शर्मनाक! बायकॉट के ही लायक हैं करण जौहर और उनकी फिल्म
करण जौहर को अगर ये लगता है कि किसी की बेइज्जती करना फिल्म के अच्छे रिव्यू और बायकॉट रोकने के लिए पैसे देने जितना आसान है तो इस भुलावे में मत रहना, क्योंकि बायकॉट तो हो रहा है.
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'मोहम्मत रफी गाते कम रोते ज्यादा थे', ये सुनकर भले ही बादशाह या जस्टिन बीबर को सुनने वाली जेनरेशन को कोई फर्क न पड़े, लेकिन रफी को सुनने वाले लोग इस डायलॉग से बेहद आहत हुए हैं.
ये डायलॉग इस साल की सबसे कंट्रोवर्शियल फिल्म 'ऐ दिल है मुश्किल' में अनुष्का शर्मा ने बोला है. पता नहीं उन्होंने कैसे बोला होगा ये सब, लेकिन एक्टर्स तो वही बोलते हैं जो स्क्रिप्ट में लिखा होता है. और यहां ये बात साफ हो जाती है कि एक लेजेंड्री सिंगर के बारे में इस तरह की वाहियात बात कहना और उनका मजाक उड़ाना करण जौहर के लिए कोई मायने नहीं रखता.
करण जौहर से फिर खफा हुए लोग |
रफी साहब के फैंस तो जो नाराज हुए सो हुए, जरा सोचिए इस महान शख्सियत के बेटे पर क्या गुजरी होगी. मोहम्मद रफी के बेटे शाहिद रफी को भी पिता के अपमान से बेहद आहत हैं.
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शाहिद का कहना है - 'यह बहुत ही अपमानजनक है. मुझे करण जौहर पर शर्म आ रही है. मुझे उनसे यह उम्मीद नहीं थी. मेरे पिता ने करण जौहर के पिता यश जौहर के लिए गीत गाए और अब उन्होंने यह किया है.'
शाहिद को ताज्जुब उन लोगों पर भी है जिन्होंने ये डायलॉग लिखा, 'जिसने भी यह संवाद लिखा है, वह मूर्ख है. वह नहीं जानता कि रफी साहब कौन थे.'
शाहिद रफी करण जौहर से माफी की उम्मीद कर रहे हैं |
'नुकसान हो चुका है. बहुत सारे लोगों ने फिल्म देखी है. मुझे नहीं लगता कि वह इसे एडिट करेंगे. मैं करण द्वारा इस मामले में एक माफीनामे की उम्मीद करता हूं.'
जब एमएनएस ने फिल्म रिलीज न होने देने की धमकी दी थी तब करण को मजबूरन माफी मांगनी पड़ी थी, क्योंकि तब उनके पास इसके सिवा कोई चारा ही नहीं था. लेकिन इस वक्त तो करण के कान पर जूं नहीं रेंग रही. इस मामले के बाद करण जौहर शांति से बैठे हैं, बेफिक्र.. क्योंकि उनकी फिल्म तो अब बिना किसी बायकॉट के रिलीज हो चुकी है.
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उस वक्त तो थोड़ा बुरा भी लग रहा था कि एक बड़े डायरेक्टर या आर्टिस्ट को यूं माफी मांगनी पड़ रही है. लेकिन अब लगता है कि करण जौहर इसी लायक हैं. वो एक कलाकार का अदब नहीं कर सके, वो एक दिवंगत कलाकार का सम्मान नहीं कर सके. फिल्म के डायरेक्टर होने के नाते करण जौहर ने खुद इस सीन को फिल्माया होगा, लेकिन उन्हें इसमें कोई बुराई नजर नहीं आई.
निरंजन आयंगर जिन्होंने इस फिल्म के डायलॉग लिखे हैं |
यहां जितने दोषी करण जौहर हैं उतने ही इस डायलॉग को लिखने वाले निरंजन आयंगर भी हैं. पर उनके लिए अफसोस होता है कि उन्होंने न रफी को जाना और न ठीक से सुना. तभी तो ऐसी शख्सियत के बारे में इस तरह का डायलॉग लिख दिया. उनके लिए सलाह यही है कि वो रफी को थोड़ा और सुनें, खासकर गुलाबी आंखें जो तेरी देखीं, चांद मेरा दिल चांदनी हो तुम, ये रेश्मी जुल्फें, ये शर्बती आंखे, चौदहवीं का चांद हो, पर्दा है पर्दा, हम भी अगर बच्चे होते.., छुप गए सारे नजारे ओए क्या बात हो गई, आज मौसम बड़ा बेइमान है, ये चांद सा रौशन चेहरा...
आजकल दूसरे की बेइज्जती कर टीआरपी बटोरने का ट्रेंड सा चल पड़ा है. एआईबी के तन्मय भट्ट को लता मंगेश्कर और सचिन तेंदुलकर जैसे महान शख्सियतों की बेइज्जती करने में शर्म महसूस नहीं हुई, फराह खान ने भी अपनी फिल्म 'ओम शांति ओम' में लेजेंड्री एक्टर मनोज कुमार का मजाक उड़ाया था. सोनी पर आने वाले एक शो का तो काम ही लोगों की बेइज्जती करना है. पर करण जौहर को अगर ये लगता है कि किसी की बेइज्जती करना फिल्म के अच्छे रिव्यू और बायकॉट रोकने के लिए पैसे देने जितना आसान है तो इस भुलावे में मत रहना, क्योंकि बायकॉट तो हो रहा है. मोहम्मद रफी का नाम अदब से लेने वाले लोग इसे बर्दाश्त करने के मूड में नहीं हैं.
Rafi Foundation Memorial Society strongly condemns @karanjohar and #AeDilHaiMushkil movie for insulting #RafiSaheb pic.twitter.com/u1QvjZ2pGT
— Rafi Foundation (@Rafi_Foundation) October 28, 2016
One must boycott, The comment about Rafi Saab must be deleted. Perhaps KJo does not know about Rafi Saab. Boycott is the only way out. ???????? https://t.co/N9Gy4Gc1xn
— Mahesh Nautiyal (@MaheshNautiyal2) November 2, 2016
Just heard that Ae Dil Hai Mushkil has a dialog:"Mohd Rafi gaate kam the rote zyaada the." We Conndemn the dialuge writer, producer,director pic.twitter.com/EFtWCqILwD
— Shankar-Jaikishan (@SJFansAssnCal) October 28, 2016
यहां तक कि गोवा के आईपीएस अफसर तक ने इस फिल्म के बहिष्कार की अपील की है.
Md. Rafi was 1 of the greatest singers of India & needs no certificate from any1. If u r Rafi fan boycott this moviehttps://t.co/vuGbI4M3vw
— Muktesh Chander IPS (@mukteshchander) November 1, 2016
ये किसी की धार्मिक भावनाएं नहीं जिन्हें करण जौहर ने आहत किया और जो एक माफीनामे के बाद माफ कर दी जाएंगी, बल्कि ये उस आवाज का रुह से जुड़ा रिश्ता है जो रफी का हर चाहने वाला महसूस करता है, और एक वाहियात डायलॉग ने इस अहसास को हर्ट किया है.
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