Akshay Kumar का ये लुक बताता है कि comfort zone से बाहर निकलना आसान नहीं होता
Akshay Kumar ने अपनी फिल्म Laxmmi Bomb के नए लुक से लोगों के हिलाकर रख दिया है. एक किन्नर का किरदार निभाना किसी भी कलाकार के लिए आसान नहीं होता. मेन स्ट्रीम सिनेमा जितने भी हीरो हैं उनमें से ये चैलैंज अभी तक कोई भी नहीं ले सका है.
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ट्रांसजेंडर्स, समलैंगिक या किन्नर को लेकर समाज किस तरह से सोचता है वो बताने की जरूरत तो नहीं है. जहां किन्नर शब्द गाली के रूप में दिया जाता हो वहां कह भी क्या सकते हैं. ज्यादा गहराई में न जाते हुए सिर्फ ये कहेंगे कि Transgender लोगों का जीवन हमेशा से संघर्षपूर्ण रहा और आगे भी रहेगा और समाज का उनके प्रति रवैया भी इतनी आसानी से नहीं बदलेगा. जब तक हिंदी फिल्मों का कोई चहेता हीरो इस सब्जेक्ट पर कोई फिल्म नहीं बनाता. जी हां, अगर समाज को समाजिक बुराई फिल्मों के जरिए दिखाई जाए तो वो किसी भी जागरुकता अभियान से ज्यादा असरदार होती है. और फिलहाल तो समाज को हिला कर रख देने का काम Akshay Kumar कर रहे हैं.
इस नवरात्रि अक्षय कुमार ने अपने नए लुक से लोगों के हिलाकर रख दिया है. अक्षय कुमार की आने वाली फिल्म 'Laxmmi Bomb' का पोस्टर तो पहले से ही चर्चा का विषय बना हुआ था. लेकिन अक्षय ने एक तस्वीर पोस्ट करके सारे शक किनारे कर दिए हैं.
अक्षय कुमार का ये लुक बेहद प्रभावशाली है
'लक्ष्मी बॉम्ब' के पोस्टर में अक्षय को केवल आंखों में काजल डालते दिखाया गया था. इससे लोगों को थोड़ा हिंट तो मिला था कि फिल्म में उनका किरदार कैसा होगा. लेकिन आज तो अक्षय साक्षात साड़ी पहने, माथे पर बड़ी लाल बिंदी लगाए, गले में नेकलेस पहने देवी की मूर्ति के बराबर खड़े दिख रहे हैं. और साड़ी का पल्लू कमर में इस तरह फंसाया है जैसे ये आदतन हो. अक्षय कुमार के इस लुक ने दर्शकों को क्लीन बोल्ड कर दिया है.
अक्षय ने लिखा है- 'नवरात्रि अपने अंदर बसी देवी को नमन करने और अपनी असीम शक्ति का जश्न मनाने के लिए है. इस शुभ अवसर पर, मैं लक्ष्मी का लुक आपके साथ साझा कर रहा हूं. ये वो किरदार है जिसको लेकर मैं उत्साहित भी हूं और घबराया हुआ भी. लेकिन अपने कंफर्ट जोन को खत्म करके ही लाइफ शुरू होती है. है ना?' अक्षय सही कह रहे हैं. कंफर्ट जोन से जो बाहर निकल आया वही असल में सफल है.
अक्षय ने अपने लुक के साथ एक्सपेरिमेंट करते आए हैं
अक्षय कुमार बॉलीवुड के वो अभिनेता हैं जिन्होंने बाकियों की तरह ढेरों फिल्में कीं, खूब पैसे भी बनाए, लेकिन बात जब अपने काम में एक्सपेरिमेंट करने की आई तो अक्षय कुमार कभी हिचके नहीं. उन्हें दर्शकों ने हर रंग में रंगा देखा. action फिल्मों के खिलाड़ी बने तो फिल्मों में कॉमेडी के भी जलवे बिखेरे. कभी करदारों में देशभक्ति की गहनता थी तो कभी एक विलेन जैसी नकारात्मकता भी. उन्होंने फिल्मों में अलग-अलग तरह के किरदार तो किए लेकिन अपने लुक पर भी एक्सपेरिमेंट करने से पीछे नहीं रहे.
दाढ़ी मूछों के साथ कई तरह के प्रयोग किए-
अक्षय कुमार की शुरुआती फिल्मों में भले ही वो क्लीन शेव हों, लेकिन पिछले काफी समय से अक्षय मूछों और दाढ़ी में भी दिखे. फिल्म राउडी राठौर, गोल्ड, रुस्तम और टॉयलेट एक प्रेम कथा में अक्षय कुमार मूछों में दिखे तो Singh Is King और Singh Is Bliing में सरदार बने देखा था. लेकिन फिल्म 'केसरी' में तो वो सरदार के रूप में पहचाने ही नहीं जा रहे थे. बेहद लंबी और घनी दाढ़ी और सिर पर 6 किलो की पगड़ी में अक्षय कुमार ने बहुत प्रभावित किया.
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निगेटिव किरदार में डराया भी-
कभी-कभी फिल्मों में निगेटिव रोल भी किए जिससे उनकी अदाकारी के और भी रंग दर्शकों को दिखाई दें जैसे 'अजनबी', Blue, खिलाड़ी 420, Once Upon A Time In Mumbai Dobaara. लेकिन निगेटिव किरदार को और भी गहनता देने के लिए उन्होंने डरावना लुक भी अपनाया. फिल्म 2.0 में अक्षय बड़े-बड़े दातों और नारंगी आंखों और पंख लगाए दिखे थे. इस लुक में भी अक्षय ने खुद को साबित करने की कोशिश की.
और किस हीरो ने अपने चेहरे के साथ ऐसा एक्सपेरिमेंट किया?
सिर के बाल तक साफ करवा लिए- अक्षय की आने वाली फिल्म हाउसफुल 4 में अक्षय कुमार जो किरदार निभा रहे हैं उसमें वो गंजे दिखाए गए हैं. सिर पर एक भी बाल नहीं है. उस वक्त जब बाकी एक्टर नए हेयरस्टाइल के बारे में सोचते हैं तब अक्षय गंजे हो गए. इतनी डेयरिंग सिर्फ अक्षय कुमार में ही है.
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और अब ट्रांसजेंडर- एक किन्नर के रूप में अक्षय कुमार को देखने की कल्पना किसी ने भी नहीं की थी. हालांकि हर एक्टर की तरह अक्षय कुमार भी फिल्मों में लड़की के लुक में दिखाई दिए थे लेकिन वो सिर्फ मजाक तक सीमित था. लेकिन पूरे गेटअप के साथ एक किन्नर का किरदार निभाना किसी भी कलाकार के लिए आसान नहीं होता.
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Comfort zone से अभी तक कोई बाहर नहीं निकला है
आप देख लीजिए mainstream cinema के जितने भी हीरो हैं उनमें से ये चैलैंज अभी तक कोई भी नहीं ले सका है. सलमान खान, आमिर खान, शाहरुख खान, सैफ अली खान और जितने भी नाम आपको याद आते हैं याद कीजिए लेकिन बड़े से बड़े सितारे ने भी सिर्फ निगेटिव किरदार ही अपनाया है, किन्नर किसी भी हीरो ने आज तक अपनी छवि बदलने की कोशिश नहीं की. और जिन्होंने ये हिम्मत की उन्हें सपोर्टिंग एक्टर तो कहा जा सकता है लेकिन हीरो नहीं.
अक्षय कुमार 'टॉयलेट एक प्रेम कथा' और 'मिशन मंगल' जैसी फिल्में करते हैं तो उनपर सरकार की चापलूसी करने के आरोप लगते हैं. वो एयर लिफ्ट, रुस्तम, नाम शबाना, केसरी जैसी फिल्में करते हैं तो उनपर पद्म पुरस्कार पाने की कोशिशों के आरोप लगते हैं. लेकिन सच्चाई ये है कि अक्षय कुमार भेड़ चाल नहीं चलते. वो शारीरिक रूप से जितने फिट हैं फिल्मों में भी लंबे समय तक फिट रहना जानते हैं. और ये फिटनेस रिस्क लेकर ही पाई जाती है. अक्षय कुमार ने आज साबित कर दिया कि वो बॉलीवुड के खिलाड़ी नं.1 ही हैं.
अक्षय 'पैड मैन' बनाकर समाज से जुड़े एक टैबू को सामने लाए तो किन्नर का रोल अदा कर उनके जीवन को भी समाज के समाने लाने की कोशिश करेंगे जिससे कुछ फर्क तो पड़ेगा. हर चीज इंटरटेनमेंट के लिए नहीं होती, कुछ जिम्मेदारियां भी होती हैं. और अक्षय ये जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं. लक्षमी का ये किरदार भी उसी जिम्मेदारी का हिस्सा है.
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