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Updated: 22 अक्टूबर, 2022 10:59 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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शुक्रवार... फिल्मों का दिन. फिल्मों के लिए समर्पित दिन. हर शुक्रवार तमाम फ़िल्में रिलीज होती हैं. कुछ फ़िल्में अपने कंटेंट से, अपनी स्टोरी से बॉक्स ऑफिस पर तलहका मचाती हैं और सुपर डुपर हिट होती हैं. कुछ फ़िल्में फ्लॉप होकर गुमनामी के अंधेरों में चली जाती हैं. आप कुछ कह लें. लेकिन इन दो के अलावा फिल्मों की एक केटेगरी और है. वो फ़िल्में जो आती हैं. कुछ दिन रहती हैं. लोग इन्हें देखते हैं फिर ये पर्दे से उतर जाती हैं. मगर इन पर डिस्कशन होता है. भरपूर होता है. वजह फिल्मों की स्टोरी से लेकर गानों और डायरेक्शन तक कई हैं. और एक्टिंग भी इसी का एक पक्ष है. जिक्र ऐसी फिल्मों का हुआ है तो बतौर दर्शक हम हालिया रिलीज फिल्म बबली बाउंसर को किसी भी हाल में ख़ारिज नहीं कर सकते. फिल्म वीमेन सेंट्रिक फिल्म है. जिसे मधुर भंडारकर ने निर्देशित किया है और एक्टर तमन्ना भाटिया फिल्म के लीड रोल में हैं.

Babli Bouncer, Tamannaah Bhatia, Madhur Bhandarkar, Film, film Review, Bollywoodहालिया रिलीज फिल्म बबली बाउंसर में तमन्ना की एक्टिंग मंत्र मुग्ध कर के रख देने वाली है

फिल्म चूंकि तमन्ना भाटिया के इर्द गिर्द है इसलिए उन पर बात करने से पहले हमारे लिए जरूरी है कि हम फिल्म पर बात करें. फिल्म में बबली तंवर (तमन्ना भाटिया) एक छोटे शहर की लापरवाह सी लड़की है. जो दसवीं फेल है और जिसे अपने माता-पिता द्वारा चुने गए लड़के से शादी करना है. वो एक प्रोग्राम में अपनी टीचर के बेटे विराज (अभिषेक बजाज) से मिलती है. उसे प्यार होता है और नौकरी इसलिए करना चाहती है, क्योंकि विराज को काम करने वाली लड़कियां पसंद हैं.

चूंकि बबली एक ऐसे परिवार से है जहां उसके पिता अखाड़ा चलाते हैं और पहलवान तैयार करते हैं. वो अपनी मंजिल को पाने के लिए बचपन के दोस्त कुक्कू की मदद लेती है. कुक्कू की बदौलत बबली दिल्ली के एक पब में बाउंसर बन जाती है. होने को तो फिल्म की कहानी इतनी ही है. मगर क्योंकि एक फिल्म में तमाम तरह के एलिमेंट्स होते हैं, बबली बाउंसर बनाते वक़्त निर्माता निर्देशकों ने इस बात का पूरा ख्याल रखा. बबली बाउंसर में तमाम ऐसे ट्विस्ट और टर्न्स हैं जो फिल्म को एंटरटेनमेंट का एक परफेक्ट पैकेज बनाती है.

ये तो बात हो गयी फिल्म की, इस चर्चा के बाद अब जब हम बबली तंवर बनी तमन्ना भाटिया को देखते हैं. और जब हम उनकी एक्टिंग का अवलोकन करते हैं, तो मिलता यही है कि फिल्म इसलिए भी हैरत में डालती है. क्योंकि जैसी परफॉरमेंस फिल्म में तमन्ना की रही. उन्हें आने वाले वक़्त में इस फिल्म के लिए अवार्ड मिलना ही चाहिए.

बबली बाउंसर में तमन्ना का काम देखने के बाद ये कहना अतिश्योक्ति न होगा कि, जिस सहजता से उन्होंने एक मुश्किल रोल को निभाया। बॉलीवुड में चाहे वो अनन्या पांडे हों या फिर सोनम भट्ट, सारा अली खान, जाह्नवी कपूर, दिशा पटानी इन एक्ट्रेस को तमन्ना से इंस्पिरेशन लेनी चाहिए और एक्टिंग के मद्देनजर पूरा न सही कम से कम आधा ही तमन्ना की तरह हो जाना चाहिए.

हो सकता है उपरोक्त बातें आपको एक फैन की जुबान लगें। तो बताना जरूरी है कि ऐसा बिलकुल नहीं है. यहां बात फैन बेस की न होकर टैलेंट की है. रियल / नेचुरल एक्टिंग की है. इस बात को समझने के लिए हमें तमन्ना के फ़िल्मी सफर या ये कहें कि रुपहले करियर पर नजर डालनी होगी. एक एक्टर के रूप में तमन्ना ने हिन्दी पट्टी में न के बराबर फ़िल्में की हैं. उसके बाद उनके खाते में कुछ म्यूजिक एल्बम आए फिर तमन्ना ने साउथ का रुख कर लिया.

चाहे वो तेलुगु इंडस्ट्री रही हो या फिर कन्नड़ और तमिल सिनेमा एक एक्टर के रूप में तमन्ना जहां जहां रहीं, वहां वहां उन्होंने अपना जलवा बिखेरा. कहना गलत नहीं है कि आज तमन्ना का शुमार साउथ की उन एक्ट्रेस में है जो फिल्म साइन करने से पहले प्रोड्यूसर से मोटा पैसा लेती हैं.

जिक्र दक्षिण का नहीं बल्कि हिन्दी सिनेमा का और उसमें भी बबली बाउंसर और उसमें तमन्ना भाटिया की एक्टिंग का हुआ है. तो जिस तरह साउथ इंडस्ट्री से होने के बावजूद उन्होंने एक ठेठ हरियाणवी लड़की का रोल किया वो काबिल ए तारीफ है. हरियाणवी बोलती और अपने अभिनय के अलावा स्टंट्स से चकित करने वाली तमन्ना को देखकर बार बार यही महसूस हुआ कि जैसे बतौर दर्शक हम लंबे समय से इसे हिंदी फिल्मों में अभिनय करते देख रहे हैं.

कहा गया है कि एक एक्टर की यही खूबसूरती है कि वो पर्दे पर ऐसा अभिनय करे की दर्शक बस मन्त्र मुग्ध हो जाएं. ऐसे में जब हम बबली बाउंसर में तमन्ना को एक्टिंग करते देखते हैं. तो कुछ ऐसी ही अनुभूति होती है. हम फिर इस बात को दोहराना चाहेंगे कि बॉलीवुड में आज जो भी अभिनेत्रियां काम कर रही हैं उन्हें एक एक्टर के रूप में तमन्ना भाटिया के काम को जरूर देखना चाहिए. तमन्ना को पर्दे पर एक्टिंग करते देखकर न केवल वो अभिनय की बारीकियां सीखेंगी बल्कि उन्हें कहीं न कहीं इस बात का भी एहसास होगा कि सही मायनों में एक वर्सटाइल एक्टर होता क्या है.

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बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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