अनुपमा का दुख काहे खत्म नहीं होता, नया ससुराल तो मिला लेकिन तकलीफ वही!
अनुपमा में एक तलाकशुदा, तीन बच्चों की मां और होने वाली दादी ने बड़ी मुश्किल से अपनी जिंदगी को एक और मौका दिया है. आने वाले समय में क्या उसे खुशी मिल पाएगी या वह टेंशन में ही जिंदगी गुजारने वाली है.
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अनुपमा (Anupama) का दर्द है कि खत्म नहीं होता. वह एक जंग को हरा देती है तो दूसरा तैयार हो जाता है. दूसरे को हराती है तो तीसरे की बारी आ जाती है. स्टार प्लस के चहेते शो अनुपमा में एक तलाकशुदा, तीन बच्चों की मां और होने वाली दादी ने बड़ी मुश्किल से अपनी जिंदगी को एक और मौका दिया है. अनुपमा ने जमाने की परवाह न करके अनुज से शादी की और अपने बारे में सोचा, अपनी खुशियों के बारे में सोचा. अब आने वाले समय में क्या उसे खुशी मिल पाएगी या वह टेंशन में ही जिंदगी गुजारने वाली है. अगर दुखी ही रहना था तो इससे अच्छा वह अकेले ही आगे बढ़ती.
अभी अनुपमा अनुज की शादी की रस्में पूरी हो चुकी हैं. वह अपने पुराने ससुराल को छोड़कर अनुज के साथ नए ससुराल आ गई है. फिलहाल तो सब ठीक चल रहा है. अनुपमा अपने अनुज के साथ मुंबई में हनीमून मना रही है, लेकिन आने वाले दिनों में उसकी जिंदगी में तूफान आने वाला है.
जी हां अनुपमा के नए ससुराल वाले उसे मीडिल क्लास के ताने देने वाले हैं. शो में कपाड़िया परिवार के सदस्यों की एंट्री होने वाली है. आने वाले एपिसोड का प्रोमो भी सामने आ चुका है. जिसमें तीन नए किरदार दिखाई दे रहे हैं. कपाड़िया के बड़े बेटे और उनकी पत्नी एक लड़की (अल्मा हुसैन) के साथ अमेरिका से अनुज और अनुपमा के पास आ रहे हैं. यानी सभी परिवार के सदस्य एक ही घर में साथ रहने वाले हैं.
अनुपमा को दुखी, परेशान, लाचार और मजबूर देखने का अब मन नहीं है
आने वाले शो में दिखाया जाएगा कि, अनुपमा एक बार फिर से ससुराल वालों का दिल जीतने में लग जाती है. वह भैया-भाभी (रोहित बख्शी और अश्लेषा सावंत) के दिल में जगह बनाने की पूरी कोशिश करती है. हालांकि भाभी को अनुपमा की मीडिल क्लास वाली आदतें पसंद नहीं हैं. उन्हें अनुपमा की देसी बोली, रहन-सहन और खान-पान से चिढ़ है.
वे हर बात पर अनुपमा को टोकते हुए नजर आने वाली हैं. एक सीन में दिखाया जा रहा है कि भाभी, अनुपमा के साथ एक शॉपिंग मॉल में जाती हैं, जहां अनुपमा कैरी बैग निकालती है इसपर भाभी कहती हैं कि मीडिल क्साल वाली आदतें अब तो छोड़ दो. क्या कपाड़िया खानदान का नाक कटाने वाली हो. हालांकि अनुपमा अपने अंदाज में उनको जवाब देती है.
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इतना तो समझ आ गया है कि कुल मिलाकर आसमान से गिरे खजूर पर अटके वाली बात है. एक ससुराल छूटा तो दूसरा और भी बड़ा वाला मिला. आखिर कब तक अनुपमा ऐसे ही परेशान रहेगी. ऐसे ही टेंशन में रहेगी. ऐसे ही मुश्किलों का सामना करती रहेगी. कुछ तो मेकर्स को अच्छा करने की जरूरत है. वैसे सही है शादी के बाद लड़की के सामने चुनौतियां तो आती ही हैं. बिना इस मसाले के दर्शकों को भी बोरियत होने लगेगी. हमें हमेशा से महिलाओं को ऐसे ही देखने की आदत जो हैं.
सालों से परेशान अनुपमा को दर्शक अब खुश देखना चाहते हैं. वहीं अब अनुपमा एक बार फिर नए ससुराल के हिसाब से खुद को ढालती और बदलती हुई नजर आ सकती है. मुझे तो अब अनुपमा को दुखी, परेशान, लाचार और मजबूर देखने का मन नहीं है. क्या अनुपमा जैसी महिलाएं इसीलिए पैदा होती हैं?
अनुपमा का मकसद जिंदगी में आगे बढ़ना था. दूसरे ससुराल में भी वही दुख, वही रोना-धोना, वही सूजा हुआ उदास चेहरा देखने के लिए नहीं. अब असली परीक्षा तो अनुज की है, देखना है वह अपने परिवार के सामने मुंह बंद रखता है या अनुपमा का साथ देता है.
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