15 अगस्त रिलीज़: बॉलीवुड में मुकाबला बराबरी का है
प्रभास की फिल्म साहो अब 15 नहीं 30 अगस्त को रिलीज़ होगी. साहो के हट जाने से अब ये मुकाबला 'बाटला हाउस' और 'मिशन मंगल' के बीच आ गया है. देखना दिलचस्प होगा कि दर्शकों को अक्षय कुमार की देशभक्ति पसंद आती है यै जॉन अब्राहम की.
-
Total Shares
आजकल उन फिल्मों से बहुत ज्यादा उम्मीदें की जाती हैं जो किसी खास दिन रिलीज़ होती हैं. ईद पर रिलीज़ फिल्मों का फायदा हमेशा से ही सलमान खान को मिलता रहा है. उसी तरह स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त को रिलीज़ होने वाली फिल्मों से भी उम्मीद की जा रही है.
इस दिन तीन फिल्में रिलीज़ होने वाली थीं- बाटला हाउस, मिशन मंगल और साहो. लेकिन खबर है कि साहो अब 15 अगस्त को रिलीज न होकर 30 अगस्त को रिलीज़ होगी. साहो के प्रोड्यूसर्स का कहना है कि ''हम ऑडियंस को बेस्ट देना चाहते हैं. एक्शन सीक्वेंस को फाइनल करने के लिए हमें थोड़ा और वक्त चाहिए. रिलीज डेट को स्वतंत्रता दिवस से शिफ्ट किया जा रहा है, लेकिन हम स्वतंत्रता और देशभक्ति के महीने में ही साहो की रिलीज चाहते हैं. हम साल की सबसे बड़ी फिल्म को बड़े पैमाने पर लाना चाहते हैं.''
खबरों की मानें तो कहा जा रहा है कि इन तीनों फिल्मों का क्लैश साहो पर भारी पड़ सकता था इसलिए प्रोड्यूसर्स ने डेट आगे बढ़ाई. वो अपनी फिल्म को लेकर कोई चांस नहीं लेना चाहते थे. यानी अब 15 अगस्त को अक्षय कुमार और जॉन अब्राहिम आमने सामने होंगे.
15 अगस्त को रिलीज हो रही हैं ये फिल्में
हमेशा काम करता है इन खास दिनों का गणित
हर निर्माता की कोशिश यही होती है कि वो अपनी फिल्म को उसी वक्त रिलीज़ करे जब उस फिल्म से लोग ज्यादा से ज्यादा जुड़ पाएं. यानी एक तो उस दिन कोई त्योहार हो जैसे ईद या दीवाली, जब लोगों की छुट्टी होती है और माहौल खुशनुमा होता है. तब ज्यादा से ज्यादा लोग छुट्टी का मजा लेने के लिए सिनेमा का रुख करते हैं. और या फिर कोई खास दिन जैसे 26 जनवरी या 15 अगस्त, जब पूरा देश देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत हो. देशभक्ति की फिल्में ज्यादातर इन्हीं दोनों महीनों में रिलीज़ की जाती हैं.
इस साल 26 जनवरी पर भी दो biopic फिल्में रिलीज़ हुई थीं- पहली 'मणिकर्णिका' जिसमें झांसी की रानी बनी थीं कंगना रनौत और दूसरी थी 'ठाकरे' जिसमें नवाजुद्दीन सिद्दिकी ने बाला साहब ठाकरे का रोल निभाया था. लेकिन गणतंत्र दिवस पर लोगों की भावनाओं का सारा फायदा कंगना को मिला और फिल्म सुपरहिट साबित हुई. इस बार भी 15 अगस्त को दो फिल्में आपस में भिड़ रही हैं जो देश से जुड़ी दो महत्वपूर्ण घटनाओं पर आधारित हैं. दोनों ही फिल्में देश और देशभक्ति से जुड़ी हैं, लेकिन सवाल यही है कि दर्शक अपना प्यार किस फिल्म पर लुटाएंगे.
मिशन मंगल vs बाटला हाउस
mission mangal-
फिल्म का नाम है मिशन मंगल जो भारत के पहले मंगल अभियान 'मार्स ऑर्बिटर मिशन' पर आधारित है. जब 5 नवम्बर 2013 को मंगल ग्रह की परिक्रमा करने के लिए आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी सी-25 की ओर से सैटेलाइट छोड़ा गया था. इसकी खास बात ये थी कि भारत पहले प्रयास में ही सफल होने वाला पहला देश था, क्योंकि इससे पहले करीब दो तिहाई अभियान असफल रहे थे. इसके साथ ही मंगल पर भेजा गया ये सबसे सस्ता मिशन भी माना जाता है. मंगलयान का खर्चा सिर्फ 450 करोड़ रुपये था. जबकि नासा ने अपने अमेरिकन मेवन ऑर्बिटर के लिए 6000 करोड़ रुपये खर्च किए थे. भारत यह कारनाम कर दिखाने वाला एशिया का पहला देश बन गया था. मंगलयान को टाइम्स मैगज़ीन ने 2014 के सर्वश्रेष्ठ आविष्कारों में शामिल किया था.
मिशन मंगल के जरिए नासा की महिला वैज्ञनिकोंकी भूमिका भी सामने आएगी
फिल्म में अक्षय कुमार के साथ-साथ विद्या बालन, तापसी पन्नू, कीर्ति कुल्हारी, सोनाक्षी सिन्हा, नित्या मेनन, और शरमन जोशी भी हैं. मिशन मंगल के निर्देशक जगन शक्ति हैं. ये अतरिक्ष पर बनने वाली भारत की पहली फिल्म कही जा रही है. इसलिए अगर इसकी तुलना हॉलीवुड की स्पेस फिल्मों से की जाएगी तो इस फिल्म में खूबियां कम कमियां ज्यादा दिखेंगी.
Batla house
फिल्म 'बाटला हाउस' देश के सबसे विवादित बाटला हाउस एनकाउंटर की सच्ची कहानी पर आधारित है. 19 सितंबर, 2008 को दिल्ली में जामिया नगर के बाटला हाउस इलाके में दो संदिग्ध आतंकियों आतिफ अमीन और मोहम्मद साजिद को पुलिस ने मार दिया था. इंडियन मुजाहिदीन के ये आतंकवादी 13 सितंबर, 2008 को दिल्ली में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में कथित तौर पर शामिल थे और स्पेशल सेल की टीम उन्हें गिरफ्तार करने बाटला हाउस गई थी. लेकिन कई सामाजिक संगठनों ने बाटला हाउस एनकाउंटर को फर्जी बताया था. बाटला हाउस एनकाउंटर में दिल्ली पुलिस के एक इंस्पेक्टर की मौत भी हो गई थी. उम्मीद की जा रही है कि इस फिल्म के जरिए इस एनकाउंटर की सच्चाई लोगों तक पहुंचेगी. इस फिल्म में मुख्य किरदार निभा रहे हैं जॉन अब्राहम. जो इस रोल में काफी प्रामिसिंग लग रहे हैं.
अक्षय कुमार vs जॉन अब्राहम
इन दोनों फिल्मों में लीड रोल निभाने वाले कलाकार भी कम नहीं. दोनों ही पिछले कुछ समय से देशभक्ति की भवना जगा रहे हैं.जॉन अब्राहम की पिछली फिल्में देखेंगे तो उनमें आपको एक ही जैसा पैटर्न नजर आएगा. देशभक्ति और एक्शन. force 2 (2016), पोखरन पर आधारित परमाणु (2018), सत्यमेव जयते (2018), रोमियो अकबर वॉल्टर(RAW)(2018), और अब बाटला हाउस.
इसी तरह का पैटर्न अक्षय कुमार की फिल्मों में भी देखने को मिलता है. अक्षय भी पिछले कुछ सालों से अपनी फिल्मों के जरिए देशभक्ति का ही संदेश दे रहे हैं. एयरलिफ्ट (2015), रुस्तम (2016), जॉली एलएलबी2 (2017), नाम शबाना (2017), टॉयलेट एक प्रेम कथा (2017), पैड मैन (2018), गोल्ड (2018), केसरी (2019) और अब मिशन मंगल.
दोनों ही फिल्में सच्ची घटनाओं पर आधारित हैं. मिशन मंगल देखकर जहां लोग देश की सफलता पर गर्व कर सकते हैं वहीं देश की सेवा में तत्पर दिल्ली पुलिस का अनदेखा सच भी लोगों के सामने होगा. यानी देशभक्ति का डोज़ ये दोनों ही फिल्में बढ़ाने वाली हैं. दोनों ही हीरो एक्शन के मास्टर हैं और देशभक्ति की फिल्मों के जरिए कॉम्पिटिशन में भी हैं. ऐसे में साहो जिसे भारत की सबसे बड़ी एक्शन थ्रिलर बताया जा रहा है वो भी रिलीज़ होती तो शायद सबसे ज्यादा नुकसान जॉन को उठाना पड़ता. लेकिन अब साहो के हट जाने से ये मुकाबला अक्षय कुमार और जॉन के बीच आ गया है. लोगों की पसंद की बात करें तो गेंद अक्षय के पाले में जाती दिखाई दे रही है. और अगर एक्शन के बारे में सोचें तो जॉन बाजी मारते हैं. बाकी तो दर्शक 15 अगस्त को फैसला कर ही देंगे.
ये भी पढ़ें-
'मेंटल है क्या' में जजमेंटल बनाने जैसा कुछ भी नहीं!
एक तो विकी कौशल, ऊपर से सैम मानेकशॉ... सुभान-अल्लाह!
Article 15: कहीं आप भी तो जाने-अनजाने नहीं करते इस तरह का भेदभाव?
आपकी राय