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Updated: 24 अक्टूबर, 2016 05:52 PM
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प्रिय जियो,

तुम्हारा और मेरा रिश्ता बहुत पुराना नहीं है, फिर भी दिल से दुआ यही है कि तुम जुग जुग जियो.

हमारा रिश्ता मुश्किल से डेढ़ महीने पुराना है और आज मैं उसी के बारे में बात करना चाहती हूं.  जब से तुम आए हो दुनिया बहुत हसीन लगने लगी है. अब मैं समय पर ऑफिस से घर आ जाती हूं. ऑफिस के वाईफाई का इस्तेमाल जो नहीं करना है. सुबह उठने से लेकर रात में सोने तक सिर्फ तुम ही तो साथ होते हो. अब तो तुम्हारे आने के बाद हर वक्त गाने सुनती और गुनगुनाती रहती हूं.

ये 'फ्री' रिलेशनशिप...

तुम फ्री हो और मेरे हो. तुम्हारी ये खूबी इतनी पसंद है कि बता नहीं सकती. क्योंकि तुम फ्री हो इसलिए मैं अब 4जी चला रही हूं, फिल्में देख रही हूं, पैसों की तो अब जैसे चिंता ही नहीं, महीने की शुरुआत हो या अंत डेटा पैक की चिंता भी नहीं सताती. मेरी सभी सहेलियां भी जलती हैं क्योंकि मेरे पास तुम हो. जब से तुम जिंदगी में आए हो लगता है जैसे दोस्तों के आगे मेरी वैल्यू भी बढ़ गई है.

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सच कह रही हूं जियो, तुम्हारी आदत सी पड़ती जा रही है. बिना किसी चिंता के तुम्हारा साथ अच्छा लगता है. तुमने ये सिखाया कि मैं भी फ्री रह सकती हूं. सोशल मीडिया पर अब जब अपनी ही तस्वीरें और लाइव वीडियो देखती हूं तो कमल हसन का गाना 'ऐ जिंदगी गले लगा ले' याद आता है. याद है हमारी जयपुर ट्रिप. पहले कहीं भी जाने से पहले सोचना पड़ता था, लेकिन अब तो रोमिंग की चिंता भी नहीं रही.

तुम्हारा प्यार मेरे लिए कब 4GB से 30GB हो गया पता ही नहीं चला. तुम्हें तो मेरी दादी भी पसंद करने लगी हैं. हाईटेक जो हो गई हैं. अब तो रोज वीडियो कॉलिंग होती है.

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 सांकेतिक फोटो

जब भी वोडाफोन और एयरटेल तुम्हारी कॉल्स कनेक्ट करने से मना कर देते हैं मैं विचलित हो उठती हूं. आखिर ये कहां का इंसाफ है. जो अच्छा है उसके रास्ते की रुकावट बनो. तुम्हारी और मेरी रिलेशनशिप तुम्हारे इन दोस्तों को फूटी आंख नहीं सुहाती.

याद है वो पहली मुलाकात...

तुम्हारा समय लेने के लिए बड़ी कठिनाइयों से गुजरी हूं. किसी सेलीब्रिटी की तरह लोग तुम्हारा इंतजार कर रहे थे. कई दिन से मैं भी तो तुम्हारे लिए ही रुकी हुई थी. जिस दिन तुम्हारे पिताजी ने तुम्हारे बारे में बताया, लगा जैसे तुम्हारे आने पर जिंदगी पूरी हो जाएगी. बस मन में ठान लिया कि तुम्हें तो पाना ही है. लोग तो पैसे लेकर खड़े थे. तुम्हारा भाव लग रहा था, लेकिन तुम तो फ्री हो ना आखिर मुझे मिल ही गए. बता नहीं सकती कितनी खुशी हुई थी मुझे सभी लोगों के सामने जब तुम मेरे पास आए थे तब.

ये बातें नहीं हैं पसंद...

जियो तुम बहुत अच्छे हो, लेकिन तुम्हारी कुछ बातें मुझे पसंद नहीं आतीं. ये सभी आज बताना चाहती हूं.

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 मुकेश अंबानी: फाइल फोटो

तुम्हारे पापा ने तुमको बड़े लाड़ से पाला है. वो तुम्हारी बड़ाई करते नहीं थकते, लेकिन जब तुमने किसी से रिश्ता बनाया है तो उसे सच्चाई बताना भी तो जरूरी है. अरे अगर कम स्पीड है तो है, आखिर कौन भला ऐसा होता है जिसमें कुछ न कुछ कमी न हो. उसे ऐसे छुपाना और तारीफों के पुल बंधना भी तो सही नहीं है. गुस्सा तो अर्नब गोस्वामी पर भी आता है जो हर बारे में सवाल उठाते है, लेकिन तुम्हारी इस लेट लतीफी पर कोई प्रश्न नहीं. अरे ऐसा क्यों?

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आज दो दिन हो गए तुम्हारी तरफ से कोई कॉल नहीं आई. लेट लतीफी देखो फेसबुक पर फोटो भी नहीं पोस्ट कर पाई. अब हर चीज बतानी पड़े ये जरूरी तो नहीं है ना. अब क्या बताऊं तुम नहीं रहते तो मन ही नहीं लगता. फिर भी मन में ये सोच लेती हूं कि बस कुछ समय और इंतजार फिर आ ही जाओगे. वो दोहा है ना कबीर का...

धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय, माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय।

अर्थ : मन में धीरज रखने से सब कुछ होता है. अगर कोई माली किसी पेड़ को सौ घड़े पानी से सींचने लगे तब भी फल तो ऋतु आने पर ही लगेगा!

हाल ही में बातें हो रही हैं कि तुमने अपने वादे पूरे नहीं किए. आखिर क्या कमी छोड़ी तुमने वादे पूरे करने में. फ्री रिलेशनशिप का मतलब समझाया तुमने मुझे. लेकिन अब लोग बोलने लगे हैं कि तुम जाने वाले हो. 3 दिसंबर तारीख भी सुना दी इसकी. अरे ऐसा कैसे कर सकते हैं वो. दो प्यार करने वालों को कोई जुदा करता है भला. कैसे बीतेंगे दिन तुम्हारे बिना. आखिर कैसे चलेगा काम. आदत सी पड़ चुकी है इस फ्री रिलेशनशिप की. मत जाओ जियो...

तुम्हारी,

प्रेमिका

लेखक

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