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Updated: 09 सितम्बर, 2015 08:26 PM
अभिषेक पाण्डेय
अभिषेक पाण्डेय
  @Abhishek.Journo
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सपने हम सब देखते हैं, चाहे जागती आंखों से देखें या सोते हुए. जागती आंखों से देखे सपने पूरा होने की बहुत सी कहानियां हैं लेकिन शायद ही आप जानते हों कि नींद में देखे गए सपनों के कारण कई महान आविष्कार हुए और कई बार लोगों की जानें भी बचीं. चौंक गए न आप! लेकिन ये बातें बिल्कुल सच हैं. तो चलिए आपको बताते हैं सपनों की ऐसी हकीकत कि आप हैरान हुए बिना नहीं रह पाएंगे.

हम कितना सपना देखते हैं: औसतन कोई आदमी एक रात में 4-6 सपने देखता है. लेकिन इसमें से 90 फीसदी जागने के 10 मिनट के अंदर ही भूल जाता है.

जिंदगी के 6 साल सपनों में: शायद आप इस पर यकीन न कर पाएं लेकिन एक व्यक्ति अपने पूरे जीवनकाल के करीब छह साल सपने देखने में गुजारता है.

दिमाग की गतिविधिः आपको लगता होगा कि सपने देखने के दौरान हमारा दिमाग शांत रहता है. लेकिन दिमाग सपने देखने की कुछ अवस्था के दौरान जागने से भी ज्यादा सक्रिय रहता है. इस अवस्था को रैपिड आई मूवमेंट यानी कि आंखों की तीव्र गतिशीलता कहा जाता है, जोकि कोई गंभीर सपना देखने के दौरान होता है. ऐसे सपनों के दौरान पूरा शरीर शिथिल रहता है जोकि शरीर को सपने के अनुसार काम करने से रोकता है.

सपनों से सीखते हैं आपः रिसर्च से यह बात साबित हुई है कि सपने आपको सीखने और समस्याओं का समाधान करने में मदद करते हैं. सपने दिमाग के एक तरीके की तरह हैं, जो नई जानकारियों को समझाते हैं. अक्सर लोग सपनों के दोबारा देखने को महसूस करते हैं. जिनका संबंध हमारे आसपास की और हमसे जुड़ी उन चीजों से होता है, जिनके बारे में हमे समझने की जरूरत होती है.
 
ब्लाइंड सपनेः ऐसे लोग जो जन्म से अंधे नहीं थे लेकिन बाद में उन्होंने आंखों की रोशनी खो दी, ऐसे लोग सपनों में परछाई देखते हैं. लेकिन जन्म से अंधे लोग सपनों में कुछ नहीं देखते हैं. लेकिन फिर भी वे सपने देखते हैं लेकिन उन्हें अलग अनुभूति होती है.

अफेयरः सबसे सामान्य जिस सपने के बारे में ज्यादातर लोगों ने बताया, उसमें उन्होंने अपने पार्टनर को किसी दूसरे के साथ अफेयर करते हुए देखा. ये सपने किसी दुःस्वप्न की तरह होते हैं और कई बार ऐसे सपने के बाद लोग जागने के बाद भी गुस्से में रहते हैं. इसलिए अगली बार ऐसा सपना देखने पर इसे व्यक्तिगत तौर पर न लें.

रात में स्खलनः इसे वेट ड्रीम्स के नाम से भी जाना जाता है, यह ऐसी प्रक्रिया है जिसमें सपने देखने के दौरान लोगों को ऑर्गेजम महसूस होता है. ऐसे सपने अक्सर किशोरावस्था में आते हैं लेकिन ये व्यक्ति के जीवन में कभी आ सकते हैं. एक स्टडी के मुताबिक सभी पुरुष और महिलाओं द्वारा देखे जाने वाले सपनों में से 4 फीसदी का परिणाम ऑर्गेजम के रूप में सामने आता है. एक रात में औसतन एक पुरुष 4-5 बार स्खलन कर सकता है और इनमें से प्रत्येक की अवधि 20-30 मिनट हो सकती है.

जाग्रत सपनेः विभिन्न तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए इन लोगों ने अपने सपनों को नियंत्रित करना सीखा है और इसमें वह उड़ने, दीवारों से गुजरने या समय में पीछे यात्रा करने जैसी रोचक चीजें करते हैं.

आविष्कारः आश्चर्यजनक तौर पर दुनिया के कई बड़े आविष्कार सपनों की वजह से हुए हैं. जैसे कि जेम्स वॉटसन, जिन्होंने डीएनए की डबल हेलिक्स स्पाइरल सरंचना का सपना देखा था. या हेलियस होव, जिन्होंने सिलाई मशीन देखी और दिमित्री मांडेले, जिन्होंने पीरियॉडिक टेबल का सपना देखा.

भविष्य का सपनाः ऐसे कई हैरानी भरे मामले रहे हैं, जहां लोगों ने उन चीजों का सपना देखा जोकि बाद में उनके साथ हुईं. आप कह सकते हैं कि इन लोगों ने सपने में भविष्य की झलक देखी. इस रहस्यमय प्रक्रिया ने लोगों को धनी बनाया और यहां तक की जिंदगियां भी बचाईं.

स्लीप पैरालिसिसः जागने पर ऐसा महसूस होना कि आप पैरालाइज हो गए हैं और चिल्ला भी नहीं पा रहे हैं और आप अपने कमरे में किसी बुरी आत्मा के होने का अहसास करते हैं. स्टडी के मुताबिक 8 फीसदी से कम लोग स्लीप पैरालिसिस का अहसास करते हैं.

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लेखक

अभिषेक पाण्डेय अभिषेक पाण्डेय @abhishek.journo

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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