मोबाइल के विज्ञापन में कैमरा देखते वक्त आंखें और दिमाग खुले रखने की जरूरत है!
क्या कैमरों की क्वालिटी वैसी होती है, जैसा कंपनियां दावा करती हैं? जो तस्वीर फोन बेचते वक्त आपको दिखाई जाती है, क्या वह सच्ची होती है? सैमसंग ने अपने Galaxy A8 Star फोन को बेचने के लिए जो किया, वो देखकर तो आपको सभी मोबाइल के कैमरों पर शक ही होगा.
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सेल्फी के जमाने में कोई भी शख्स फोन लेने से पहले उसका कैमरा जरूर देखता है. यही वजह है कि मोबाइल कंपनियां भी कैमरे पर अधिक फोकस कर रही हैं. कई फोन तो सिर्फ सेल्फी या तस्वीरें खींचने के नाम पर ही बेचे जाते हैं. कंपनियां भी ब्लर इफेक्ट, ब्यूटी इफेक्ट और न जाने क्या-क्या फीचर कैमरे के साथ दे रही हैं. कोई एक कैमरा दे रहा है तो कोई दो... कुछ तो 4 कैमरे तक पहुंच चुके हैं. लेकिन क्या कैमरों की क्वालिटी वैसी होती है, जैसा कंपनियां दावा करती हैं? जो तस्वीर फोन बेचते वक्त आपको दिखाई जाती है, क्या वह सच्ची होती है? सैमसंग ने अपने Galaxy A8 Star फोन को बेचने के लिए जो किया, वो देखकर तो आपको सभी मोबाइल के कैमरों और उनकी क्वालिटी पर शक ही होगा.
दूसरे की तस्वीर अपनी बता दी
सैमसंग ने मलेशिया में Galaxy A8 Star की मार्केटिंग के लिए एक ऐसी तस्वीर का इस्तेमाल किया है, जो डीएसएलआर से खींची गई है, ना कि Galaxy A8 Star स्मार्टफोन से. सैमसंग ने मलेशिया वेबसाइट के पेज पर उस तस्वीर को डालकर ये दावा किया है कि पोर्ट्रेट मोड से फोटो खींचने पर ऐसी ही तस्वीर आती है, जबकि वह तस्वीर एक डीएसएलआर कैमरे की है. सैमसंग जैसी कंपनी अपने ग्राहकों के साथ ऐसी धोखाधड़ी कर सकती है, इसका अंदाजा तो किसी को नहीं होगा.
सैमसंग ने डीएसएलआर से खींची तस्वीर को अपने फोन से खींचा हुआ बता दिया.
किसकी है ये तस्वीर?
जिस तस्वीर को सैमसंग कंपनी अपने Galaxy A8 Star स्मार्टफोन से खींचे जाने का दावा कर रही है, वह तस्वीर दरअसल, एक सर्बियन फोटोग्राफर और लेखिका Dunja Djudic की है. यह तस्वीर खींची भी उन्होंने है और उस तस्वीर में भी खुद वही हैं. उनका दावा है कि इस तस्वीर को उन्होंने अपने Nikon D7000 डीएसएलआर कैमरे से Helios 44M-4 58mm f/2 लेंस के जरिए खींचा था. उन्होंने तो कंपनी पर यह भी आरोप लगाया है कि तस्वीर को फोटोशॉप कर के इस्तेमाल किया गया है. अपनी बात को पुख्ता साबित करने के लिए उन्होंने इस पर एक पूरा आर्टिकल लिखा है, जिसमें उन्होंने असली तस्वीर शेयर की है, जो उन्होंने खींची थी.
यह तस्वीर एक सर्बियन फोटोग्राफर और लेखिका Dunja Djudic की है.
बैकग्राउंड बदला, फेस पर कलर करेक्शन किया
Dunja Djudic के आर्टिकल के अनुसार उनकी तस्वीर को सैमसंग ने सिर्फ अपना कहकर इस्तेमाल ही नहीं किया है, बल्कि उनकी तस्वीर के साथ छेड़छाड़ भी की गई. तस्वीर के बैकग्राउंड को बदला गया, उनके चेहरे पर कलर करेक्शन किया गया और उनके बालों के रंग को भी बदला गया. बैकग्राउंड को तो इसलिए बदलना पड़ा क्योंकि ब्लर इफेक्ट दिखाना जरूरी था. इससे भी बड़ी बात ये है कि फोटोशॉप करने वाले शख्स ने उनकी आंखों में दिखने वाली रक्त कोशिकाओं को भी गायब कर दिया. दरअसल, उन्होंने यह तस्वीर EyeEm को बेच दी थी. हो सकता है कि सैमसंग ने इस तस्वीर को उनसे ही खरीदा हो, लेकिन एक डीएसएलआर की तस्वीर को अपने फोन से खींची हुई तस्वीर कहने का मतलब साफ है कि ग्राहकों से धोखा किया जा रहा है.
तस्वीर के बैकग्राउंड को बदला गया, ताकि ब्लर इफेक्ट दिखाया जा सके.
हुवावे ने भी इस्तेमाल की थी डीएसएलआर की तस्वीर
ऐसा नहीं है कि सैमसंग पहली ऐसी कंपनी है, जिसने ग्राहकों को धोखा देने का काम किया है. इससे पहले हुवावे (Huawei) कंपनी ने अपने Nova 3 स्मार्टफोन के कैमरे की क्वालिटी दिखाने के लिए कुछ तस्वीरें खींचने का एक वीडियो जारी किया था. उसमें एक तस्वीर ऐसी थी, जिसमें एक्ट्रेस के पूरा मेकअप किए बिना ही उसकी तस्वीर खींच ली गई, लेकिन Nova 3 के स्मार्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने उसे ऐसा बना दिया, मानो महिला ने पूरा मेकअप किया हो. लेकिन एक ट्वीट ने कंपनी की पोल खोल दी, जिसमें साफ दिख रहा था कि वह तस्वीर डीएसएलआर से ली जा रही है, ना कि किसी मोबाइल फोन से.
سارة الشامي ، نزلت الصورة التانية بعشوائيه وتلقائيه لكواليس اعلان موبايل هواوي الجديد اللى بيستخدموا فيه كاميرا بروفيشنال علي اساس انها كاميرا الموبايل ???? الماركتينج راح ف داهيه ???? pic.twitter.com/vC0Awkz5ew
— انا كبهير انبهرت ® (@alyelbassel) August 19, 2018
ये तो वो मामले हैं, जो पकड़ में आ गए हैं. वरना पता नहीं कितने मोबाइल फोन को डीएसएलआर की तस्वीरें दिखाकर बेच दिया गया होगा. न जाने कितने ही ग्राहकों के साथ अब तक धोखा हो चुका होगा. कंपनियों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह अपने मोबाइल फोन को बेचते समय जो तस्वीर दिखाते हैं और कैमरे की क्वालिटी का जो दावा करते हैं, उन पर ग्राहक आंख बंद कर के भरोसा कर लेते हैं. लेकिन सैमसंग ने जो किया है, उसे देखकर तो लग रहा है कि आंख बंद कर के भरोसा करने के बदले कंपनियां ग्राहकों की आंखों में धूल झोंक रही हैं.
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