रेल बजट में ये हुआ पहली बार...
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कोई नई रेल चलाने की घोषणा ही नहीं की. पूरा देश इंतजार कर रहा था. पहले लगा कि शायद भूल गए. लेकिन यह तो उनके बजट का हिस्सा था ही नहीं. इस बजट में कुछ और बातें ऐसी हुईं, जिनका देश पहली बार गवाह बना.
-
Total Shares
पिछले दस वर्षों में किराया नहीं बढ़ रहा था. लेकिन दस सालों से चला आ रहा है ये सिलसिला पिछले साल टूटा. 2014 में पहले यूपीए ने किराया बढ़ाया, फिर मोदी सरकार ने. अब फिर किराया जस का तस रखा गया है. लेकिन इस बजट में कुछ ऐसी बातों का उल्लेख हुआ है, जो पहले कभी नहीं हुईं. जैसे-
1. कोई नई ट्रेन नहीं:
किसी रेल बजट में सबसे ज्यादा आकर्षण वाला हिस्सा यही होता था. हर व्यक्ति को इंतजार होता था कि उसके शहर को कौन सी नई ट्रेन मिलने वाली है. लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ. रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने एक भी नई ट्रेन की घोषणा नहीं की. हालांकि, इससे वह कंट्रोवर्सी नहीं हुई, कि रेल मंत्री ने अपने इलाके को ज्यादा ट्रेन दे दी. और उन्हें दूसरे मंत्रियों और सांसदों का दबाव भी नहीं झेलना पड़ा.
2. मेघालय पहली बार रेलवे मैप पर:
पूर्वोत्तर के पहाड़ी राज्य मेघालय में ट्रेन ले जाने की शुरुआत हो गई है. जल्द ही यह राज्य भी रेल के जरिए बाकी देश से जुड़ जाएगा.
3. सारा जोर सफाई, सुविधाओं पर:
मोदी सरकार के प्रोग्राम की पूरी छाप रेल बजट पर दिखाई दी है. स्वच्छता अभियान और डिजिटल इंडिया. रेलवे में साफ-सफाई के लिए अलग से नया विभाग बनाने की घोषणा हुई है. इसके अलावा ट्रेनों में 17 हजार बायो टॉयलेट लगाए जाने की बात रेल मंत्री ने की है.
4. बड़ी फूड चेन भी सप्लाई से जुड़ेंगी:
ट्रेनों में पैंट्री सुविधा को अलग रूप देते हुए ऑनलाइन फूड ऑर्डर को बढ़ावा दिया जा रहा है. अगले वित्त वर्ष में यात्रा करने वालों को डोमिनोज के पिज्जा और इस तरह की कई बड़ी फूड चेन का मजा ट्रेनों में मिल सकेगा. यात्री टिकट बुक कराने के साथ ये फूड ऑर्डर भी ऑनलाइन कर सकेंगे.
5. पेपरलैस यात्रा:
हवाई जहाज की तरह रेलवे भी ऑनलाइन या मोबाइल टिकट बुकिंग की ओर बढ़ रही है. टीटीई के हाथों में एक छोटी सी मशीन होगी, जिसमें पूरा रिजर्वेशन चार्ट डाउनलोड हो जाएगा. यात्री भी अपने मोबाइल पर ही टिकट बुकिंग का कन्फर्मेशन दिखा सकेंगे.
आपकी राय