फिल्म तो जब आएगी तब आएगी, फिलहाल पढिए 'दिल चाहता है-2' की कहानी
अगर फरहान ने 'दिल चाहता है-2' बनाई तो उस फिल्म की स्टोरी कैसी होगी. आलिया, परिणीति और श्रद्धा को साथ लेकर फिल्म में कैसा क्लाइमैक्स होगा. शायद कुछ ऐसी होगी फिल्म की कहानी!
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कुछ दिन पहले फरहान अख्तर ने 2001 की सबसे चर्चित फिल्मों में से एक 'दिल चाहता है' के सीक्वेल की बात करके सबको खुश कर दिया था. दिल चाहता है 2 में हिस्सा लेने के लिए आलिया जी ने तो पहले ही फरहान को अपने, परिणीति चोपड़ा और श्रद्धा कपूर के नाम का सुझाव दे दिया था. फिल्म की तारीख को लेकर फरहान ने कोई तारीख नहीं बताई और ना ही इस प्रोजेक्ट के बारे में कुछ कहा, लेकिन अगर 2001 की ये ब्लॉकबस्टर फिल्म फिर से नए अवतार में आई तो इसकी कहानी आखिर होगी कैसी?
सांकेतिक फोटो |
वो फिल्म जो अपने समय से सोच में पहले ही आगे थी, जिसकी मिसाल दी जाती है उस फिल्म का जादू आज के हिसाब से फिर से लेकर आना डायरेक्टर के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा, लेकिन अगर इमेजिन करने पर ही आ जाएं तो आज की फिल्मों के हिसाब से और इन तीनों अदाकाराओं की पर्सनालिटी को देखते हुए कहानी का कुछ अंश शायद हमारे जहन में भी आ सकता है. वैसे भी तीन दोस्तों वाला कॉन्सेप्ट बहुत लोकप्रिय है बॉलीवुड में थ्री इडियट्स, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा, दिल चाहता है आदि में तीन दोस्तों ने मिसाल कायम की है.
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कैसी हो सकती है कहानी...
तो जी कहानी शुरू होती है तीन दोस्तों से आलिया, परिणीति और श्रद्धा जो कॉलेज की छत पर बैठकर आने वाले समय के बारे में सोच रही हैं. तीनों दोस्त स्कूल और कॉलेज में साथ रही हैं और आगे भी अलग होने का ख्याल तक मन में नहीं लातीं, लेकिन जिंदगी ने उनके लिए कुछ और ही प्लानिंग की हुई है. तीनों अपनी-अपनी जिंदगियों में कहीं ना कहीं लड़ रही हैं. कोई अपने प्यार से जिसका दिल वाकई में टूटा है, कोई अपने मां-बाप से जो अपनी ही बेटी को समझ पाने में नाकाम रहे हैं और कोई उस पहचान से जो उसकी दुनिया के सामने है.
आमिर खान के रोल में हो सकती हैं आलिया |
आमिर खान जैसा रोल शायद आलिया को मिलेगा. सैफ अली खान की भूमिका में श्रद्धा फिट बैठेंगी और परिणीति धीर-गंभीर मगर एक अहम हिस्से के तौर पर अक्षय खन्ना की भूमिका में नजर आएंगी. अब जरा सोचिए फनी जोक्स और बिंदास, किसी सी मुसीबत से अपनी बातों के जरिए निकलने वाली आलिया, हर बार किसी के करीब आने पर सच्चे प्यार का अनुभव करने वाली श्रद्धा और अपनी सोच, अपने जमाने से बहुत आगे जाकर किसी रिश्ते को अपनाने के लिए किसी भी हद तक जाने वाली परिणीति की तिगड़ी कितनी आकर्षक होगी. हां, श्रद्धा के मुंह से सैफ का लोकप्रिय "लेकिन मैं...सुनो तो... मगर मैं" वाला डायलॉग बड़ा ही क्यूट लगेगा.
इस बार लड़कियां मुंबई की जगह दिल्ली की भी हो सकती हैं और उनकी रोड ट्रिप हिमाचल के कसोल गांव में भी हो सकती है. 15 साल बाद अब जब दिल चाहता है आएगी तो भी उसे अपने समय से आगे की सोच दिखानी होगी. कसोल गांव में ही किसी बात को लेकर इन तीनों में से दो के बीच लड़ाई होगी और ये ट्रिप उनकी लंबी जुदाई को याद दिलाएगी. 2001 वाली दिल चाहता है में गोवा में तीनो हीरो एक सिग्नेचर पोज में फोर्ट एरिया में बैठे थे ऐसा ही एक पोज इन तीनों लड़कियों का भी दिखाया जाएगा. 2001 के दौर में हर जवान लड़का-लड़की गोवा जाना चाहता था. अब यही दौर किसी हिल स्टेशन का है और यकीन मानिए कसोल की जगह इसमें बहुत ऊंची है. ये तीनों रिवर राफ्टिंग करती, पहाड़ चढ़ती, बाइक चलाती नजर आएंगी और उसी तरह हल्की-फुल्की कॉमेडी होगी.
अक्षय खन्ना की तरह संजीदा दिखेंगी परिणीति |
खैर कहानी को आगे बढ़ाते हैं. तो इस बार लड़ाई इसलिए नहीं होगी कि तीनों में से एक दोस्त दूसरे के पार्टनर के बारे में कुछ कह देगा. बल्कि इसलिए होगी क्योंकि आलिया परिणीति की उस पहचान को ठेस पहुंचा देंगी जो वो दुनिया के सामने दिखाती आई हैं. अब आज के दौर में रिलेशनशिप का झगड़ा ज्यादा बड़ा नहीं रह गया है. लोग दोस्ती तोड़ने से पहले ही रिलेशनशिप तोड़ देते हैं, ऐसा मेरा मानना है.
रिलेशनशिप भी इस फिल्म में ज्यादा आगे होगी. आलिया को प्यार उस मोड़ पर होगा जब उसकी जिंदगी दोराहे पर खड़ी होगी. श्रद्धा के साथ कॉमेडी होगी, लेकिन उस कॉमेडी में भी उसके इमोशन छुपे होंगे. परिणीति दोनों दोस्तों के बीच अपनी ही दुनिया में रहेंगी और हां किसी ऐसे इंसान से प्यार कर बैठेंगी जिसे समाज सही नहीं ठहराएगा.
क्लाइमैक्स....
इस बार का क्लाइमैक्स भी उतना ही लाइट होना चाहिए जितना पुरानी फिल्म में था और उसी प्यार-टकरार के साथ तीनों दोस्त मिलेंगे. एक दूसरे की जिंदगी में क्या हो रहा है वो बताएंगे और किसी मुश्किल की घड़ी में एक साथ हो जाएंगे. ये भूलकर की सालों से वो एक दूसरे से दूर थे. शायद इस फिल्म में फरहान खुद भी दिखें.
सैफ अली खान की तरह कन्फ्यूज रहेंगी श्रद्धा |
अंत....
अंत में भी तीनों दोस्त एक ट्रिप पर जाएंगे, लेकिन शायद ये ट्रिप किसी मुश्किल ट्रेक की होगी. ये लड़कियां कालिंदी खाल ट्रेक जैसी किसी मुश्किल चढ़ाई को चढ़ेंगी. दोस्ती, प्यार, करियर, जिंदगी, हंसी-ठिठोली और कुछ क्लासिक कॉमेडी के साथ ये फिल्म इमोशनल बैकग्राउंड पर सफल होगी.
ये तो थी फिल्म की काल्पनिक कहानी, लेकिन मुझे उम्मीद है कि जब कभी भी ये फिल्म आएगी, असल में ये इससे कई गुना बेहतर होगी. 2001 में आई दिल चाहता है कि सबसे अच्छी बात थी उसकी असलियत. दोस्त, करियर, प्यार और जिंदगी. कभी ना अलग होने का सोचने वाले तीन दोस्त ऐसे मोड़ पर आ जाते हैं जब अपनी-अपनी जिंदगी में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि अलग हो जाते हैं और यही तो है जिंदगी. कभी कुछ भी प्लानिंग के साथ नहीं होता.
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आजकल की फिल्मों में हिरोइन ऐसे रोल में सामने आती है जो आज के जामने की बोल्ड लड़की को पर्दे पर उकेरते हैं. रॉक ऑन में अपने सपनों को जीती श्रद्धा, इशकज़ादे में अपने प्यार के लिए मर मिटने वाली और बागी बनी परिणीति, हाइवे में खुद से और परिवार से लड़ती आलिया, ऐ दिल है मुश्किल में प्यार ना मिलने पर खुद्दार महिला की तरह अपने पति को छोड़कर अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जीने वाली अनुष्का, बेफिक्रे में दुनिया की परवाह ना करने वाली वाणी सभी ने अपने-अपने कैरेक्टर के हिसाब से पर्दे पर नए दौर को पेश किया है. बोल्ड एंड ब्यूटिफुल की नई परिभाषा सामने आई है. उम्मीद है कि फरहान इस फिल्म को बनाने के बारे में वाकई सोचें. यकीनन उन्हें तीनों कैरेक्टर पर ज्यादा मेहनत करनी होगी. लड़कियों की दोस्ती दिखाना थोड़ा मुश्किल काम है, लेकिन जब ये फिल्म बनकर सामने आएगी तब ये बेहतरीन होगी.
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