने उन्हें इस्तेमाल किया था.
सालों पुराना डेटा भी है फेसबुक के पास...
ऐसा नहीं है कि अब अचानक एप्स का इस्तेमाल बंद कर देंगे तो आने वाले समय में ये एप्स डेटा नहीं ले पाएंगे, लेकिन जो पुराना डेटा ले लिया है वो एप्स के डेटाबेस में सेव रहेगा. अब आप कहेंगे कि ये डेटा ले भी ले कोई तो क्या होगा? इस तरह के फेसबुक एप्स डेटा सिर्फ अपने पास नहीं रखते बल्कि डेटा माइनिंग कंपनियों को बेचते भी हैं. केम्ब्रिज एनालिटिका मामले में भी यही हुआ है. फेसबुक के एक आसान से एप के कारण अमेरिका में ट्रंप के इलेक्शन कैम्पेन को मदद मिली. यानी एक फेसबुक एप ने दुनिया के सबसे ताकतवर देशों में से एक का नेता चुनने में मदद की.
कैसे रोकें आगे की डेटा माइनिंग...
1. इसके लिए सीधे से अपनी फेसबुक प्रोफाइल की सेटिंग्स पर जाएं और Apps and Websites पर क्लिक करें. आपको उन सभी की लिस्ट दिखने लगेगी जो आपने इतने सालों में इस्तेमाल किए हैं. मैं इस लिस्ट को पहले ही छोटा कर चुकी थी इसलिए सिर्फ 51 एप्स दिख रहे हैं, लेकिन कई लोगों के मामले में ये संख्या कई सौ होती है.
2. अब एप्स के बगल में बने चेकबॉक्स पर क्लिक करें और आप देखेंगे कि रिमूव (Remove) यानी हटाने का ऑप्शन एक्टिवेट हो गया है.
3. इसपर क्लिक करते ही एक और वॉर्निंग आएगी जिसमें सभी फोटोज को डिलीट करने को भी कहा जाएगा, लेकिन इसमें एक और बात साफ तौर पर लिखी है. पुराना डेटा जो एप के पास है इससे वो डिलीट नहीं होगा, हां आने वाले समय में डेटा जरूर नहीं लिया जाएगा.
यानी कि जो डेटा कॉम्प्रोमाइज हो चुका है वो हो चुका है हां आगे से ऐसा नहीं होगा. ये सिर्फ वो लिस्ट है जो मैंने इस्तेमाल की. ऐसी ही लंबी चौड़ी लिस्ट मेरे फेसबुक फ्रेंड्स के अकाउंट्स में भी होगी और उनकी वजह से भी मेरा डेटा चोरी होने का खतरा बना हुआ है! ये एक्सेस न सिर्फ मेरे डेटा के लिए ज़रूरी है बल्कि इसके कारण मेरी फेसबुक फीड पर विज्ञापन भी दिखाए जाते हैं.
फेसबुक पर वो लोग जो बार-बार ऐसे एप्स का इस्तेमाल करते हैं न सिर्फ खुद को बल्कि दूसरों को भी खतरे में डालते हैं. न्यूज फीड पर बार-बार इस तरह का नोटिफिकेशन और फोटो देखना कम से कम मेरे लिए तो इरिटेटिंग होता है. हो सकता है आपके लिए भी हो. इनमें से कई को तो ये भी नहीं पता कि ये एप्स कर क्या रहे हैं बस रिजल्ट के चक्कर में इस्तेमाल किए जा रहे हैं. तो क्या ज्यादा जरूरी है? चंद मिनटों का मज़ा या फिर सुरक्षा? सवाल बड़ा है, लेकिन सोचने के लिए सही. चंद मिनटों के लिए कोई एक यूजर तो फेसबुक के ये थर्ड पार्टी एप्स इस्तेमाल कर लेगा, लेकिन इसके कारण अनिश्चित काल तक अपना डेटा उस एप के साथ शेयर कर लेगा.
ये भी पढ़ें-
पानी पी-पी कर... हकलाते हुए... इन 7 सवालों को टाल गए जकरबर्ग
आपकी राय