iPhone X है एपल के लिए सबसे बड़ा रिस्क...
एपल iPhone 8, iPhone 8 plus और iPhone X के साथ एपल ने एक बड़ा रिस्क लिया है. अगर ये दांव गलत रहा तो कंपनी को बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है.
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iPhone 8, iPhone 8 plus और iPhone 10 यानी iPhone X लॉन्च हो चुके हैं. एपल के ये तीनों फोन पिछले सभी फोन्स से बेहतर हैं. हों भी क्यों न, iPhone की 10वीं सालगिराह पर जो लॉन्च हुए हैं. ये तीनों फोन अपनी-अपनी जगह बहुत बेहतर हैं, लेकिन क्या iPhone X लॉन्च करना क्या एपल का सही फैसला है? जहां तक मार्केट के हालात दिख रहे हैं, iPhone X लॉन्च कर एपल ने एक बहुत बड़ा रिस्क लिया है.
iPhone 8 और iPhone 8 plus क्यों नहीं लुभाते...
iPhone के मामले में हर साल कुछ नया और धमाकेदार होने की उम्मीद की जाती है. अब यहीं अगर iPhone 8 और iPhone 8 plus की बात की जाए तो ये दोनों ही iPhone 7 और iPhone 7 plus से थोड़े ही अपग्रेड हुए हैं. हर बार अपग्रेडे हुए फोन पिछले फोन की तुलना में थोड़े फीके ही लगते हैं. ऐसा ही iPhone 6 और 6S के साथ हुआ था. हालांकि, 6S अपने साथ के एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स की टक्कर का था. यहीं अगर iPhone 8 और 8 plus को देखा जाए तो इस समय उसी रेंज में जो एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स आ रहे हैं वो बेजल-लेस, डिस्प्ले और लगभग उन सभी फीचर्स के साथ आ रहे हैं जो iPhone 8 और 8 plus में हैं.
अब यहीं सोचिए कि कुछ ज्यादा नया मिलना नहीं है, डिजाइन में कोई ज्यादा फर्क नहीं है तो वो यूजर्स जिनके पास iPhone 7 या 7S है वो भला iPhone 8 और 8 plus में क्यों अपग्रेड करेंगे. और इसके अलावा, वो यूजर्स जिनके पास कोई भी iPhone नहीं है उनके लिए सस्ता iPhone 7 और 7 plus और अन्य एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स जैसे गैलेक्सी S8, गैलेक्सी नोट 8, एलजी V30 जैसे फोन भी एक बेहतर विकल्प बन सकते हैं. जो डिजाइन और फीचर्स के मामले में बेहतर हैं.
ऐसा नहीं है कि iPhone 8 और 8 plus की बिक्री नहीं होगी या ये कोई खराब फोन है. इन्हें भी लाखों लोग खरीदेंगे और इन्हें खराब बिलकुल नहीं कहा जा सकता, लेकिन फिर भी ये एक फैक्ट है कि महज थोड़ी सी अपग्रेडिंग के लिए किसी नए फोन में इन्वेस्ट करना बेहतर निवेश तो नहीं कहलाएगा.
iPhone X और उसके वादे...
iPhone X के साथ एपल ने कई तरह के वादे किए हैं. इसका फेसआईडी सबसे लोकप्रिय फीचर है. फिर भी ये कैसे काम करेगा और किस तरह से लोग इसे अपनाएंगे ये कहा नहीं जा सकता. खुद ही सोचिए अभी तक फेशियल रिकॉग्निशन तकनीक का क्या असर हुआ है. गूगल से लेकर सैमसंग तक सभी इसे लेकर फेल हुए हैं. अगर ऐसा ही कुछ एपल iPhone X के साथ हुआ तो एपल के लिए बहुत बड़ा रिस्क होगा ये.
पहला तो ये बहुत महंगा है. दूसरा ये भारत में अमेरिका की तुलना में 40 हजार महंगा है. तीसरा ये दो महीने बाद लॉन्च होगा और तब तक दिवाली जैसा बड़ा त्योहार निकल जाएगा. iPhone X की तुलना में कई हैंडसेट्स पहले से ही भारतीय मार्केट में मौजूद हैं. ऐसे में क्या एपल के लिए iPhone X भारत में फायदे का सौदा साबित हो सकता है?
iPhone X में फिंगरप्रिंट स्कैनर नहीं है, इस फोन में हैडफोन जैक नहीं है, इस फोन की कीमत बहुत ज्यादा है और सिर्फ भारत में ही नहीं अमेरिका में भी इस फोन को खरीदने के लिए लोगों को लगभग 1000 डॉलर (64000 रुपए) खर्च करने होंगे. iPhone 8 और 8 plus कोई खास अपग्रेड नहीं हैं और ऐसे में iPhone फैन्स के लिए iPhone X एक अच्छा ऑप्शन समझ आता है. पर इसके देरी से आने के कारण एपल इन्वेस्टर्स के शेयर से लेकर मार्केट में इसकी डिमांड तक सब कुछ गिर सकता है. अभी से ही ये खबरें आने लगी हैं कि जब iPhone X आएगा तब भी इसकी सप्लाई कम होगी. अगर ऐसा रहता है तो दो महीने तक एपल के लिए इंतजार करने वाले लोगों को और निराशा होगी.
एपल के बारे में बहुत पहले से ये कहा जा रहा है कि कंपनी बेजल-लेस डिस्प्ले वाला फोन लाएगी, लेकिन उसे ये फोन लाने में इतना समय लग गया कि मार्केट में उसके प्रतिद्वंद्वी खड़े हो गए. ये कहा जा रहा है कि 6 साल की मेहनत से iPhone X में फेसआईडी बनाया गया है. अगर इसके बाद भी फेसआईडी में थोड़ी भी परेशानी हुई तो बिना होम बटन और बिना फिंगरप्रिंट सेंसर वाला iPhone X कंपनी को भी निराश कर सकता है.
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