New

होम -> टेक्नोलॉजी

 |  4-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 02 मई, 2018 05:23 PM
आईचौक
आईचौक
  @iChowk
  • Total Shares

1996 में धरती पर पहली क्लोन स्तनधारी, डॉली नाम की एक भेड़ सभी अखबारों, न्यूज चैनलों की हेडलाइन बनी थी. डॉली ने और अधिक क्लोन स्तनधारी जानवरों के लिए मार्ग प्रशस्त किया. स्कॉटलैंड के वैज्ञानिकों द्वारा बनाई गई यह भेड़ लंबे समय तक जीवित तो नहीं रही लेकिन अपने जीवनकाल में उसने छह संतानों को जन्म दिया. यह निस्संदेह किसी चमत्कार से कम नहीं था. लेकिन फिर भी इस कदम का बहुत विरोध किया गया. क्योंकि ऐसा माना जा रहा था कि इस तकनीक का दुरुपयोग तथाकथित "डिजाइनर" बच्चों को बनाने के लिए किया जा सकता है.

artificial womb, researchपहली क्लोन स्तनधारी

दो दशकों के बाद नेचर मैगजीन में छपे एक आर्टिकल पर मेरी नजर पड़ी. अमेरिका के फिलाडेल्फिया में वैज्ञानिकों ने एक और चमत्कार किया है. चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के शोधकर्ता कृत्रिम गर्भ लेके आए हैं.

अब तक, समय से पहले जन्में बच्चों को वेंटिलेटर पर इनक्यूबेटर्स में रखा जाता था. लेकिन शोधकर्ताओं को अब एक बेहतर विकल्प मिल गया है. जिस गर्भ को उन्होंने विकसित किया है वो तरल पदार्थ से भरा एक पारदर्शी कंटेनर है जिसमें भ्रूण बढ़ने में सक्षम होगा. वैज्ञानिकों ने भेड़ के भ्रूण के साथ गर्भ का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों में से एक डॉ. एमिली पार्ट्रिज ने टीम के काम को समझाया. वैज्ञानिकों ने बैग (गर्भ) के अंदर बेहद छोटे भ्रूण रखे थे, और चार हफ्तों में भ्रूण बढ़ा हो गया और सांस लेने लगा, आंखें खुल गई और ऊन भी निकल आया.

हालांकि वज्ञानिक अपनी खोज से खुश हैं लेकिन फिर भी मानव परीक्षण में उन्हें कुछ वर्ष और लगेंगे. शिशु मृत्यु दर के कुछ कारणों में से एक समयपूर्व जन्म है. 26 सप्ताह से पहले पैदा हुए बच्चे गंभीर हालत में होते हैं और अक्सर विकलांग पैदा होते हैं. समय से पहले जन्म होने से प्रभावित प्रमुख अंगों में से एक फेफड़ा है. फेफड़े गर्भ में परिपक्व होने वाले आखिरी अंगों में से एक हैं. और इसी कारण से समय से पहले जन्में कई बच्चे जीवन के पहले कुछ दिन वेंटिलेटर पर बिताते हैं.

artificial wombवैज्ञानिक इस खोज से बहुत उत्साहित हैं. समय से पूर्व जन्में बच्चों के लिए ये खोज वरदान साबित हो सकती है

हालांकि इस नवीनतम शोध ने डॉक्टरों को कुछ आशा दी है.

कृत्रिम गर्भ, मां के गर्भ और बाहरी दुनिया के बीच एक पुल के रूप में देखा जा सकता है. टीम ने विभिन्न आयु वर्ग के भेड़ के भ्रूण पर परीक्षण किए हैं और पाया है कि उनके अंग का विकास सामान्य तरीके से हो रहा है. हालांकि, सफलताएं अपने हिस्से के विवादों साथ आती हैं.

लेकिन सबसे पहले, सकारात्मक बात:

बच्चे के जीवित रहने की संभावना बढ़ जाती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि दुनियाभर में लगभग 15 मिलियन बच्चे हर साल जन्म से पहले पैदा होते हैं. माना जाता है कि भारत में हर साल दस लाख से ज्यादा समय से पहले जन्म लेते हैं.

हालांकि इसकी सटीक संख्या मालूम नहीं है क्योंकि गरीब और विकासशील देशों से प्रासंगिक आंकड़े अनुपलब्ध हैं. इन देशों में ही समृद्ध और विकसित देशों की तुलना में सबसे ज्यादा समय से पूर्व बच्चे जन्म लेते हैं. इसलिए वास्तविक संख्या कहीं अधिक हो सकती है.

अगर यह प्रणाली चिकित्सा विज्ञान में शामिल हो जाती है तो फिर जटिल गर्भावस्था के मामले में मां और बच्चे दोनों को राहत मिलेगी. जटिल गर्भावस्था के मामलों में जहां मां, बच्चे को अपने गर्भ में पूरे नौ महीने नहीं रख पाएगी और गर्भपात की संभावना होने के मामले में यह "बायो-बैग" प्रणाली अद्भुत काम कर सकती है. इसी तरह, अगर मां को कोई खतरनाक बीमारी है या अन्य रक्त विकारों जैसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह या प्रिक्लेम्प्शिया से पीड़ित है और इससे बच्चे को खतरा हो सकता है, तो फिर बच्चे को कृत्रिम गर्भ में जीवित रखने की बेहतर संभावना है.

इस मामले में विवाद इस तथ्य से सामने आती है कि मानव भ्रूण को कृत्रिम रूप से उगाया जा सकता है और ऐसे में बच्चों को बनाने के लिए समय से पूर्व जन्में छोटे बच्चों का उपयोग किया जा सकता है. अभी के संदर्भ में यह कोरी कल्पना ही लग रही है. लेकिन अगले सौ वर्षों में ऐसा नहीं हो सकता है ये भी नहीं कह सकते.

अभी तक तो मनुष्यों के लिए उपयोग के लिए यह तकनीक समय से बहुत पहले है. मानव के बच्चे कृत्रिम तरीके से पैदा किए जा सकें इसके लिए अभ बहुत शोध करना बाकि है. "बायो-बैग" की सफलता मानव समाज पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है, और यह तभी सुनिश्चित किया जा सकता है जब लक्ष्य पारदर्शी और नैतिक हों. तब ये कई माता-पिता के लिए वरदान होगा.

(ये लेख इंद्रनील बासु रे ने DailyO के लिए लिखी थी)

ये भी पढ़ें-

मेरा मां बनने से जी घबराता है, लेकिन सबसे बड़ा डर तो कुछ और है...

गर्भवती महिला की बच्ची को 'बांझ' बना सकती है ये दवा

#मां, #बच्चा, #गर्भवती, Artificial Womb, Kid, Mother

लेखक

आईचौक आईचौक @ichowk

इंडिया टुडे ग्रुप का ऑनलाइन ओपिनियन प्लेटफॉर्म.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय