ज्यादातर भूकंप हिमालय क्षेत्र में ही क्यों आते हैं ?
भारत में महसूस किए जाने वाले ज्यादातर भूकंप का केंद्र हिमालय में ही होता है. ये विशाल पहाड़ महाविनाश से जुड़ा कौन-सा राज अपने भीतर समेटे हैं और क्यों-
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करीब चार करोड़ वर्ष पहले भारतीय उपमहाद्वीप यहीं यूरेशियाई प्लेट से टकराया था. इसकी वजह से हिमालय पर्वत का निर्माण हुआ. यह पर्वत आज भी प्रतिवर्ष एक सेंटीमीटर ऊपर ऊंचा उठ रहा है. इसी हलचल के कारण अकसर इस इलाके में भूकंप आते हैं. दुनिया के सबसे खतरनाक भूकंपों में से एक-
हिमालय और इसके आसपास ही क्यों आते हैं भूकंप
हिमालय के नीचे 300 मीटर की गहराई में काली मिट्टी है, जो कि प्रागैतिहासिक झील का अवशेष है, जिसकी वजह से भूकंप ज्यादा तीव्रता वाले आते हैं. अध्ययनों से यह जाहिर हुआ है कि यहां मिट्टी के द्रवीकरण की वजह से बड़ा भूकंप आने का खतरा बना रहता है.
क्यों सबसे खतरनाक है यह जोन
हिमालय पर्वत के भूकंप वाले जोन में रहने वाले ज्यादातर लोगों के घर पत्थरों से बने हैं. नेपाल के अलावा भारत में कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, उत्तर-पश्चिमी राज्य शामिल हैं. इसके अलावा तराई वाला भारतीय इलाका काफी घना बसा है. ऐसे में कोई बड़ा भूकंप आने की स्थिति में यहां नुकसान की आशंका ज्यादा होती है.
क्या होता है धरती के भीतर
हिमालय के नीचे धरती की दो परतें हैं, जो आपस में घर्षण करती रहती हैं. उसी से कंपन होता है. विशेषज्ञों का कहना है कि भूकंप के केंद्र से जो ऊर्जा निकलती है वह किसी परमाणु बम से कम नहीं होती. यह धरती की परतों को चीरते हुए सतह तक आती है. भारतीय उपमहाद्वीप की परतें 5.5 सेंटीमीटर की दर से उत्तर की ओर खिसक रही हैं. कई बार ये आपस में टकराती हैं.
पृथ्वी की बाहरी सतह पर 50 से 100 किलोमीटर तक की मोटाई की सात प्रमुख पट्टियां प्रमुख भूकंप जोन हैं. ये परतें (प्लेटें) इसी लावे पर तैरती रहती हैं और इनके टकराने से ऊर्जा निकलती है, जिसे भूकंप कहते हैं. |
दो भूकंप जोन हैं भारत में
लगातार टक्कर से परतों की दबाव सहने की क्षमता खत्म होती जाती हैं. परतें टूटने के साथ उसके नीचे मौजूद ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं. इस वजह से हिमालय क्षेत्र में भूकंप आता है. भारतीय उपमहाद्वीप को भूकंप के खतरे के लिहाज से सीसमिक जोन 2,3,4,5 जोन में बांटा गया है. पांचवा जोन सबसे ज्यादा खतरे वाला माना जाता है. पश्चिमी और केंद्रीय हिमालय क्षेत्र से जुड़े कश्मीर, पूर्वोत्तर और कच्छ का रण इस क्षेत्र में आते हैं.
चीन में 2008 को हुआ था महाविनाश
हिमालय वाले भूकंप जोन के एक हिस्से पर मौजूद है चीन का शीचुआन राज्य. यहीं पर 12 मई 2008 को आए भूकंप से 70 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई थी. उस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 8 नापी गई थी. दो मिनट के इस भूकंप से घना बसा एक बड़ा इलाका प्रभावित हुआ था.
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