इंटरनेट की दुनिया में एक सेकण्ड में होता है ये सब
हमारी दुनिया में एक सेकंड पलक झपकाते ही निकल जाता है, लेकिन इंटरनेट की दुनिया का एक सेकंड क्या क्या कर सकता है, जानकर हैरान रह जाएंगे.
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अपने फोन के जरिए हम इंटरनेट पर चौबीसों घंटे एक्टिव रहते हैं. इंटरनेट के मोहजाल में हम अकेले नहीं हैं बल्कि इसकी अपनी एक अलग दुनिया है. हमारी दुनिया में एक सेकंड पलक झपकाते ही निकल जाता है, लेकिन इंटरनेट की दुनिया का एक सेकंड खुद में इतना कुछ समेटे है जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे.
इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले तेजी से बढ़ रहे हैं. 5 साल पहले दुनिया का 31.8% हिस्सा इंटरनेट का इस्तेमाल किया करता था जबकि मौजूदा समय में 46.1% दुनिया ऑनलाइन हो चुकी है. यानि 340 करोड़ लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, और 400 करोड़ लोग इंटरनेट से अभी भी अछूते ही हैं.
इस समय 46.1% दुनिया ऑनलाइन हो चुकी है |
इंटरनेट लाइव स्टैट्स पूरी दुनिया में हो रही एक-एक सेकंड की गतिविधियों के बारे में बताता है. इसके अनुसार-
- एक सेकंड में गूगल पर करीब 54,000 सर्च की जाती हैं. यानि एक दिन में गूगल सर्च पर लोग करीब 300 करोड़ सर्च करते हैं. 1998 में जब गूगल लॉन्च हुआ था तब हर दिन केवल 10 हजार सर्च ही किए जाते थे.
- एक सेकंड में करीब 6000-7000 ट्वीट्स किए जाते हैं. एक मिनट में करीब साढ़े तीन लाख ट्वीट्स, और हर दिन करीब 50 करोड़ ट्वीट्स.
- एक सेकंड में करीब 20 लाख मेल की जाती हैं, जिनमें से 67% मेल स्पाम होती हैं.
- एक सेकंड में इंस्टाग्राम पर करीब 729 फोटो अपलोड किए जाते हैं.
- एक सेकंड में यूट्यूब पर करीब 125,406 वीडियो देख लिए जाते हैं.
- एक सेकंड में स्काइप पर 2,177 कॉल्स की जाती हैं.
- एक सेकंड में फेसबुक पर करीब 20 हजार लोग एक्टिव रहते हैं, और इसी एक सेकंड में 5 नए लोग फेसबुक एकाउंट बना लेते हैं. एक मिनट में 510 कमेंट्स पोस्ट होते हैं, 293,000 नए स्टेटस डाले जाते हैं और 136,000 फोटो शेयर किए जाते हैं.
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इन डाटा के साथ विशेषज्ञों की चेतावनी भी चौंकाने वाली है |
आंकड़ों के साथ चेतावनी भी-
इंटरनेट लाइव स्टैट्स और दूसरे प्लैटफॉर्म से उठाए गए इन डाटा के साथ विशेषज्ञों ने चेतावनी भी दी है, कि स्मार्टफोन हमें प्रेत बना रहा है. इंटरनेट और मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल से हम एकाग्रता खो रहे हैं और महत्वपूर्ण जानकारियां भूलते जा रहे हैं. शोध में पाया गया है कि जो लोग इंटरनेट और मोबाइल का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं वो गलतियां करते हैं, ज्यादा भूलते हैं और उनमें स्थानीय जागरुकता बहुत बदतर होती है. विशेशज्ञों का कहना है कि 'हम रोजाना तकनीक का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन हम इसके प्रभाव को समझ नहीं पाते. हमें शोध से पता चला है कि जो लोग मोबाइल पर इंटरनेट का बहुत इस्तेमाल करते हैं वे संज्ञानातमक विफलताओं के शिकार हैं.'
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आज इंटरनेट के बिना किसी का काम नहीं चलता, न कुछ अच्छा लगता है. एक तरफ ये ज्ञान का भंडार है तो दूसरी तरफ सोशल मीडिया जैसी एक आभासी दुनिया भी. यहां बिताए कुछ लम्हे हमें सुकून देते हैं, लेकिन इसका जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल हमें खोखला कर रहा है. हमें ही रियल और फेक के बीच का फर्क समझना होगा नहीं तो वो दिन दूर नहीं जब इंटरनेट का प्रभाव हमारे सोचने के तरीकों को भी बदल कर रख देंगा.
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