samsung vs apple : स्मार्टफोन मार्केट की जंग में गूगल कहाँ है?
सैमसंग ने एक विज्ञापन बनाया है जिसमें एपल का बुरी तरह से मजाक उड़ाया गया है. ये पहली बार नहीं है और इस तरह की हरकत कंपनी पहले भी कई बार कर चुकी है.
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सैमसंग बनाम एपल. एक दशक से भी ऊपर से चली आ रही इस दुश्मनी को स्टीव जॉब्स से भी जोड़कर देखा जाता है. कुछ कहते हैं कि जॉब्स सैमसंग से नफरत करते थे और कुछ कहते हैं. जो भी हो, लेकिन एक बात तो पक्की है कि सैमसंग और एपल कंपनी एक दूसरे की प्रतिद्वंद्वी है और किसी न किसी तरह से ये दोनों ही कंपनियां एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश करती रहती हैं.
इसका हालिया उदाहरण है सैमसंग का एक विज्ञापन जिसमें ये दिखाया गया है कि कैसे एक एपल फैन सैमसंग की तरफ मुड़ गया.
ये सिर्फ एक वीडियो नहीं सैमसंग की तरफ से ऐसे कई एड्स पहले भी लिए जा चुके हैं...
इतना ही नहीं सैमसंग कंपनी ने आईफोन के अनबॉक्सिंग वीडियो का भी मजाक उड़ाया...
इसके जवाब में एपल ने अपने इवेंट में सैमसंग कंपनी के प्रोडक्ट को लेकर अनोखे तरीके से नीचा दिखाया...
ये दुश्मनी सिर्फ मार्केट और विज्ञापनों तक ही सीमित नहीं है इसके साथ तो पेटेंट वॉर भी शामिल है.
पेटेंट वॉर...
सैमसंग और एप्पल के बीच स्मार्टफोन पेटेंट विवाद 2011 से चल रहा है. सैमसंग पर ये आरोप लगा था कि कंपनी ने एपल का डिजाइन पेटेंट चुराया है. इसके खिलाफ एपल ने करीब 2.5 अरब डॉलर का केस कर दिया था. 2012 में ये फैसला सैमसंग के खिलाफ आया और कहा गया कि वो एपल को हर्जाने के रूप में 1 अरब डॉलर दे. अंत में कोर्ट ने सैमसंग को 54.80 करोड़ डॉलर हर्जाने के तौर पर चुकाने को कहा कुल मिलाकर एपल को सैमसंग ने 3500 करोड़ रुपए उस समय हर्जाने के तौर पर चुकाए थे. इसके बारे में 2013 में ये बात भी वायरल हुई थी कि सैमसंग ने एपल को जुर्माने की रकम सिक्कों के तौर पर दी थी और इन्हें 30 ट्रकों में भरकर लाया गया था. हालांकि, ये खबर झूठी थी.
ये तो ऐतिहासिक फैसला था, लेकिन सैमसंग और एपल दोनों ही किसी न किसी तौर से पेटेंट वॉर से घिरे रहते हैं. 2016 में एपल पेटेंट केस एक पेटेंट लाइसेंसिंग एजेंसी MobileMedia Ideas LLC से हारी थी.
एपल और सैमसंग के बीच की दुश्मनी कुछ ऐसी है जैसे हम टॉम एंड जेरी की दुश्मनी को देखते हैं. खैर, इन सबके बीच शायद एक कंपनी को लोग भूल गए हैं और वो है गूगल.
इस समय अगर मार्केट फ्लैगशिप की बात करें तो सैमसंग (नोट 8), एपल (आईफोन 8 और X), गूगल (पिक्सल 2 XL) बहुत बड़े स्मार्टफोन्स माने जाते हैं. तीनों कंपनियां हैं तो एक दूसरे की प्रतिद्वंद्वी, लेकिन फिर भी गूगल की न ही उतनी हिस्सेदारी मार्केट में है और न ही इतने विवादों में इसके कुछ सीधे से कारण हो सकते हैं.
1. कीमत...
गूगल के स्मार्टफोन की कीमत उसके इनोवेशन के हिसाब से काफी ज्यादा है. 2015 से ही एपल और सैमसंग इनोवेशन के मामले में आगे रहे हैं और गूगल ग्लास के साथ-साथ गूगल के कई सारे प्रोडक्ट्स फेल हुए. पिक्सल 5 की सफलता पिक्सल 6 नहीं दोहरा पाया.
2. सॉफ्टवेयर पर फोकस...
गूगल का बिजनेस सॉफ्टवेयर पर फोकस करता है और ज्यादातर हिस्सा उसी का है. गूगल कंपनी मोटोरोला, एलजी, एचटीसी के साथ मिलकर ही अपने स्मार्टफोन्स बनाती है. जब्कि एपल और सैमसंग के अपने हार्डवेयर होते हैं.
3. एंड्रॉयड की बादशाहत..
गूगल को एक इसलिए भी शायद विवादों से दूर रखा जाता है क्योंकि गूगल में एपल की बादशाहत है और कहीं न कहीं सैमसंग इससे टक्कर नहीं ले सकता.
खैर, ये सब बातें मेरे हिसाब से गूगल को विवादों और मार्केट के बड़े हिस्से से दूर रखने का कारण हैं. बहरहाल, सैमसंग और एपल की दुश्मनी के चलते शायद गूगल कभी विवादों का हिस्सा न बने.
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