पद्मावती विवाद : जिनकी धमकियों में खिलजी की झलक है...
एक फिल्म अगर भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती है... तो राजस्थान की हालत देखकर शायद सभी राजपूतों को जौहर कर लेना चाहिए....
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हर दिन कोई नया बखेड़ा, कोई नया विरोध, कोई नई धमकी.... ये कुछ समय पहले तक शायद सिर्फ आतंकी देशों में ही देखा जाता था, लेकिन अब ये भारत का भी हाल हो गया है. हर दिन एक नया बवाल हो रहा है वो भी एक फिल्म पर. चलिए ये बात समझ आती है कि भावनाएं आहत होती हैं लोगों की, लेकिन ऐसी भावनाएं कि किसी 16वीं शताब्दी की रानी के मान को बचाने के लिए अभी जिंदा महिला का मान नहीं रखा जाए? कुछ भी कहने से पहले एक ट्वीट देख लीजिए...
Want to congratulate Meerut youth for announcing Rs 5 crore bounty for beheading Deepika, Bhansali. We will reward the ones beheading them, with Rs 10 crore, and also take care of their family's needs: Suraj Pal Amu, Haryana's BJP Chief Media Coordinator pic.twitter.com/IKPL9Di5Fm
— ANI (@ANI) November 19, 2017
सिर काट कर लाने पर 10 करोड़ का इनाम दिया जा रहा है. अब इस मामले में कुछ सवाल सबसे पहले सामने आते हैं...
- 10 करोड़ रुपए ये बीजेपी के ये मीडिया कोऑर्डिनेटर लाएंगे कहां से?
- अगर 10 करोड़ हैं तो पहले इनपर केस होना चाहिए.. IT डिपार्टमेंट क्या कर रहा है...
- अगर है भी 10 करोड़ तो भला उसे लोगों की भलाई के काम में क्यों नहीं इस्तेमाल किया जा रहा है?
- 10 करोड़ अगर नहीं है तो फिर इतना बवाल क्यों?
- जिस लड़की को पूरा विश्व जानता है और भारत को कई जगह वो रिप्रेजेंट कर चुकी है उसके कटे हुए सिर का आखिर करेंगे क्या?
ये सवाल शायद ऐसे इनाम रखने वाले हर इंसान से पूछने चाहिए. सोनू निगम ने जब अजान को लेकर ये कहा था तब हर कोई उनके पीछे पड़ गया था और एक मौलवी ने उस इंसान के लिए 3 लाख का इनाम रख दिया था जो सोनू का सिर गंजा करने वाला था. सोनू ने खुद ही अपना सिर मुंडवा लिया और मौलवी जी पैसे देने के समय बगलें झांकते नजर आए....
इसके पहले करणी सेना ने ये कहा था कि वैसे तो राजपूत किसी महिला पर हाथ नहीं उठाते, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो वो दीपिका को सूर्पनखा बना कर ही छोड़ेंगे.
अभी ताजा मामला सामने आया है जौहर का.. अखिल भारतीय क्षत्रीय महासभा के एक लीडर ने ये कहा कि दीपिका को ये पता होना चाहिए कि जौहर का दर्द कैसा होता है और जिंदा जलने में कैसा लगता है. जो कोई भी दीपिका को जिंदा जलाएगा उसे वो 1 करोड़ रुपए का इनाम देंगे.
मतलब वाह... ये तो एक लेवल और ऊपर चले गए. अब लड़की को जिंदा जला दो.. वो लड़की जो अपना काम कर रही है सिर्फ.. वो लड़की जो अपने हक के लिए बोली है... वो लड़की जो राजपूती आन, बान और शान को पर्दे पर उतार रही है उसे जिंदा जला दो...
राजपूती महिलाओं ने भी तलवार उठा ली है और कहा है कि अब उनकी तलवार लहू पीकर ही मयान में वापस जाएगी... ये भी सही है, लेकिन ये वीर महिलाएं... और करणी सेना जैसे दलों के वीर पुरुष ये बता दें कि अगर इतनी ही आन-बान-शान है और महिलाओं को लेकर इतना ही वो सोचते हैं तो आखिर राजस्थान में महिलाओं की स्थिती क्यों नहीं सुधर रही...
सबसे सुरक्षित राज्य जो महिलाओं के लिए हैं भारत में उसमें भी राजस्थान 22वें नंबर पर आया है. कुछ समय पहले तक तो महिलाओं के लिए क्राइम के मामले में ये चौथे नंबर पर था. आखिर क्यों किसी बच्ची के बलात्कार पर इतना बवाल नहीं किया जाता? क्या वो रानी नहीं थी इसलिए उसकी आन-बान-शान को नहीं देखा जाता. राजस्थान में ही तीन शिक्षकों ने एक स्कूली छात्रा का रेप किया था और कई बार उसका गर्भपात करवाया और इतना परेशान किया कि उसका ब्रेन डैमेज हो गया. इस बात पर क्यों राजपूतों का गुस्सा नहीं भड़का. घटना भी तो जयपुर से महज 100 किलोमीटर दूर की थी.
तब कहां जाता है राजस्थानी राजपूतों का ये गुस्सा जब ऐसी घटनाएं होती हैं महिलाओं के साथ, तब कहां जाता है उनका गुस्सा जब लड़कियों को सरेआम छेड़ा जाता है. तब कहां जाता है ये गुस्सा जब महिलाओं को कोसों दूर से पानी लाना होता है, तब कहां जाता है उनका गुस्सा जब कोई महिला बच्चे को जन्म देते समय मर जाती है. तब तो किसी को गुस्सा नहीं आता.
अगर महिलाओं की शान को लेकर फिल्म में एक गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं है राजपूतों को तो क्यों राजस्थान महिलाओं के विकास के मामले में इतना पिछड़ा हुआ है? हां शायद इसपर भी कोई फिल्ममेकर फिल्म बनाएगा तभी उन्हें समझ आएगा कि ऐसी दयनीय स्थिती में रहने वाली भी महिलाएं ही हैं.
पद्मावती में क्या दिखाया गया है और क्या नहीं इसका फैसला कर लेने और एक लड़की को जिंदा जला देने की धमकी देने वाले राजपूतों को शायद ये नहीं समझ आ रहा कि जिसके खिलाफ वो बोल रहे हैं वो भी एक लड़की ही है. वो भी एक ऐसी लड़की है जो भारत में ही पैदा हुई है.
और रही बात भारत के इतिहास की तो इतने समृद्ध इतिहास में से मुगलों को किताबों से निकालने से लेकर, शहरों के नाम बदलने तक हर बात पर तो इतिहास के साथ छेड़छाड़ हो रही है फिर तब क्यों गुस्सा नहीं निकलता? एक शहर का नाम बदलने पर लाखों रूपए जब नेता फूंक देते हैं तब क्या इतिहास के साथ छेड़छाड़ नहीं होती?
माना भंसाली जी फिल्म दिखाने के नाम पर फैक्ट नहीं बदल सकते, लेकिन क्या ऐसी कोई फिल्म नहीं आई है जब फैक्ट न बदला गया हो? और भला बिना तथ्य के ये कैसे कहा जा सकता है कि संजय लीला भंसाली की फिल्म में पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के बीच कोई ड्रीम सीक्वेंस फिल्माया गया है? ये तो सिर्फ कही सुनी बात है जिसपर इतना बवाल हो रहा है.
अगर एक फिल्म राजपूतों की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती है तो अभी तक जो भी राजस्थान में हुआ है उसके हिसाब से तो करणी सेना को और ऐसी धमकी देने वाले हर इंसान को जौहर कर ही लेना चाहिए....
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