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Updated: 15 नवम्बर, 2022 06:05 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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'मैं 25 साल की हो गई हूं और मुझे मेरे फैसले लेने का पूरा अधिकार है. ऐसा समझो, मैं आज से आपकी बेटी नहीं.' श्रद्धा वाल्कर ने डेटिंग एप पर मिले हत्यारे प्रेमी आफताब अमीन पूनावाला के साथ लिव-इन में रहने के लिए अपने पिता से यही शब्द कहे थे. और, जब किसी को पता हो कि आपके पीछे देखने वाला कोई नहीं बचा है. तो, उस समय किसी को भी आसानी से चोट पहुंचाई जा सकती है. मुंबई की श्रद्धा वाल्कर के साथ भी यही हुआ. क्योंकि, आफताब को पता था कि श्रद्धा की पूछ-परख रखने वाली मां 2020 में ही मर चुकी थी. और, पिता विकास मदन वाल्कर से खुद श्रद्धा ने ही संबंध बिगाड़ लिए थे. और, वह अपनी बेटी की खोज-खबर न के बराबर रखते थे. तो, आफताब ने 18 मई को श्रद्धा की गला घोंटकर हत्या कर दी. और, लाश को 35 टुकड़ों में काटकर आसानी से ठिकाने भी लगाता रहा. वैसे, आफताब को प्रेमी से लेकर शातिर हत्यारा बनाने तक में इंटरनेट एक बड़ा मददगार साबित हुआ. आइए जानते हैं कैसे?

रिलेशनशिप बनाने के लिए बंबल डेटिंग एप

मुंबई में रहते हुए श्रद्धा जिस कॉल सेंटर में काम करती थी. हत्यारोपी आफताब भी वहीं काम करता था. और, आफताब में वो सभी गुण थे. जो श्रद्धा जैसी एक आजाद ख्याल लड़की अपने प्रेमी में देखना चाहती है. दरअसल, आफताब इंटरनेट की मदद से बंबल डेटिंग एप के जरिये श्रद्धा से मिला था. जिसमें आफताब ने खुद को फेमिनिस्ट, समलैंगिकता का समर्थक, फोटोग्राफर, फूड ब्लॉगर, शेफ जैसे कई गुणों का स्वामी बता रखा था. और, इसे ही देखते हुए श्रद्धा ने आफताब से नजदीकियां बढ़ाईं. इस बात में शायद ही कोई दो राय होगी कि आफताब का खुद को नारीवादी और समलैंगिकता पर खुले विचारों वाला बताना श्रद्धा के लिए सबसे बड़ा आकर्षण रहा होगा.

Shraddha Murder Case from making relationship with Shraddha to Murder Internet kept helping Aftab Amin Poonawalaआफताब और श्रद्धा की तस्वीरें देख किसी को उसके गायब होने का शक होना मुश्किल था.

रिश्ते को मजबूती देने के लिए भी इंटरनेट

आफताब और श्रद्धा अपने रिश्ते को लोगों के सामने दिखाने के लिए खूब सारी तस्वीरें साझा करते थे. यहां भी आफताब के लिए उसका फोटोग्राफर वाला गुण इंटरनेट पर एक बड़े मददगार के तौर पर रहा. जबकि, श्रद्धा के दोस्तों शिवानी महात्रे और लक्ष्मण नाडर का कहना था कि आफताब और श्रद्धा का रिश्ता अच्छा नहीं था. और, आफताब उसके साथ मारपीट करता था. लेकिन, इन तमाम आरोपों के बावजूद श्रद्धा के सहकर्मियों, दोस्तों और परिजनों को इंटरनेट पर पड़ी तस्वीरें यही भरोसा दिलाती थीं कि सब कुछ ठीक है. मुंबई छोड़कर दिल्ली आने से पहले आफताब और श्रद्धा हिमाचल प्रदेश घूमने गए थे. वहां की तस्वीरें देख श्रद्धा के दोस्तों को उसकी खैरियत का अहसास होता रहा.

हत्या के बाद भी दोस्तों से होती रही 'श्रद्धा' की बात

इंस्टाग्राम जैसी सोशल मीडिया साइट्स पर श्रद्धा और आफताब के तथाकथित खूबसूरत रिश्ते की तस्वीरें भरी पड़ी थीं. लेकिन, ये सब कुछ सिर्फ लोगों को भरमाने के एक तरीके के तौर पर इस्तेमाल किया गया था. क्योंकि, आफताब ने जब 18 मई को श्रद्धा की हत्या की थी. और, उसकी लाश को 35 टुकड़ों में काट डाला था. इसके बावजूद जून तक वह श्रद्धा के इंस्टाग्राम अकाउंट को चलाता रहा था. और, आफताब इस दौरान श्रद्धा के दोस्तों से बातचीत करता रहा. ताकि, सबको लगता रहे कि श्रद्धा जिंदा है. यहां भी इंटरनेट ही कॉमन प्वाइंट था. इतना ही नहीं, पड़ोसियों को शक न हो. इसके लिए आफताब ने बंबल डेटिंग एप के जरिये श्रद्धा की हत्या के 15-20 दिनों के भीतर ही नई गर्लफ्रेंड बना ली.

गूगल पर खोजे लाश का खून धोने के तरीके

श्रद्धा की गला घोंटकर हत्या करने के बाद आफताब के सामने बड़ा सवाल यही था कि लाश का क्या होगा? लेकिन, उसने बिना किसी घबराहट के बड़ी आराम से गूगल पर खून को साफ करने के तरीके खोजे. और, जब श्रद्धा की लाश के टुकड़े किए, तो आफताब ने बाथरूम में खून साफ करने के लिए उन्हीं तरीकों का इस्तेमाल किया. केमिकल के जरिये फर्श साफ किया. और, लाश के टुकड़ों को रखने के लिए बड़ा सा फ्रिज भी खरीद लाया. वैसे, आफताब ने एक पांच सितारा होटल में शेफ के तौर पर प्रशिक्षण भी लिया था. और, इसी वजह से उसे श्रद्धा की लाश के टुकड़े करने में आसानी हुई.

लाश ठिकाने लगाने के लिए देखी डेक्स्टर वेब सीरीज

श्रद्धा की गला घोंटकर हत्या करने के बाद आफताब ने इंटरनेट पर लाश को ठिकाने लगाने के तरीके खोजना शुरू कर दिया. आफताब ने इंटरनेट पर खून साफ करने के तरीके खोजे. जिससे वह पकड़ में न आ सके. और, इसी दौरान उसे एक अमेरिकन क्राइन थ्रिलर वेब सीरीज डेक्स्टर मिली. जिसमें एक सीरियल किलर की दो अलग-अलग जिंदगियां थीं. एक जिंदगीं में वो फोरेंसिक एक्सपर्ट के तौर पर काम करता है. और, दूसरी जिंदगी में वो सीरियल किलर है. डेक्स्टर वेब सीरीज की तरह ही आफताब भी महीनों तक दो जिंदगियां जीता रहा. एक में आफताब नौकरी पर जाता. और, दूसरी में श्रद्धा की लाश के टुकड़ों को ठिकाने लगाता था.

कुछ सालों में इंटरनेट बनेगा बड़ी मुसीबत

हत्या से लेकर लाश को ठिकाने लगाने तक के तरीकों से इंटरनेट भरा पड़ा हुआ है. Dexter जैसी क्राइम-थ्रिलर वेब सीरीज इकलौती नहीं हैं. ऐसी सैकड़ों वेब सीरीज हैं. जो कत्ल करने के अलग-अलग और अनोखे तरीकों से लोगों का मनोरंजन करने की कोशिश करती हैं. लेकिन, इन्हीं वेब सीरीज को देखकर बहुत से लोग अपराध करने के तरीके भी खोज लेते हैं. क्योंकि. इंटरनेट पर इस तरह के कंटेंट मुफ्त से लेकर मामूली से शुल्क पर उपलब्ध हो जाते हैं. कहना गलत नहीं होगा कि कुछ सालों में इंटरनेट एक बड़ी मुसीबत बनने की ओर बढ़ रहा है.

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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