Whatsapp बनाने वाला आखिर क्यों चाहता है कि Facebook delete कर दिया जाए?
फेसबुक के खिलाफ सोशल मीडिया पर एक मुहिम छेड़ दी गई है. ये करने वाले और कोई नहीं बल्कि वॉट्सएप के को-फाउंडर ब्रायन एक्टन ने कहा है कि लोगों को फेसबुक डिलीट कर देना चाहिए. इसके पीछे एक बहुत बड़ा कारण छुपा है.
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फेसबुक का दीवानापन कुछ ऐसा है कि एक दिन के लिए भी उससे दूर रहना मुश्किल हो जाता है. नोटिफिकेशन आते ही फेसबुक देखने और उसके बाद न्यूज फीड को एक बार फिर से चेक करने की सनक अपने सामने आ जाती है. लेकिन ये किस हद तक सुरक्षित है? आपने अगर वॉट्सएप पर अपने दोस्त से किसी मूवी की बात की है तो बुक माय शो का विज्ञापन फेसबुक फीड पर दिखने लगेगा. कभी-कभी तो ऐसा लगता है कि लोगों के ख्यालों में जो आता है उसका विज्ञापन भी फेसबुक की न्यूजफीड पर दिख जाता है.
डेटा सिक्योरिटी को लेकर फेसबुक पिछले कुछ समय से लोगों के निशाने पर है. खास तौर पर तब जब वोटर प्रोफाइलिंग कंपनी केम्ब्रिज एनालिटिका ( Cambridge Analytica ) ने ये रिसर्च पब्लिश की है कि फेसबुक की तरफ से 50 मिलियन यूजर्स का डेटा ट्रंप के पॉलिटिकल कैम्पेन में इस्तेमाल किया गया है. एक तरह से देखा जाए तो सोशल मीडिया के जमाने में ये सबसे बड़ा डेटा लीक कहा जा सकता है.
इस रिसर्च के बाद से ही फेसबुक को लेकर गुस्सा लोगों के मन में है. अब वॉट्सएप के कोफाउंडर ब्रायन एक्टन ने एक ट्वीट कर लोगों को फेसबुक डिलीट करने की सलाह दी है.
It is time. #deletefacebook
— Brian Acton (@brianacton) March 20, 2018
इसके बाद से ही हैशटैग डिलीट फेसबुक ट्रेंड कर रहा है. गौर करने वाली बात ये है कि 2014 में खुद फेसबुक ने ही वॉट्सएप को खरीदा था. ब्रायन ने इसके बाद वॉट्सएप का साथ छोड़कर खुद का नया स्टार्टअप शुरू किया था और उनके साथ जैन कुओम (Jan koum) अभी भी कंपनी के साथ हैं.
फेसबुक कंपनी के लिए पिछले कुछ दिन काफी भारी रहे हैं. Cambridge Analytica कंपनी की रिसर्च के बाद ब्रायन का ये ट्वीट असल में काफी मायने रखता है. अगर बात करें सिक्योरिटी की तो Cambridge Analytica फर्म ने बड़ी ही आसानी से फेसबुक यूजर्स का डेटा ले लिया था. फर्म ने एक क्विज बनाया जिसका नाम था 'thisisyourdigitallife' और यूजर्स का डेटा ले लिया. बिना किसी जानकारी के इस डेटा के आधार पर एल्गोरिथ्म बनाए और 2016 में ट्रंप के कैम्पेन के दौरान इसी एल्गोरिथ्म की मदद से वोटरों की मनोस्थिती समझना और कैम्पेन में मदद करने का काम हुआ था.
अगर इस तरह से देखें तो न जाने कितने लोग रोज़ाना थर्ड पार्टी एप्स का इस्तेमाल करते हैं, उसके रिजल्ट शेयर करते हैं, न जाने कितने फेसबुक क्विज का हिस्सा बनते हैं और अपने पर्सनल डेटा को खतरे में डालते हैं. फेसबुक की पॉलिसी पर सवाल उठ रहा है कि आखिर इतनी आसानी से कोई कैसे डेटा ले सकता है.
इस ट्विटर ट्रेंड ने फेसबुक के खिलाफ ही काम किया है और लोग वाकई इस बारे में सोच रहे हैं कि फेसबुक डिलीट कर दिया जाए. कुछ लोग इसका समर्थन कर रहे हैं तो कुछ इसके विरोध में भी हैं.
I deleted Facebook over a month ago. This is what I wrote when they asked why: #DeleteFacebook pic.twitter.com/xs4c1o2hsN
— basak layic (@bblayic) March 20, 2018
Imagine if everyone really did #DeleteFacebook? How would we survive without being able to see that person you never really spoke to at school, on holiday in Kavos?
— Tony Shepherd (@tonysheps) March 20, 2018
#DeleteFacebook I have decided to go door to door showing people photos of my cats instead!
— Michael Clarke (@Mr_Mike_Clarke) March 20, 2018
With or without Cambridge analytica, I can, on all major platforms, target millions of people in any niche with any of my opinions / views. The #DeleteFacebook movement feels like a heavily misinformed bandwagon in which FB are the singular scapegoat for a new powerful ad world.
— Steven Bartlett (@SteveBartlettSC) March 20, 2018
#DeleteFacebook is a thing. pic.twitter.com/6lnRchom1d
— Justin Hendrix (@justinhendrix) March 20, 2018
#DeleteFacebook FAKEBOOK SOLD YOU ALL OUT, WHY BECAUSE THEY COULD. SOLD YOUR DATA AND PUT YOU ALL AT RISK. THIS IS A COMPANY YOU REALLY WANT TO DO BUSINESS WITH? NOT ME NEVER FAKEBOOK! pic.twitter.com/WgRjJwHDm2
— mary c. joyce (@marycjoyce2) March 20, 2018
In case you haven't already figured this out, it's time to delete your @facebook accounts, guys. #DeleteFacebook
— Amee Vanderpool (@girlsreallyrule) March 20, 2018
कुल मिलाकर हमेशा से फेसबुक सिक्योरिटी के बारे में कही जाने वाली बातें सच साबित हो रही हैं. फेसबुक पर हमेशा थर्ड पार्टी एप्स से सावधान रहने को कहा जाता है, लेकिन यूजर्स बिना किसी संकोच इस चेतावनी को नजरअंदाज कर देते हैं. इसके अलावा, अपनी प्राइवेसी सेटिंग्स को भी नजरअंदाज किया जाता है. सोशल मीडिया की दुनिया में अपनी सुरक्षा की स्वयं ही जिम्मेदारी होती है और इसका ध्यान रखना जरूरी है.
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