सुजुकी मेहरान : कहानी पाकिस्तान में सबसे ज्यादा बिकने वाली कार की
हर मामले में भारत की बराबरी करने के सपने देखने वाला पाकिस्तान आखिर ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के मामले में कहां है?
-
Total Shares
मारुति सुजुकी 800. वो कार जो भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का एक स्वर्णिम युग लेकर आई. सिर्फ भारत ही नहीं कई देश ऐसे हैं जहां अलग-अलग नामों से इस गाड़ी के मॉडल बेचे गए. लेकिन अब भारत ही नहीं दुनियाभर में इसके मॉडल का निर्माण बंद कर दिया गया है. लेकिन पाकिस्तान में कहानी उलटी है.
पाकिस्तान की सबसे ज्यादा बिकने वाली कार का नाम है सुजुकी मेहरान. ये 1989 में वहां लॉन्च हुई थी. हूबहू मारुति सुजुकी 800 वाले फीचर्स के साथ. मारुति 800 की तरह मेहरान भी पाकिस्तान में सबसे ज्यादा बिकने वाली कार बन गई. 2014 में मारुति 800 का निर्माण भारत में बंद करने के एक साल बाद पाकिस्तान में भी ऐसा ही ऐलान हुआ. लेकिन उसके आगे की कहानी बदल गई. लोगों में इस कार के प्रति क्रेज दिखाया कि सुजुकी ने पाकिस्तान में यह कार बेचना जारी रखा. लेकिन, अब यह रिश्ता पेंचीदा होता जा रहा है.
मेहरान सबसे ज्यादा बिकने वाली कार...
इकोनॉमिस्ट की एक रिपोर्ट में मेहरान के एक डीलर ने बताया कि इस कार को खरीदने के वक्त पाकिस्तानी बड़े भावुक हो जाते हैं और रो पड़ते हैं. जापान की कंपनी सुजुकी द्वारा पेश की गई ये गाड़ी भारत में बहुत पहले ही बंद हो चुकी है और दुनिया में सिर्फ पाकिस्तान ही ऐसा देश है जहां ये गाड़ी अभी भी बनाई जा रही है और इसकी मांग इतनी ज्यादा है कि इसे बंद भी नहीं किया जा सकता.
पाकिस्तान की सुजुकी मेहरान जो भारत की मारुति सुजुकी 800 जैसी है.
सुजुकी मेहरान पाकिस्तान में करीब पौने चार लाख की मिलती है. भारत में जब ये गाड़ी बंद हुई थी तो लगभग 1.5 लाख तक थी और हर घर की पहचान बन चुकी थी. इस गाड़ी का डैशबोर्ड अभी भी वैसा ही है जैसे 20 साल पहले हमारे यहां मारुति 800 का हुआ करता था. इतना ही नहीं पाकिस्तान में इस गाड़ी को खरीदने के लिए लोग काफी इंतजार करते हैं और नंबर लगाना पड़ता है.
पाकिस्तान Vs भारत...
पाकिस्तान ऑटोमोटिव मैनुफेक्चरर असोसिएशन के मुताबिक 2015-17 में पाकिस्तान में 1.81 लाख कारों का प्रोडक्शन हुआ और 1.80 लाख कारें बिकीं. अगर इसी आंकड़े की तुलना भारत से की जाए तो SIAM (सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैनुफेक्चरर) के अनुसार भारत में 253 लाख गाड़ियां बनीं. हालांकि, यहां सेल्स का कोई एक्जैक्ट नंबर नहीं दिया जा सकता है. ये भी कहा जाता है कि PAMA साइट डेटा गलत देती है और असलियत तो इससे भी कहीं ज्यादा गई बीती है. अब खुद ही सोचिए पूरे पाकिस्तान देश में 1 साल में सिर्फ 179,944 कारें बिकीं.
देखिए पाकिस्तान की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के बारे में थोड़ी जानकारी देता एक वीडियो...
चलिए एक और वीडियो देख लीजिए जो पाकिस्तान की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के बारे में बता सकता है.
पाकिस्तानी मीडिया में ही ऑटोमोबाइल को लेकर एक डिबेट हुआ था और उस डिबेट में कुछ ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट हैं जो पाकिस्तान के ही ऑटोमोबाइल मार्केट और गाड़ियों की असेम्बली को लेकर बात कर रहे हैं.
इस वीडियो में साफ बताया जा रहा है कि पाकिस्तान में गाड़ियां असेम्बल की जाती हैं. ये सही है पाकिस्तान में गाड़ियों का असेम्बल किया जाता है और कोई खास प्रोडक्शन फैक्ट्री नहीं है. जो गाड़ी आज भारत में मिल रही है उसे पाकिस्तान में खरीदने के लिए असेम्बल ही करवाना पड़ेगा या फिर इम्पोर्ट करवाना पड़ेगा.
पाकिस्तान में कोई भी ऐसा कार मेकर नहीं है जो उस देश का अपना हो. भारत में यहां टाटा, महिंद्रा एंड महिंद्रा, हीरो मोटोकॉर्प और कई है. भारतीय कार मेकर अब कई विदेशी तकनीकें अपना रहे हैं जैसे टाटा ने जैगुआर और लैंडरोवर पर अपनी सत्ता जमा ली है और महिंद्रा एंड महिंद्रा के पास रेवा और SSyangYong मोटर्स हैं.
पाकिस्तानी मार्केट में भी अगर इस तरह के कार मेकर्स होंगे तो यकीनन पाकिस्तान में भी ऑटोमोबाइल मार्केट बेहतर होगा. इतना ही नहीं अगर भारतीय कार मेकर ही पाकिस्तानी मार्केट में अपना हाथ आजमाएं तो शायद पाकिस्तानी मार्केट में कारों की बिक्री और उनकी कीमत पर अच्छा खासा असर पड़ेगा.
ये भी पढ़ें-
आपकी राय