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Updated: 22 जून, 2017 11:09 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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रिलेशनशिप की बात जहां भी आती है वहां लड़कियों का पलड़ा थोड़ा सा भारी ही लगता है. ये मैं नहीं कह रही ये कॉमन धारणा होती है. लोगों को लगता है कि लड़कियों के लिए ब्वॉयफ्रेंड बनाना बहुत आसान होता है. लेकिन असल में ये भी उतना ही पेचीदा होता है जितना लड़कों के लिए. शायद यही वजह है कि लड़कियों और उनकी रिलेशनशिप से जुड़े कई एप्स बना दिए गए हैं. मैं यहां डेटिंग एप्स की बात नहीं कर रही. बात यहां उन एप्स की हो रही है जिनका इस्तेमाल करके लड़कियां अपनी रियल या वर्चुअल रिलेशनशिप का पूरा मजा उठा सकती हैं.

सुनने में ये भले ही अजीब लगे, लेकिन ऐसे कई एप्स प्ले स्टोर पर मौजूद हैं. अब ऐसे एप्स की बात निकली ही है तो चलिए लड़कियों के इस्तेमाल के लिए बनाए गए कुछ ऐसे ही एप्स के बारे में जानते हैं.

smartphone appsहर काम के लिए आज एक एप है जिसका इस्तेमाल आप आसानी से कर सकते हैं

 

1. टॉकिंग ब्वॉयफ्रेंड...

गूगल प्ले पर मौजूद ये एप टॉकिंग टॉम जैसा कॉन्सेप्ट जरूर है, लेकिन है कुछ अलग. इसमें आपका वर्चुअल ब्वॉयफ्रेंड आपसे चैट करेगा. एक वर्चुअल चैटबोट (एक प्रोग्राम जो आपसे चैटिंग करता है) आपकी हर तरह की चैट का जवाब देगा. ब्रैडली नाम का ये चैटबोट आपसे फ्लर्ट करेगा, आपको लव मैसेज भेजेगा और इसी के साथ आपसे किसी भी टॉपिक पर बात कर लेगा.

smartphone appsये एप आपसे वही बोलेगा जो आप सुनना चाहते हैं.

2. ब्वॉयफ्रेंड ट्रैकर...

जैसा सुना वैसा पाया.. इस एप का नाम जैसा है वैसा ही काम भी है. इसे बनाने वाले ने तो डिस्क्रिप्शन में लिख दिया है कि अगर आपके ब्वॉयफ्रेंड की मर्जी हो तो इसे इंस्टॉल कर दीजिए उसके फोन में. इसे देखकर प्यार का पंचनामा फिल्म का वो फेमस डायलॉग जरूर याद आ जाएगा जब हीरो कहता है, 'क्या जरूरत थी ऐसा एप बनाने की जिससे हर मिनट आपको ट्रैक किया जाए. अगर रास्ते में कहीं रुक भी गए तो गर्लफ्रेंड का फोन आ जाएगा कि 3 मिनट से वहां क्यों खड़े हो....'.

ये एप भले ही सीधा-साधा लगे, लेकिन वाकई क्या इसकी जरूरत है? मतलब हर तरह से पर्सनल स्पेस खत्म कर दी जाए.

smartphone appsजेम्स बॉन्ड को एक लेवल ऊपर लेकर शायद ये एप डिजाइन किया गया है

3. पॉकेट ब्वॉयफ्रेंड गो...

अगर आपने पिछले साल पोकीमॉन गो के बारे में सुना है तो आपको ये गेम भी समझ आ जाएगा कि ये गेम क्या करता है. काम बिलकुल वैसा ही है बस इस गेम में लड़कियों को पोकीमॉन की जगह ब्वॉयफ्रेंड पकड़ने के लिए सड़कों पर उतरना होगा. जैसे ही ब्वॉयफ्रेंड मिले उसे बॉल मारिए और वो आपके कलेक्शन में शामिल हो जाएगा.

smartphone appsपोकीमॉन गो की तरह ही ये एप भी काम ऑगमेंटेड रिएलिटी पर करता है.

4. ब्वॉयफ्रेंड कैल्कुलेटर....

आपकी जिंदगी में कितने पुरुष आए. उन्हें रेटिंग दीजिए, पाईचार्ट बनाइए, अलग-अलग पैमानों में नापिए और फिर तय कीजिए कि कौन बेस्ट है. जी हां, जितना फालतू से सुनने में लग रहा है उतना ही है भी.

smartphone appsइस एप के जरिए अपने ब्वॉयफ्रेंड को रेटिंग दें, उसका रिव्यू करें, आपकी जिंदगी में बाकी मर्दों की तुलना में वो कैसा है ये भी चार्ट के जरिए पता करें

5. ब्वॉयफ्रेंड मेकर...

अगर इस सबसे भी मन ना भरे तो अपना अलग वर्चुअल ब्वॉयफ्रेंड बना लें. इसमें उसे गे भी बनाया जा सकता है. इसके अलावा, आप उसे अपनी पसंद के कपड़े पहनाइए, अपनी पसंद का नाम दीजिए, उसके साथ खेलिए. कुछ भी कीजिए....

smartphone appsअपना स्टाइलिश ब्वॉयफ्रेंड डिजाइन करें और उससे बतियाएं

संत कबीर कह गए हैं...

अति का भला न बोलना, अति की भली न चूप,अति का भला न बरसना, अति की भली न धूप।

मतलब कि किसी भी चीज की अति बहुत बुरी होती है. कबीर की ये सीख हम स्मार्टफोन्स और एप्स से जोड़कर देखेंगे तो लगेगा कि असल में एप्स जिन्हें जरूरत के लिए बनाया जाता है वो इतने अजीब कामों के लिए बनाए जा रहे हैं कि एक बार तो इन्हें बनाने वाले पर भी अचंभा हो जाता है. लेकिन इतनी ही चौंकाने वाली बात ये भी है कि इन्हें इस्तेमाल करने वाले भी कम नहीं हैं.

स्मार्टफोन का जमाना है और एप्स का इस्तेमाल किए बिना अब शायद हमारा दिन ही ना पूरा हो. इसीलिए तो दिन पर दिन नए एप्स बन रहे हैं और एप इंडस्ट्री 2017 में 77 बिलियन डॉलर की हो गई है.

स्मार्टफोन अब हमपर इतना हावी हो गया है कि फेसबुक और इंस्टाग्राम अपडेट करना एक सोशल प्रेशर की तरह लगने लगा है. अब ये आलम है कि असल जिंदगी से परे एक वर्चुअल जिंदगी खुद ही बना दी गई है. अब इस तरह के एप्स का इस्तेमाल शायद आम हो गया है. ब्वॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड से जुड़े एप्स, गेम्स आदि बहुतायत में एपल, एंड्रॉयड स्टोर्स पर मौजूद हैं. मतलब लड़के और लड़कियां अपने पार्टनर के साथ क्या-क्या कर सकते हैं हर उस काम के लिए एक एप है.

शायद अब आने वाले समय में इसी वर्चुअल दुनिया से लोगों को अपना काम चलाना पड़ेगा क्योंकि भारत में असली ब्वॉयफ्रेंड के साथ दिखने में तो वैसे भी खतरा है.

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लेखक

श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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