वो 4 कारण जिनकी वजह से बर्बाद होने से बच गई सैमसंग
जहां एक ओर पिछले साल सैमसंग का मार्केट गैलेक्सी नोट 7 की काली छाया से घिर गया था, वहीं इस साल पहली तिमाही में ही सैमसंग ने अपनी जगह वापस बना ली है. तो आखिर कैसे हुआ ये जादू?
-
Total Shares
सैमसंग के दिन पिछले साल के मुकाबले इस साल बेहतर होते नजर आ रहे हैं. पिछले साल नोट 7 की त्रासदी के बाद अब 2017 की पहली तिमाही में सैमसंग कंपनी 4.3 प्रतिशत की ग्रोथ पर है. IDC (इंटरनेशनल डेटा कॉर्पोरेशन) के मुताबिक पिछले साल इसी तिमाही में सैमसंग ने 332.2 मिलियन यूनिट्स बेचे थे और अब इस साल 347.4 यूनिट्स बेचे हैं.
सैमसंग गैलेक्सी नोट 7 के कांड के बाद भी सैमसंग ने किसी अन्य प्लेयर से ज्यादा हैंडसेट्स बेचे. कंपनी ने एपल से नंबर 1 स्मार्टफोन मेकर की सत्ता दोबारा छीन ली है.
सैमसंग गैलेक्सी नोट 7 के घाटे से कंपनी धीरे-धीरे उबर रही है
सैमसंग कंपनी के बारे में ये भी कहा जाने लगा था कि वो नोकिया की राह पर चल गई थी, लेकिन इस कंपनी ने अपनी सत्ता वापस हासिल कर ली. नोकिया ने कई गलतियां की थीं, लेकिन जहां तक सैमसंग का सवाल है अपने पुराने अनुभवों से सैमसंग ने सीख ली है. 1938 में फिश एक्सपोर्टर के तौर पर शुरू हुई कंपनी सैमसंग 80 अलग-अलग बिजनेस कर चुकी है. कंपनी 40 लोगों से शुरू हुई थी और अब देखिए इसे पहचान पाना भी मुश्किल है कि ये कौन सी कंपनी हुआ करती थी. सैमसंग ने अपने शुरुआती दौर की असफलताओं को हमेशा दरकिनार कर आगे बढ़ने की ठानी है और यही हुआ है सैमसंग नोट 7 की असफलता के बाद, लेकिन आखिर ऐसी कौन सी बातें हैं जिनके कारण सैमसंग इतने बड़े नुकसान से भी उबर गई.
1. समय पर निर्णय लेना....
नोट 7 के कारण कंपनी को लगभग 17 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है. हालांकि, सैमसंग ने इसे एक बार वापस लेकर दोबारा रीलॉन्च करने की कोशिश की थी, लेकिन सैमसंग को एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी और कंपनी ने बिना देरी किए नोट 7 का प्रोडक्शन रोक दिया. इस निर्णय को समय पर लिया गया निर्णय इसलिए कहा जाएगा क्योंकि ये सब सिर्फ एक तिमाही में ही हो गया. अपना समय कंपनी ने गैलेक्सी S8 की लॉन्चिंग पर दे दिया और ये फोन अभी तक सक्सेसफुल साबित हुआ है.
2. मार्केट स्ट्रैटजी....
गैलेक्सी नोट 7 की त्रासदी सैमसंग को महंगी जरूर पड़ी, लेकिन कंपनी की मार्केट स्ट्रैटजी की तरफ देखें तो शानदार वापसी हुई है. जिस फ्लैगशिप को साल का सबसे बड़ा फोन माना जा रहा था वो फेल हो गया. उसके सामने मार्केट में गूगल पिक्सल XL, गैलेक्सी S7 एज और गैलेक्सी S7 मौजूद थे. एंड्रॉयड के अलावा, आईफोन 7 भी मार्केट में था, लेकिन यहां एक फायदा सैमसंग को हुआ S7 के मार्केट में होने का. गूगल पिक्सल फोन अच्छा है लेकिन गूगल मार्केट को सही भुना नहीं पाया. आईफोन 7 प्लस जहां सैमसंग गैलेक्सी नोट 7 का कड़ा प्रतिद्वंद्वी था वहीं मांग और सप्लाई के बीच कमी के कारण वो दब गया. इसका पूरा फायदा गैलेक्सी सीरीज को मिला.
25 नवंबर को ब्लैक फ्राइडे डील्स में गैलेक्सी S7 के खरीदारों के लिए काफी आकर्षक डील्स थीं. हालांकि, बाकी डील्स भी बेहतर थीं, लेकिन किसी भी हैंडसेट ने गैलेक्सी नोट 7 के खाली मार्केट को भरने में बाकी कॉम्पटीटर्स फेल साबित हुए.
3. इनोवेशन....
सैमसंग ने गैलेक्सी S8 के साथ काफी इनोवेशन दिखाई. जहां एज टू एज डिस्प्ले आईफोन लाने के बारे में सोच रहा है वहीं सैमसंग ने ये कर दिया. गैलेक्सी S8 में इनोवेशन काफी है और इसलिए सैमसंग का मार्केट इससे सुधरता दिख रहा है. हालांकि, अभी ये सिर्फ कोरिया में बिक रहा है, लेकिन क्रिटिक्स ने इसकी तारीफ की है और जल्द ही ये बाकी देशों में भी लॉन्च होगा. इसके बाद सैमसंग का प्रॉफिट और बढ़ने की संभावना है.
गैलेक्सी एस8 को इनोवेशन के मामले में काफी सराहा गया है
4. रिप्लेसमेंट....
नोट 7 भले ही मार्केट से निकल गया हो, लेकिन फिर भी सैमसंग के पास इसका रिप्लेसमेंट अगली तिमाही में ही आ गया. इसके अलावा, जहां एक ओर गैलेक्सी S7 और S7 एज की कीमतें कम हो गई थीं तो मार्केट में सैमसंग की पकड़ उतनी ढीली नहीं हुई जितनी हो सकती थी. सैमसंग कंपनी के पास एक प्रोडक्ट जाते ही उसी रेंज के अगले तीन प्रोडक्ट मौजूद थे.
ये भी पढ़ें-
गैलेक्सी S8 के भारतीय 'ग्राहकों को' सावधान हो जाने की जरूरत!
आपकी राय